राम-जानकी विवाह महोत्सव मे तिलक चढेबाक उत्सव संपन्न

रामजानकी विवाह महोत्सव विशेषः तिलकोत्सव सम्पन्न, आब विवाहक तैयारी

– सुजीत कुमार झा, जनकपुर। दिसम्बर २, २०१६ ।

sujeet-jha2आइ अयोध्या दरबारक दिन छल, भगवान रामकेँ छेकबाक दिन छल । आब ओ चाहिओ कऽ दोसर विवाह नहि कऽ सकैत छथि । जनकपुरक ऐतिहासिक राम मन्दिरक महन्थ अपनाकेँ दशरथजीक भूमिकामे देखल गेलाह । जेना राम मन्दिर अयोध्या दरबारकेँ प्रतिनिधित्व करैत अछि तहिना राम मन्दिरक महन्थ राम गिरी दशरथजीक भूमिका निर्वाह कएलन्हि ।

tilkotsav9राम-जानकी विवाहोत्सव मे सब रेबाज निभेबाक ७ दिनक कार्यक्रम मध्य रामजीकेँ आई तिलक छलन्हि । जानकी मन्दिरसँ समधीजीकेर अबाइ छल । भरि राति निन्न नहि भेल । भोरे स्नान ध्यान कऽ तिलकक तैयारीमे लागि गेलहुँ राम मन्दिरक महन्थ राम गिरी कहलन्हि । एहने स्थिति जानकी मन्दिरक सेहो छल । बेटी विवाहक तिथि पक्का करबाक छल । तिलकक बाद समधि नहि पाछाँ हँटता हुनका विश्वास छल । जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णव कहैत छथि, “हमरो भरि राति निन्न नहि भेल, भोरे भगबतीक पूजा कएलाक बादसँ तिलक केर तैयारीमे लागल छलहुँ ।

tilkotsav8भगवान रामक तिलकोत्सव मे मिथिलाक विशिष्ट पूरी-पकवान-सनेश सहित भरिया सब भार लय केँ जेबे करत, ढोल नगारा बजबे करत । दू चारि दस गोट कर-कुटुम्बकेँ लइये जाय पड़तैक । जानकी मन्दिरमे सब ओरियानक हड़बड़ाहट आ सब दिस उत्साह प्रत्यक्ष देखाएत छल । फेर ओ समय आएल जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णवक नेतृत्वमे २ सय ५१ टा भार परम्परागत शैलीमे राम मन्दिर अर्थात मिथिला दरबारसँ अयोध्या दरबार पहुँचल ।

tilkotsav7वैह त्रेता युग जेकाँ उत्साह!! जाहि बाटे जनकजी जाएत छलाह लोकक उत्सुकता आइयो तहिना देखायल । फूल मालासँ हुनका स्वागत कय रहल अछि लोक सब । अयोध्या दरबार क्षेत्रमे एलाक बाद जनकजीकेँ सेहो मीठ-मीठ गारि सुनबाक लेल भेटलन्हि, समैध जे छलाह त एतेक त सुनहे पड़तनि । अर्थात त्रेता युगमे मात्रे किए कलयुगमे सेहो ई परम्पराके निर्वाह तऽ करही पडतैक ।

समधी मिलान

tilkotsav6तिलक हेतैक आ दुनू समधी एकठाम हेताह तऽ मिलान तऽ हेबे करतैक । राम मन्दिरक प्राङ्गणमे हजारो श्रद्धालूक बीच जानकी मन्दिरक महन्थ आ राम मन्दिरक महन्थ बीच समधी मिलान भेल । आब विवाहमे कोनो भाँगठ नहि । जानकी मन्दिरक महन्थ कहलन्हि एहिबेर रवि दिन विवाहक लेल समधि आदेश देल जाए । राम मन्दिरक महन्थ हुनकासँ कि कम बेटा आब अपनहुके छथि जहिआ नीक दिन हो विवाह कराओल जाय । लोककेँ तालीसँ ओ स्थल गुञ्जायमान भऽ गेल । दुनू समधि गला मिललन्हि । दशरथजी केँ विवाह आ स्वयम्वरमे सहभागी होयबाक लेल जनकजी आग्रह कएलन्हि ।

tilkotsav5अयोध्यामे आएल छथि तऽ ओहिठामक लोककेँ बुझल छैक मिथिलामे समधिसंग हासपरिहास कैल जाएत अछि । ओहि परम्पराकेर निर्वाह अयोध्यावासीकेँ सेहो करबाक छैन, ताहि सँ कम डहकन राम मन्दिरक प्राङ्गणमे जनकजीकेँ नहि सुनय पड़लन्हि । घण्टो गीतनाद भेल, हासपरिहास भेल । त्रेता युगमे जानकीजी संगे एतेक समान जनकजी पठौने छलैथि जे अयोध्यामे पर्वतकेर आकार लऽ लेने छल । एखनो अयोध्यामे ओ पर्वतकेर मणि पर्वत कहाएत अछि । लोक सब ई देखि-देखि मुग्ध भेल अछि ।

तिलक मे एहिबेर जनकजी कि सभ अनलथि राम मन्दिर क्षेत्रमे लोकक उत्सुकता छल । लोक सब भारकेर त्रिपेक्षण केलक । अयोध्यामे गेल छथि विदाई तऽ भेटबे करतन्हि । राम मन्दिरसँ विदाई लऽ कऽ जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णव जानकी मन्दिर घूरि गेल छथि । शनिदिन माता सीताक मटकोर छन्हि आ एकरबाद तऽ विवाहे ।

tilkotsav4जानकी मन्दिरमे शहनाई सभ बाजय लागल अछि । लोकक भीड़ देखए योग्य अछि । त्रेता युगमे जे नहि देखलन्हि ओ तऽ ई दृश्यके छोड़हे नहि चाहैत छथि । जानकीक विवाह उत्सव थीक । किओ जानकी केँ माता कहिकय सेहो संबोधन करैत अछि, तऽ किओ कहैत अछि बेटीक विवाह अछि तऽ किओ कहैत अछि बहिनक विवाह अछि । पूरे जनकपुर विवाहमय बनि गेल अछि । दोसर कोनो बात एखन एतय प्रवेश नहि कऽ रहल अछि । काठमाण्डूमे संविधान संशोधनक चर्चा भलेही चलैत हुए मुदा जाधरि एहिठाम विवाह सम्पन्न नहि होयत ताधरि विवाहे विवाह ।

मिथिलामे तिलक परम्परा

tilkotsav3मिथिलामे विवाहक विधि तिलकसँ विधिवत रुपमे शुरुवात होएत अछि । विवाहक लेल ताकल वरकेँ तिलक लगा कय पिता अपन बेटीक लेल ओ लड़काकेँ छेकल करैत छथि । एहि विध केँ सामान्य बोलचालीक भाषामे छेका सेहो कहल जाएत छैक । जाहि प्रकार भगवान रामकेर तिलक कय सीतासंग विवाहक लेल छेकल गेल ठीक ओही प्रकारसँ मैथिल समुदायमे सेहो अपना बेटीक लेल ताकल योग्य वरकेँ वरण कएल करैत छथि । अर्थात् वरकेँ छेकल जाएत अछि । वरक घर पहुँचि कन्यागत फलफूल चढावा सहित लड़काकेँ तिलक लगा कय छेकैत छथि । तिलकक बादसँ मिथिलामे ओहि लड़का केर अन्य कन्यागतसँ विवाहक बातो धरि आगाँ नहि बढाओल जा सकैत अछि । अर्थात ओही दिनसँ विवाहक विधिक शुरुवात भऽ जाएत अछि ।