रामजानकी विवाहपञ्चमी महोत्सव विशेषः जानकीक मटकोर करावए सुनयना गंगासागर पहुँचली
– सुजीत कुमार झा, जनकपुर। दिसम्बर ३, २०१६.
राम-जानकी विवाह महोत्सव केर आइ पाँचम दिन मटकोर समारोहपूर्वक संपन्न भेल अछि । आइ महिलासभक दिन छल । आजुक मोर्चा जनकजीकेर नहि सुनयनाकेँ सम्हारबाक रहन्हि । किशोरीजीकेँ लऽ कऽ माता सुनयना स्वयं अपन सखीबहिनपा संगे तय समय पर जनकपुरक गंगासागर पहुँचल छलीह । गंगासागर जानकी मन्दिरसँ बहुत दूर नहि अछि मुदा पाँच मिनट केर बाट पार करबामे दू घण्टा लागल छल । लोकक भीड़ त एना छल मानू पूरे मिथिलाञ्चल उठिकय एतहि आबि गेल हो ।
मिथिला मे वैवाहिक अवसर ‘मटकोर’ मे सहभागी सौभाग्यवती महिला सबकेँ जहिना तेल, सिन्दुर, आदि देल जाएत अछि ताहि अनुरूपें जनकपुर मे आइ गंगासागरपर महिलासभकेँ टिकुली, सिन्दुर, तेल, अंकुरी, चाउर, मिट्ठा वितरण कएल गेल । गीतनादक बाद सुनयना माता जानकीक विवाहक मरबाक माटि लऽ कऽ बिदा भेलीह मिथिला दरबार अर्थात जानकी मन्दिर । सुनयनाक भूमिकामे रहल निर्मला देवी कहलीह, “आजुक क्षणकेँ शब्दमे वर्णन नहि कएल जा सकैत अछि, मिथिलाञ्चलकसभसँ बड़का उत्सव ।”
जहिना आम मैथिलकेँ मटकोर होइत अछि करीब-करीब एहने जानकीजीके सेहो भेल । निर्मला देवी मटकोरक लेल नव वस्त्रमे गंगासागर पहुँचल छलीह । बीस वर्षसँ निर्मले सुनयनाक भूमिकामे रहैत छथि । “शायद किशोरीजी हमरा ई भूमिकाक लेल बैकुण्ठसँ पठौने छथि”, निर्मला आगाँ कहैत छथि ।
मटकोर देखबाक लेल पूरे गंगासागर भरिगेल छल । फेर ई भीड़ साँझमे मात्र नहि गंगासागरपर भोरेसँ छल । जाहि माटिकेँ लय कय किशोरीजी केर विवाहक मड़वा बनैत अछि ओहि सागरक महत्व बुझबाक लेल घण्टो सँ गंगासागर पर छलहुँ सीतामढीवाली कहलीह । ओ आइ गंगासागरपर स्नान सेहो कएने छलीह ।
जनकपुरक गंगासागरमे स्नान करबाक लेल सभदिन ओहिना भीड लागल रहैत अछि । मुदा आजुक स्नानक अलगे महत्व होएत अछि । मटकोरमे सहभागी कतेको महिला सेहो स्नान कएलीह ।
मड़वाकलेल माटि आनए गेल माता सुनयनाक टोली ओ माटि आनि जानकी मन्दिरक भीतर रखलन्हि । रविदिन भोरमे ओ माटिसँ जानकी मन्दिरक आगा पूब-उत्तरदिस मड़बा बनत । जखन सुनयना माटि लय केँ जानकी मन्दिरमे पहुँचलीह स्वंय महराजा जनक अर्थात मन्दिरक महन्थ रामतपेश्वर दास वैष्णव द्वारपर स्वागत कएने छलथि । ओ स्वागतक क्षण सेहो अभूतपूर्व छल । जनकजी असगरे थोरहे छलाह, हुनका सँग सैकड़ों साधु-संत सेहो रहथि । किशोरीजीक विवाहकेँ लऽ कऽ हुनका सभक चेहरापर प्रसन्नता आ आत्मगौरवक बोध स्पष्ट देखा रहल छल ।
