जानकीदूत मिथिला अभियानी सुभाषचन्द्र झा

विशिष्ट व्यक्तित्व परिचयः मैथिली कवि-संचारकर्मी सुभाषचन्द्र झा

subhashchandra-jha1मूल ग्राम मधुबनी जिलाक शिवनगर – मैथिली भाषा एवम् मिथिला संस्कृतिक संरक्षण, संवर्धन एवं प्रवर्धन लेल विश्वविख्यात पुरोधा पंडित ताराकान्त झा केर गाम सँ अबैत छथि संचारकर्मी – कवि – कथाकार – मिथिला राज्य अभियानी – पूर्ण समर्पित कार्यकर्ता – जानकीदूत ‘सुभाषचन्द्र झा’।

वर्तमान समय सहरसा कार्यक्षेत्र आ निवासक्षेत्र अछि हिनकर। भले सीमाक एहि पार हो आ कि ओहि पार – विराटनगर, जनकपुर, राजविराज, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, भागलपुर, पुर्णियां, अररिया, सुपौल – सुभाषचन्द्र झा केँ पता टा रहबाक चाही जे आइ विश्वक प्राचीनतम् सभ्यता मिथिला सँ जुड़ल कोनो कार्यक्रमक आयोजन अछि, ओ कोनो न कोनो साधन सहित ओतय पहुँचबे टा करैत छथि। हाल धरि बीसो हजार किलोमीटर यात्रा पूरा कएनिहार कथमपि गीत-गजल आ मनोरंजन लेल नहि अपितु ओहि सभा मे मिथिलाक भाषा, संस्कृति आ जनताक अधिकार प्रति साकांक्ष रहि अपन कविता, लेख, मंचीय प्रस्तुति सेहो दैत जन-गण-मन सँ जुड़ल रहैत छथि।

दैनिक जागरण केर संवाददाता सेहो रहल छथि। मैथिली पत्र-पत्रिका मे हिनकर लेख, कविता आ विचार सब प्रकाशित होएत रहल अछि। भारतीय गणराज्य मे पृथक् मिथिला राज्य केर निर्माण हेतु विभिन्न संघ-संस्था मे सेहो अपन भरपूर योगदान दैत आबि रहल छथि। वर्तमान समय मिथिला राज्य निर्माण सेनाक सचिव आ पूर्वी मिथिला मे संगठन विस्तारक संग कार्यक्रम संयोजकक महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह कय रहला अछि। हिनकर प्रसिद्ध नारा अछि, “तन समर्पित, मन समर्पित, मैथिली-मिथिला लेल सब किछु समर्पित” आर हिनकर सर्वाधिक पसन्दक मैथिली लोकगीत ‘पत्र लिखलनि जे सीता धराधाम सँ, चारि पाँती सुनू राम के नाम सँ”।

सदैव निज स्वाभिमान केँ आत्मसम्मान बुझनिहार सुभाषचन्द्र झा अपन कठिन परिश्रम सँ अर्जित अत्यल्प लाभ केर सदुपयोग मैथिली-मिथिला केर कार्य मे करैत छथि। हिनकर व्यक्तित्व मिथिलाक सुप्रतिष्ठित ऐतिहासिक व्यक्तित्व अयाची मिश्र सँ पूर्णरूपेण मिलैत अछि। कोनो भौतिक अभीष्ट नहि, केवल जनक-जानकी प्रति समर्पणक भाव हिनका यथार्थ विदेह केर रूप मे सेहो देखबैत अछि। हँसमुख, सुन्दर गला आ स्पष्ट मृदुभाषी सुभाषचन्द्र केर ओज नेताजी सुभाषचन्द्र बोस केँ सेहो मंच पर प्रत्यक्ष देखबैत अछि। हिनकर सहजताक प्रशंसा लेल शब्द कम पड़ि रहल अछि।

स्पष्ट छैक जे मैथिली भाषा आ मिथिला संस्कृति विश्वक एक अत्यन्त पौराणिक, ऐतिहासिक आ समृद्ध सभ्यताक रूप मे आइयो येन-केन-प्रकारेण जिबैत अछि आर यैह असाधारण सत्य लेल गोटेक सामाजिक अभियन्ता सुभाषचन्द्र झा समान पृथ्वीपर अपन समर्पित सेवादान सँ एकरा आरो आगाँ धरि जीवन देबाक काज करैत छथि, ताहि हेतु हिनका सब केँ “जानकीदूत” सेहो कहल जाएत अछि।

काल्हि २ जनबरी स्रष्टा झा केर जन्मदिवस छल। हिनकर समर्पण केँ बेर-बेर नमन करैत संपूर्ण अभियान, संचारकर्म, जीविका आदि सुचारू रूप सँ चलैत रहबाक शुभकामना दैत दीर्घायू एवम् सुस्वास्थ्य लेल सेहो कामना करैत छी।

हरिः हरः!!