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जाड़ मे सभक खान पान केर ध्यान राखब आवश्यक

लेख विचार
प्रेषित: ममता झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय :- “बढ़ैत जाड़ मे कोना करी अपन आ अपन परिवार के देखभाल

  1. परिवार मे एक दोसर पर ध्यान देनाई जीवन मे बहुत मायने राखैत अछि। सुख हुए या दुःख सब परिस्थिति में अप्पन परिवार जरुर संग दै छै। तैं अपना संग अप्पन परिवारक सुरक्षा पर ध्यान देनाई आवश्यक होइत अछि।

    समय बदलि रहल अछि, जाड़ दस्तक दऽ देलक। दिनों दिन ठंढ़ बढ़ि रहल अछि आ किछुवे दिन मे अप्पन विकराल रुप धऽ लेत। अहि बढ़ैत ठंढ़ी में अप्पन आ अप्पन परिवारक देखभाल सुचारू रूप सं जिम्मेवारी उठा क करब तखने ठंढ़ सऽ सुरक्षित रहि सकैत छी।
    जाड़ तऽ सब साल पड़ैत अछि कोनो बेर कम त कोनो बेर बेसी।अई समय में सबसं बेसी कष्ट बूढ़ बुजुर्ग आ बच्चा सबके जखन शीतलहरी करैत अछि। पन्द्रह पन्द्रह दिन सूरज भगवान नुकैल रहैत छैथ।कपरा लता सुखेनाई सं लक सब क्रिया मध्यम परि जाइए।
    तां लक सबसे पहिने सब कियो अप्पन ऊनी कपड़ा निकाली आ रौद जरुर लगाबी। अप्पन आ अप्पन परिवार के जाड़ सऽ बचाबय लेल स्वेटर, शाल, दस्ताना, टोपी, सब गरम कपड़ा पहिरा देह गरमेने रही।
    ठंढ़ सऽ बचय खातिर किछु बदलाव जरुर अछि। जाड़क समय में सर्द पदार्थ के सेवन नई करि । अप्पन खान पान में विशेष ध्यान दी। एहन खेनाई खेबाक चाहि जइस देह के जाड़ सं बचाबय आ देह मे गर्माहट आनई।
    जेना की आदी,लहसुन, मरीच, दूध, गुड़, घी, तीसी, तील के लड्डू,चिनीया बदाम,सोंइठ,चुड़ा के चुड़लाई, सब गुड़ से बनल समानक सेवन करी। तीसी बहुत लाभदायक होईत अछि। मिथिलाक लोक जाड़ मे तीसी सजमैन खूब बनाबैत छथि। मांसाहारी अंडा, माछ,मांस के सेवन करैथ।
    जखन ठंढा बढ़ैत छै तखन शरीर के ऊर्जा के जरुरत पड़ै छै , ताहि लेल काॅफी जरूर पीबी आ चारु समय भोर दुपहरिया, सांझ, राति खेनाई नीक जकां खेबाक चाहि। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आ फाइवर युक्त भोजन के सेवन करवाक चाही। सुसुम पाइन आ कोनो सूप बहुत फायदेमंद होइत अछि।जाड़क मास मे हृदय रोगक परेशानी बढ़ि जाय छै कतेको लोकक मृत्यु सेहो भऽ जाईत अछि।कतेक बेर अपन लापरवाहीक वजह सं ठंढा लगैत छै ताहि द्वारे ठंढा सं बचय के भरपूर उपाय करी। व्यायाम योगा सब मौसम में जरुर अछि शरीर स्वस्थ राख के वास्ते। जखन भोरे बिछौन छोड़ि तऽ ऊनी कपड़ा देह में जरुर रहै । बंद घर मे जखन कोयला आ हिटर जराबी तऽ कोठरी मे एक बाल्टी पैन जरुर राखी आक्सीजनक कमी नई होइए।
    जाड़ में रौदक सेवन अवश्य करि, विटामिन सी भरपूर मात्रा मे भेटैत अछि।नहाय सं पहिने देह मे सरसों के तेल जरुर लगाबी। अई सं पाइनक प्रभाव कम परैत अछि।नहेला के बाद मॉइश्चराइजर के प्रयोग करी।
    जाड़ मास मे खांसी सर्दी सबके जकैड़ लय छै माथा दर्द नाक के इनफेक्शन गला खरास से सब परेशान भऽ जाय छै ताहि से छुटकारा लेल हम अदरखी बनाकऽ राखैत छी आ गरम पैन में नून दऽ के गारगल करैत छी।बेसी खोंखी भेला पर गरम पैनक भाफ जरुर लय छी फायदेमंद होइत छै।एक बेर तुलसी पातक काढ़ा बनाकऽ सबके दइ छी।
    अहि तरहें जाड़ सं अप्पन आ अप्पन परिवारक देखभाल करब तऽ ठंढा सं जरुर बचाव क सकब अप्पन संग परिवार के ।

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