उपेक्षित अछि ओ स्थान जतय सँ होली शुरु भेल होली….

उपेक्षित अछि ओ स्थान जतय सँ प्रगट भेल छलाह नरसिंह भगवान्

– साभार आलोक आनन्द केर फेसबुक स्टेटस पर प्रकाशित रिपोर्ट

“जतय असली होलिकाक दहन भेल, जाहि ठाम सँ वास्तविक होलीक शुरुआत भेल, ओ स्थान आइ उपेक्षित अछि, ओ बाट जोहि रहल अछि अपेक्षित सहयोग केर।”

sikligarh gateओना तऽ अपन शहर पुर्णियां मे कतेको मंदिर-मस्जिद आर अन्य धार्मिक आस्था सँ जुड़े स्थान अछि, जेकर पाछू कतेक तरहक दन्त कथा सेहो खूब प्रचलित अछि। मुदा होली केर अवसर पर ओहि सब मे सँ सबसँ ख़ास बनि जाएछ बनमनखी प्रखंड केर सिकलिगढ़, धरहरा केर ओ जगह जतय भगवान् विष्णु नरसिंह अवतार लैत हिरण्यकशिपु केर बध केलनि।

sikligarh holikaप्राचीन कथाक अनुसार होलिका केर अंत भेलाक उपरान्त होली केर पाबैन एत्तहि सँ शुरु भेल मानल जाएछ। बनमनखी केर धरहरा मे आइयो ओ खंभा मौजूद अछि जेकरा फाड़िकय नरसिंह भगवान् प्रगट भेला आ भक्त प्रह्लाद केर रक्षा करैत हिरण्यकशिपु केर बध करैत ओकर खून सँ होली खेललनि।

हरेक वर्ष होली मे एतय होलिका दहन केर विशेष आयोजन कैल जाएत अछि। एहि आयोजन केँ देखबाक लेल दूर-दूर आ देश- विदेश सँ अपार जनसमूह अबैत अछि। 

sikligarh khambha narsimhavataarजाहि खम्भा सँ भगवान् नरसिंह अवतार लेने छलाह, आब ओहि स्थान केँ घेराबन्दी करैत खम्भा केँ सुरक्षित कय देल गेल अछि। एहि खम्भाक मोटाई लगभग १२ फ़ीट अछि आर ई करीब ६५ डिग्री कोणपर झुकल सेहो अछि। 

हलांकि राज्य द्वारा एहि स्थल केर पहिचान पर्यटन क्षेत्रक रूप मे कैल गेल अछि, परन्तु हाल धरि एहि ठामक विकास पर्यटन केँ बढावा देमयवला नहि बुझाइछ। सड़क, विश्राम, पेय जल, यातायात आदिक हालत ओहिना जर्जर अछि।

sikligarh narsimh mandirजरुरत अछि जे प्रशासन, सरकार आर क्षेत्रीय आम जन समुदायक सहयोग सँ एहि उपेक्षित स्थल केँ अपेक्षित सहयोग कैल जाय।

ई स्थान बनमनखी प्रखंड शहर सँ मात्र ३५ किलोमीटर केर दूरी पर अवस्थित अछि जतय अहाँ सड़क आर रेल मार्ग द्वारा पुर्णियां सँ सीधे पहुंचि सकैत छी।

sikligarh murtiहोलीक महत्व आ एहि सँ जुड़ल आध्यात्मिक गाथा सँ भले पूरे देश परिचित अछि, मुदा सिकलीगढ धरहरा केर परिचय हाल धरि देश कि निज राज्यो मे कतेक दूर धरि पहुँचल अछि ताहि पर प्रश्न ठाढ अछि। बिहार राज्य पर्यटन मंत्रालय सहित मुख्यमंत्री केर ध्यानाकर्षण एहि दिशा मे हो आर एकर संवर्धन-प्रवर्धन लेल टेलिविजन, आकाशवाणी तथा प्रिन्ट मिडिया आदि सँ समुचित प्रचार कैल जाय। होलिका दहन समारोह केँ राजकीय समारोहक दर्जा भेटय। एहि अवसर पर आबि रहल पर्यटक लेल समुचित विश्राम स्थल आदिक निर्माण कैल जाय। ऐतिहासिक स्मृति लेल संग्रहालय केर निर्माण संग अन्य-अन्य सूचना देबाक लेल एकटा राज्यक निकाय स्थापित कैल जाय। पूरे राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तरपर एहि स्थलक विषय मे बेसी सँ बेसी लोक केँ जानकारी करेला सँ पर्यटन संभावना बढबाक संग-संग एहि क्षेत्रक आर्थिक विकास सेहो वृद्धि होयत ई निश्चित अछि।