काज करबाक आनन्द: वर्क इज फन

काज करबाक आनन्द

(नैतिक कथा)

– प्रवीण नारायण चौधरी

बहुत पहिनहि एकटा धिया-पुता केँ पढयवला कथा पढने रही ‘वर्क इज फन’ – आइ विशेष स्थिति मे एहि कथाक सार केँ लिखि रहल छी।

work is funडेविड नामक एकटा बालक अपन आन्टीक परिवार मे रहैत पढाई कय रहल छल कोनो शहर मे, जेना होएत आयल छैक जे कोनो-कोनो महिला अपन बच्चा केँ कोमलता सँ व्यवहार करत जखन कि ओत्तहि आनक बच्चा पर दरेग ओतेक नहि रहैत छैक। डेविड केँ शुरु-शुरु मे ई खूब अखरैत छलैक जे चाची सबटा कार्य करबाक लेल ओकरे ऊपर भार दैत छैक। मुदा परिस्थिति सँ परिचित ओकरा ईहो पता छलैक जे यदि हम चाचीक बात नहि मानब, हुनकर अढायल कार्य नहि करब तऽ फेर हमर रहब-खायब-पढब आदि सबटा गड़बड़ा जायत। ओकरा अपन माता-पिताक गाम मे रहैत खेती-बारी करबाक बाध्यता आ ताहि सँ न्यून आमदनीक पूरा जनतब छलैक। ताहू सऽ बेसी डेविड अपन माय-बाप केर सदिच्छा जे बेटा शहर मे रहि खूब अध्ययन करय, पढय-लिखय आ पैघ लोक बनय, तेकरा पूरा करबाक लेल संकल्प केँ मोने-मोन दोहरबैत छल आ हरेक बिपरीत परिस्थिति केर सामना करैत माता-पिताक सपना केँ पूरा करबाक दिशा मे आगाँ बढैत छल।

डेविड अपन बाल्यावस्था मे छल, तथापि आन्तरिक ज्ञान बहुत छलैक। चाचीक कर्कश बोली आ काज अढेबाक प्रवृत्ति सँ पूरा परिचित होएत डेविड अपन दिमाग मे एकटा सुन्दर सूझ सँ काज करबाक लेल नियारि लेलक। चाचीक आदति रहैक जे सब काज डेविड केँ करबाक लेल कहि स्वयं कार्यालय चलि जाएत छली। डेविड हुनका सँ सबटा टास्क लैत कागज पर नोट कय लैत छल। चाचीक गेलाक बाद ओ एक-एक काज करब आरंभ करैत छल। अपन कजन (भाइ-बहिन) सब संगे खेलेबाक आनन्द बीच्चहि मे भंग करितो ओकरा कार्य करबाक बाध्यता होएत छलैक। मुदा ओ अपन भाइ-बहिन व आस-पड़ोसक संगी-साथी सबकेँ बड़ा क्युटली आ किछु खास स्टाइल मे कहैक जे “आब तूँ सब खेलो, हमरा तऽ किछु विशेष आनन्द देबयवाला कार्य करबाक अछि। चाची केर देल कार्य मे बड मजा अबैत अछि।” ई सुनिते ओकर संगी-साथी सब कियो पूछैक, “अरे! एहेन कोन काज छैक जाहि मे आनन्द अबैत छौक?” डेविड कहैक, “ई तोरा सबहक वश मे नहि छौक करब, एहि लेल कलापूर्ण होयबाक आवश्यकता छैक। जेकरा मे स्किल विकसित होएत छैक, ओकरे बुत्ते काजो हेतैक आ तखनहि आनन्दो भेटतैक।”

