रामजानकी विवाहपञ्चमी विशेष
त्रेता युगक झलक
– सुजीत कुमार झा, वरिष्ठ संचारकर्मी एवं मैथिली कथाकार (जनकपुर)
‘दशरथ बरियात साजु आनन्द लागे मिथिलामे……..’ ई गीत जनकपुरमे मात्र नहि मिथिलाञ्चलक घर-घरमे किछु दिनसँ गाओल जा रहल अछि । एकदिस विवाहपञ्चमीक तैयारी जानकी मन्दिरमे भऽ रहल अछि तऽ दोसर दिस विवाहक गीत घर-घरमे गाओल जाइत अछि ।
विवाहक उत्साहकेर वर्णन करैत चकौतीबाली कहेनिहाएर महिला कहैत छथि “भगवान राम आ जानकीक विवाह त्रेता युगमे किए नहि भेल हुए मुदा एखनो ओ विवाहक रोमाञ्च मिथिलावासीमे कायमे अछि । जखने अगहन महिना अबैत अछि मिथिलावासी अपन धिया सीता केर विवाहक तैयारीमे लागि जाएत छथि ।”
जनकपुरमे करिब-करिब एहने माहौल अछि । जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णव कहैत छथि, “जेना लोक बेटी विवाहक तैयारी करैत अछि हमहुँ प्रत्येक बर्ष विवाहपञ्चमीक अहिना तैयारी करैत छी ।”
जनकपुरमे दूटा दरबारकेँ सजाओल गेल अछि । मिथिला दरबार जानकी मन्दिरकेँ कहल जाइत अछि आ अयोध्या दरबार राम मन्दिरकेँ । राम मन्दिरक महन्थ राम गिरि कहैत छथि, “सजाबहुमे प्रतिस्पर्धे अछि । हम बेटाबला छी बेटीबलासँ उत्साहमे थोरहे कम रहब।” ओ आगा कहलन्हि जे जनकपुरमे सात दिवसीय विवाहपञ्चमी मनाओल जाइत अछि । पहिल दिन नगर दर्शन, दोसर दिन फुलवारी लिला, तेसर दिन धनुष यज्ञ, चारिम दिन तिलकोत्सव, पाँचम दिन मटकोर, छठम दिन विवाह आ सातम दिन राम कलेवा होइत अछि ।
नगर दर्शनमे राम आ लक्ष्मणकेँ जनकपुर नगरमे घुमाओल जाएत छन्हि । ओ दृश्य एकदम अलौकिक रहैत अछि । नगरवासी राम लक्ष्मणकेँ आरती करबाक संगहि हुनका दुनूपर फूलक बर्षा कएल करैत छथि । फूलवारी लिलामे त्रेतायुगमे जहिना रामजानकीकेर पुष्पवाटिकामे पहिल भेट भेल छल ओ दृश्यकेँ ओही रुपसँ देखाओल जाएत अछि । भलेही त्रेतायुगमे हुनका दूनुकेँ गिरिजा स्थानमे भेट भेल छल मुदा एहिठाम विवाह मण्डपक फुलवारीमे आइयो तहिना होएत अछि ।
जानकी मन्दिरक उत्तराधिकारी महन्थ रामरोशन दास वैष्णवक अनुसार विवाहपञ्चमीक एकटा महत्वपूर्ण आकर्षण इहो रहैत अछि । फूलवारी मे सीता आ राम केर पहिल भेंटक दृश्य देखबाक लेल विवाह मण्डपमे हजारौँ लोक पहुँचल करैत छथि । तहिना धनुषयज्ञमे राम धनुष तोड़ैत छथि । एहि लेल एकटा विशेष धनुष बनाओल जाएत अछि आर ओहि धनुषक पूजा सेहो कएल जाएत अछि ।
तिलकोत्सवमे जानकी मन्दिरसँ एक सय एकटा भार राम मन्दिर पठाओल जाएत अछि । स्वयं जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णव भार लऽ कऽ राम मन्दिर पहुँचैत छथि । राम मन्दिरमे बनाओल मञ्चपर जानकी मन्दिरक महन्थ आ राम मन्दिरक महन्थ बिच समधी मिलान होइत अछि । एहि अवसरपर हास परिहासक घण्टौं कार्यक्रम कैल जाएछ ।
पाँचम दिन मटकोर होएछ । मटकोरमे विवाहक वेदीक लेल गंगासागरसँ माटि आनल जाएछ । जानकीजी मन्दिरसँ विशेष रथपर हजारौँ महिलासंगे जानकीजी माटि आनए लेल जाएत छथि । गंगासागर स्थलपर किछु गीतनादक कार्यक्रमसभ होएत अछि ।
