मैयाजीक प्रातःकाल सुमिरनः कुर्सों दुर्गास्थानक स्मृति मे

देवी दर्शन

durga-ma-kursonजगज्जननी माँ दुर्गा भवानी – कुर्सों – दुर्गास्थानक गहिंर स्मृति जे बाल्यकाल सँ आइ धरि बनल अछि, सदिखन प्रेरित करैत भवानीक चरणक कृपापात्र बनौने अछि – मैयाजी केर दर्शन सँ गद्गद् हृदय निम्न सुमिरण करैत पाठकवृन्द लेल सेहो मैथिली जिन्दाबाद पर राखि रहल अछि।

सुमिरन
जीवन के भोरे मैया, तोहरे चरण मे हे – २
रखिहऽ सदा हे जननी-२, अपने शरण मे हे! – २
जीवन के भोरे मैया….
 
पहिने जनम देल माता, अपनहि कृपा सँ हे – २
हमरो तूँ पोसलऽ हे मैया, अपने दया सँ हे!
जीवन के भोरे मैया…..
 
बुद्धि आ विद्या हे जननी, तूँही सिखेलह हे – २
ज्ञानी विवेकी बनाकय, दुनिया घूमेलह हे!
जीवन के भोरे मैया….
 
बिगड़ल सम्हारल अम्बे, खसलौं उठेलह हे – २
दीन-दुःखी सब केँ मानल, कनलौं हँसेलह हे!
जीवन के भोरे मैया….
 
नहि चाही सोना-चाँदी, नहि कोनो मेवा हे – २
चाही बस तोहर भक्ति, काज सब पूरा हे!
जीवन के भोरे मैया…
 
हे कुर्सों मातारानी, मन्दिर मे रहिहऽ हे – २
बेटा केँ देखिते हे मैया, कोरा उठबिहऽ हे!
जीवन के भोरे मैया…
 

हरिः हरः!!