सब संगी-साथीक दिमाग मे डेविड केर बात एकटा मिस्ट्री (रहस्य) उत्पन्न करैत छल। सबहक क्युरियोसिटी लेवेल (जिज्ञासा-स्तर) बढैत छल। ओ सब डेविड केर परोक्ष मे विचार केलक जे सबटा आनन्द डेविड असगरे नहि लूटि सकैत अछि। ओहो सब दक्ष बनत आ काज करैत आनन्द प्राप्त करत। बस, ओहो सब आपस मे नियारिकय डेविड संग ओकर काज शेयर करबाक लेल पहुँचि गेल। ओहि दिन डेविड केँ चाची देवाल पेन्ट करबाक बड भैरगर कार्य अढा देने छलीह। डेविड खूब हँसी-खुशी कुच्ची दौड़ा रहल छल। मने-मन गीतो गुनगुना रहल छल। ओकर संगी-साथी आ भाइ-बहिन ओकरा नजदीक आबिकय कहलकैक, “कि डेविड! यैह काज छैक जाहि मे आनन्द अबैत छौक?” डेविड जबाब देलकैक, “सब काज मे बरोबरि आनन्द छैक। केनिहार पर निर्भर करैत छैक। ओ कतेक प्रेम सँ आ सहज भाव सँ कोनो काज करैत अछि।” एकटा संगी कहलकैक जे, “रुक! कनेक आनन्द हमरो सबकेँ कोना भेटत सेहो कहे।” डेविड हँसैत कहलकैक, “तूँ सब एखन सच मे बच्चे छँ। एतेक सहज नहि बुझ। काज भैरगर सेहो होएत छैक। पहिने दक्षता कोना भेटतौक आ काज सहजभाव सँ कोना कैल जाएत छैक से नहि बुझमे तऽ आनन्दक प्राप्ति नहि हेतौक।”

संगी-साथी सब आ ओकर भाइ-बहिन सेहो आइ निर्णय कइये कय आयल छल जे काज सँ आनन्द – मजा लइये कय रहब। ओ सब कहलकैक, “नहि डेविड! तूँ जे काज कय रहल छँ ई बहुत सहज छैक। ई हमहुँ सब कय सकैत छी।” डेविड कहलकैक, “हम एखन वाल पेन्ट कय रहल छी। पेन्ट (रंग) केर बहुत दाम छैक। एकरा बहुत विशेष शैली मे बिना बर्बाद केने एकदम बराबरी सँ देवाल पर चढाबय पड़ैत छैक। एहि लेल दक्ष आ कुशल हाथ आ माथ केर आवश्यकता छैक। तोरा सबहक दिमाग हमरा जतेक विकसित वा कुशल नहि छौक एखन।” डेविडक बात ओकर मित्र सबकेँ कने बेसिये चुनौती दऽ देलकैक आर ओ सब पुन: डेविड केँ असगरे काजक आनन्द लूटैत देखि आब येन-केन-प्रकारेन ओ आनन्द लूटबाक लेल डेविड केँ रिझेनाय शुरु केलक। कियो डेविड केँ गोली देबाक अफर देलक, कियो केक, कियो चकलेट्स…. आर एहि तरहें डेविड अपना हिसाबे सब केँ काज मे लगा स्वयं केक-चकलेट्स केर आनन्द लैत काजक मजा लूटैत रहल। ई सिलसिला निरन्तर चलैत छलैक। काजक आनन्द केना भेटैत छैक, मिलिजुलि सब धियापुता डेविड केर अग्रसरता मे खूब लैत छल।

डेविड केर कार्यशैली मे बहुत विशेषता सब स्पष्ट अछि। ओ अपन परिस्थिति केँ बुझय लेल विवेक केर धारण केलक, पुन: अपन माता-पिताक सपना केँ पूरा करबाक लेल हर विषम परिस्थिति सँ लड़बाक दृढसंकल्प लेलक, तदोपरान्त अपना सिरे आयल कार्य सँ भगबाक नहि वरन् ओहि सँ आनन्द लेबाक कार्यशैली केँ अपनौलक, अपन व्यवहार सँ ओ दोसरो केँ अपना कार्य केँ पूरा करबाक लेल भरपूर उपयोग केलक… एहि तरहें ई कथा हमरा अत्यन्त प्रेरक लागल छल। हरेक बाल-बालिका केँ एकर सार बुझब, मनन करब आ स्वयं-संकल्प लेबा मे सहयोग करत ताहि आशाक संग एकरा मैथिली जिन्दाबाद पर प्रकाशित कैल गेल अछि।