विवाहक दिन जानकी मन्दिरमे हजारौँ-हजार दर्शक-श्रद्धालूक भीड़ रहैत अछि । कहल जाइत अछि जे विवाहक दिन राम-जानकीक निष्ठापूर्वक पूजापाठ कएलासँ मनोवाञ्छित फल प्राप्त होएत छैक । एहिद्वारे अन्य दिनक अपेक्षा विवाहपञ्चमी दिन जानकी मन्दिर लोक बेसी संख्या मे जनकपुर मे उपस्थित सब कियो पहुँचबे टा करैत अछि । एहि दिन राम मन्दिर आ जानकी मन्दिरसँ अलग अलग डोला निकलैत अछि । ओ दुनू मन्दिरक डोला रंगभूमि मैदान पहुँचलाक बाद ओहिठाम स्वयंवर होएछ । तेकर बाद जनकपुरमे शोभा यात्रा निकालल जाइत अछि । फेर दुनू डोला जानकी मन्दिर पहुँचैत अछि । ओही राति वैदिक विधि अनुसार जानकी मन्दिरक प्राङ्गणमे राम जानकीक विवाह संपन्न होएछ । जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णवक अनुसार ई दृश्य अद्भूत होएछ जेकरा शब्दमे वर्णन करब आसान नहि अछि ।
विवाहपञ्चमीक अन्तिम दिन विवाहक लेल बनाओल गेल मड़वापर राम, लक्ष्मण, भरत आ शत्रुधन चारु भाईकेर मौहक होइत अछि । चारु भाई ओहिठाम भोजन करैत छथि । विभिन्न गीतनादक कार्यक्रम सेहो ओहिठाम होइत अछि । हास परिहासक माहौल सेहो बनल रहैत अछि ।
बरियातीक आकर्षण
विवाहपञ्चमीमे बरियातीक आकर्षण सेहो अलगे देखाएछ । पाँच बर्षपर अयोध्यासँ बरियाती जनकपुर एबाक प्रचलन छैक । त्रेतायुगमे विवाहक समयमे जेना अयोध्यासँ दशरथक नेतृत्वमे बरियाती विभिन्न वासामे विश्राम करैत अबैत अछि तहिना अहुमे आयल करैत अछि । अयोध्याक बरियातीक संयोजन विश्व हिन्दु महासंघ करैत अछि । महासंघक नेता ओम प्रकाश सर्राफ कहैत छथि बरियातीक सफलताक कारण एकर तैयारी अयोध्या आ जनकपुरमे एक बर्षधरि होइत रहैत अछि । जाहिबेर अयोध्यासँ बरियाती नहि अबैत अछि ओहिबेर राम मन्दिरसँ राम मन्दिरक महन्थक नेतृत्वमे बरियाती जाएत अछि ।
राम मन्दिरक महन्थ राम गिरि कहैत छथि राम मन्दिरसँ जाएबला बरियातीमे अधिकांश साधुसन्तक अतिरिक्त राम युवा कमिटीक पदाधिकारीसभ रहैत अछि । साधुसन्तसभ बरियातीमे जएबाक लेल एक दिन पहिनेसँ श्रृंगारसभमे लागल रहैत छथि ।
विवाहपञ्चमी दिन हजारौँके विवाह
संसारक सभसँ सुन्दर युगल जोड़ी रामजानकीकेँ मानल जाएत छन्हि । शास्त्रमे सेहो रामजानकीक जोडीकेँ आदर्श मानल गेल अछि । लोक वर कनियांकेँ आशीर्वाद दैत काल कहल करैत छथि ई जोडी सीतारामक समान हुअय । एहिद्वारे एहि महीनामे विवाह करब पुण्यप्रद मानल गेल अछि मिथिला मे । जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णव स्वीकार करैत छथि जे प्रत्येक वर्ष विवाहपञ्चमी दिन विवाहे करबाक लेल दर्जनौँ जोडी जनकपुर पहुँचैत अछि ।
पूर्व पर्यटन तथा नागरिक उडड्यन मन्त्री शरद सिंह भण्डारी जनकपुरमे विवाहक स्थल बनाबएकेर आवश्यक्तापर जोर दैत छथि । अपने पर्यटन मन्त्री रहैत काल एहि वास्ते ओ पहल सेहो कएने छलाह से जानकारी दैत छथि । वैवाहिक पर्यटनसँ जनकपुरकेँ जोडि देलाक बाद विकास तीव्र गतिसँ हएत से बहुतो विज्ञजनक तर्क छन्हि ।
ओना किछु गोटे कहैत अछि विवाहपञ्चमी दिन विवाहक बाद जानकीके बहुत कष्ट भेल छल । विवाहक बाद १४ बर्ष वनवास जाए पड़लन्हि, अग्नि परीक्षासँ गुजरए पडलन्हि, वनवाससँ घुरलाक बादो फेरसँ वनवास जाए पडलन्हि आ अन्तमे पृथ्वीमे समा गेलीह । तएँ भलेही रामजानकीकेँ आदर्श पतिपत्नी मानल जाएन्ह लेकिन मिथिला मे आइयो सामान्य जन एहि तिथमे विवाह करएसँ कतराएत अछि ।