जानकी चारु बहिन केर विवाह भगवान राम चारु भाइ सँ हेतनि । विवाहक तैयारी मिथिला दरबारमे देखल जा सकैत अछि । विवाहक लेल जानकी मन्दिर केँ नवकनियाँ जेकाँ सजाओल गेल अछि । एक त एखन जनकपुर कोनो बाटे पैसब कोनो विशिष्ठ व्यक्तिके विवाह भऽ रहल बुझाइत अछि फेर जानकी मन्दिरमे एलाक बाद अलौकिक वातावरण जकरा शब्दमे वर्णन नहि कएल जा सकैत अछि मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार अयोध्यानाथ चौधरी कहैत छथि ।
जानकी मन्दिरक उत्तराधिकारी महन्थ रामरोशन दास वैष्णव स्वयं स्वीकारैत कहैत छथि, “जानकी मन्दिरकेँ वर्षमे कतेको बेर सजाओल जाएत अछि मुदा विवाहपञ्चमीक चमक अलग रहैत छैक । स्वंय रामजानकी कतहु रहिकय स्वयं जेना ई उत्सव देखैत होइथ तेहेन प्रतीत होएत अछि ।”
मिथिलहि टा मे एहेन उत्सव छल से नहि, अयोध्यो दरबारमे कम चहल पहल नहि, ओत्तहु ओतबे उत्साहक माहौल देखाएत रहल। रविदिन बेटाक विवाह अछि, बरियातीक लेला धोती कुर्ता सभकेँ आइरन कराकय बरियातीसभ मोछ पिजा रहल छलथि । हुनकासभकेँ बुझल छन्हि, आओर जेहेन हुअय मुदा भोजनपानीक लेल मिथिला विश्वविख्यात अछि । कतेको रसगुल्ला टुटत । मिथिला दरबार तिलकोत्सवेमे भार पठाकऽ देखा चुकल अछि, हरेक चीजमे सर्वश्रेष्ठ साँठ सँ बरियाती केँ आगूक उम्मीद बनि गेल छन्हि ।
फेर आइ रामोजीकेर मटकोर भेलन्हि । ओहुठाम मातासभ रामक मटकोरक लेल सक्रिय रहथि । भगवान रामकेर मटकोर प्रत्येक वर्ष जेकाँ धनुषसागरमे भेल । मिथिला बेटीके गीतनाद गाबि मटकोर कएलक त आई अयोध्यो दरबार सेहो एहि विधमे पाछु नहि रहल । मातासभ सेहो कसिकय गीतगाइनसभकेँ तयारी कऽकऽ अनने छलीह ।
मिथिला आ अयोध्या दरबारमे सहनाईसभ बाजए लागल अछि । आइ मिथिलाक लोक रातिमे सुतत से नहि लागि रहल अछि । सभ विवाहक तैयारीमे डूबल अछि । संसारक सभसँ सुन्दर जोड़ीक विवाह जे होयत ।
जानकीक विशेष आरती
मटकोर करए गंगासागर पहुँचल जानकीजीकेर विशेष आरती कएल गेलन्हि । गंगासागर घाटपर तीनगोटे पण्डितद्वारा ओ आरती कएल गेल । ओ स्थलमे प्रत्येक साँझ अढाई वर्षसँ गंगा आरती होएत आबि रहल अछि । सेभ हिस्टोरिकल जनकपुरक आयोजनामे होवयवला संगीत प्रधान आरतीकेर एहि क्षेत्रमे बहुत चर्चा होएत अछि । जानकी स्वंय मटकोरक लेल पहुँचल छलीह, बिना पूजापाठक कोना बिदाह कएल जएतन्हि। ताहि हेतु पूजापाठ आ आरती कएल गेल सेभ हिस्टोरिकल जनकपुरक अध्यक्ष रामअशिष यादव कहलन्हि ।