मैथिली हेरथि इजोरिया हे ना – गीतः शिव कुमार टिल्लू

मैथिली हेरथि इजोरिया ! ( गीत )

shiv kumar jha– शिव कुमार झा टिल्लू

सभतरि चान पूनमके’ हमरा घ’र अन्हरिया हे

मैथिली हेरथि इजोरिया हे ना !

मायक मुखसँ आनक वयना

भरथि उकासी उपटल अंगना

कोकिल अहोरातिमे कागक दिन दुपहरिया हे

मैथिली हेरथि इजोरिया हे ना !

विपटल हमर मधुर रस गीत

चन्ना भुवनक आखर तीत

विद्यापतिक तान ल’ मोरङ्ग चलल कहरिया हे

मैथिली हेरथि इजोरिया हे ना !

मंचसँ घरधरि भल्गर गान

किछुए क्षणलेल कोकिल मान

हँसि हँसि फूहड़ स्वरमे रचय रास बपहरिया हे

मैथिली हेरथि इजोरिया हे ना !

गोल तिलक मिथिला आयाम

हे शिव ! तखन किए दिन वाम

मिथिघर भ’ रहलैए चालू स्वरक बजरिया हे

मैथिली हेरथि इजोरिया हे ना !

पहिने भाषा तखने राज

मायक बिनु चासक कोन काज

हीयासँ सियाकेँ हेरू निज देसकोस बहरिया हे

मैथिली हेरथि इजोरिया हे ना !