विचार आलेख
– रंजीत कुमार झा, कोलकाता
बात सोलह आना सत्य अछि जे आब जा धरि मिथिलांचल वासी राजनिती नै करता मिथिला भेटब मोशकील अछि…..तैं मिथिलाक अस्मिता, मिथिलाक सम्मान, मिथिलाक व्यवहार, मिथिलाक साहित्य, मिथिलाक लोक संस्कृति, मिथिलाक उद्दोग, मिथिलाक लोक के अपन घरारी पर अनबाक लेल आ मिथिलाक समग्र विकाश लेल राजनिती त’ करहे टा परत…ओना हमरा लोकनि मिथिला वासीक लेल दुटा बात प्रमुखता सँ कहल जाइत अछि…प्रथम जे बुद्धिजिवी छी आ दोसर अपन अधिकारक वास्ते लरबा में असझम छी..!
हमरा लोकनि में बौद्धिक गुण विशेष रहबाक कारणे छोट सँ छोट बात पर एकमत भेनाई मोशकिल आ दोसर गुणक कारणे राजनिती सँ फराक ! एत’ राजनितिक शब्दक तात्पर्य देशक राजनिती सँ अछि..ओना आन तरहक राजनिति आ कुटिचालि में हमरा लोकनि महारत हासील केने छी !
मुदा बन्धुगण…एत’ एकटा गप्प फरिझा दी जे जहन ककरो जान पर, अपन आत्म सम्मान पर अपन नाक पर गप्प आबि जाइत छै..त’ ओकरा में व्याप्त आम गुण हेरा जाइ छै भयभित सँ भयभीत निर्बल सँ निर्बल व्यक्ति धरि अपन जान बचेबाक लेल हरिनो सँ बेसी गती सँ दौरि जाइत अछि….अपन सम्मान, आ अपन नाक कट’ सँ पहिने दुनियाक केहनो ताकति सँ लरबाक झमता जुटा लैत अछि !
आई मिथिलाक तेहने सन स्थिती अछि..एहन स्थिती में हमरो सब के अपन बाबा पुरखाक गुण सँ इत्तर हुनके आशिष ल’ क’ मिथिलाक सब गोटेक एकमत भ’ सर्व धर्म सर्व जाति वाला पद्धति के अनुकरण क’ लराई लर’ परत.. से राजनिति हो, जमिनी हो हवाई हो बा जुबानी हो..
मुदा अपने में नै…बीहार सरकारक संग, केन्द्र सरकारक संग आ मिथिला विरोधी संग!
मुदा जत्ते गोटे आ जत्ते संस्था मिथिला लराई में छैथ से सब कृप्या अपना में घौंघाऔज त्यागी एकमत हेबाक प्रयास करी.. हम पैघ त’ हम पैघ , हमर संस्था पैघ त’ हमर संस्था पैघ हम अमुक झा, मिश्रा, ठाकुर, यादव, महतो आदि …आदि में अपन लराई कमजोर जुनि करि….
हम अपन व्यक्तिगत विचार रखलहुँ अछि, जँ हमर गप्प सँ किनको हृदय आधात भेल हो त’ बुरबक बुझि माफी देब..हमरा एहन बुरबक आर कहिये की सकैत अछि !