मिरानिसे कें लेल ! मैथिली जिन्दाबाद पर!!
– विमल जी मिश्र, मैथिली गीतकार, दिल्ली सँ
जागु जागु यौ मैथिल जागु,
कोना मिथिला रहत अपन आगु,
करु करु यौ जतन,
लगाउ तन मन धन,
राज्य बनबै लऽ डेग त बढाबु…
जागु…
चलु लागल शिविर देखु पटना मे,
राज्य मिलत नै एना यौ सपना मे,
करु जन जन पुकार,
दियै पड़त ललकार,
मरल आत्मा जे सब कें जगाबु
जागु…
खुन खौलत नै जा धरि यौ तऩ मन मे,
धुल फाँकैत रहब अहिना रण वन मे,
बुझु माँटि कें दर्द,
चुड़ि तोड़ि बनु मर्द,
मारु धक्का सिंहासन हिलाबु ।
जागु………………..
जिबु जिनगी नै एना यौ डरि ठरि कै,
लियो मिथिला कें राज्य अहाँ लड़ि लड़ि कै,
बनु शेर कें दहाड़, करु अस्त्र शस्त्र बौछार,
काल बनि कें हाहाकार मचाबु
जागु जागु यौ मैथिल जागु,
कोना मिथिला रहत अपन आगु!!