गीत
– मनीष झा, द्वालक, मधुबनी (हाल: मुम्बई)
(मैथिली गीतकार, कवि एवं कलाकार – अभिनेता)
सुनू-सुनू मुरलिया केर तान सजनी
आहाँ ब’सै छी हमरे प्राण सजनी
आनल लहठी नै माँगी हम प्रीत मँगनी -2
हे आहाँ ब’सै छी हमरे प्राण सजनी
आहाँ ब’सै छी ………………
चलू मिल कमला के छ’हैर में बैसब
अपना दुनू छोड़ि कियो रहतै नै तेसर
हाथ आहिं के -2 प्रीतक कमान सजनी
हे आहाँ ब’सै छी हमरे प्राण सजनी -2
आहाँ ब’सै छी ………………
खन-2 कंगना के बोल परतै जे कान में
सुनू ललमुनियाँ बसि जाऊ मोर प्राण में
राखू झमकैत -2 बदरिया केर मान सजनी
हे आहाँ ब’सै छी हमरे प्राण सजनी -2
आहाँ ब’सै छी ………………
मृगनयनी आहाँक चालि लगै जेना नागिन
प्रीतम जतन करू आनु प्रीत केर पाबनि
एहि सावन -2 जुनि बनू बेईमान सजनी
हे आहाँ ब’सै छी हमरे प्राण सजनी -2
आहाँ ब’सै छी ………………