लेख विचार
प्रेषित: प्रिया झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
#विषय_गामकदुर्गापूजा आब आ पहिलुक उमंग मे कतेक अंतर भेल#
ओकर वर्णन अनुपम आ मनमोहक अछि ।ओहिना मोन पड़ैत अछि ।गामक दुर्गापूजा बड़ मोन लगैय गाम मे मंदिर मे आ ओहिठाम लागल मेला सेहो उत्साहित करैत छल । गाम जाइते बच्चा मे पहिने मंदिर जाइ आ फेर मेला मे घुमैय लेल निकैल जाइत छलौं बच्चा बुच्ची सभ तुर । गाम मे दुर्गापूजा के आनंद अलग छलै ।
आब ओहन नैय होइत अछि कियेक कि लोक आब गाम सं शहर दिस आबि गेल ।ना ओ नगरी ना ओ ठाम बला हाल अछि ।मंदिर अछि मेला अछि सभ टा व्यवस्था मुदा ओ उमंग आ उत्साह नैय भेटैत अछि । खाली मेला सं नैय होइत अछि जखन लोक परिवार के एकजुट भऽ एकत्रित होइत अछि तकर उत्साह आ उमंग अलग होइत अछि जे आब संभव नैय ।सभ सभ ठाम अहि मे कि उत्साह कि उमंग बस कोनो पावैनि तिहार भऽ जाइत अछि जे औपचारिकता मात्र रहैत अछि ।
गामकपूजा पाठ अतुलनीय आ पारंपरिक तरीका सं होइत अछि तऽ मोन सेहो लगैत अछि आ नीक सेहो लगैत अछि मंदिर पर सभ दिन कुमारि भोजन होइत अछि ।आरती के समय के छटा अलौकिक रहैत अछि ।
राति मे नाटक आ सांस्कृतिक कार्यक्रम होइत अछि ।
वातावरण भक्तिमय रहैत अछि गाम मे दुर्गापूजा शहर सं बेसी नीक लगैत अछि । हमर सभहक गाम मे मंदिर एकदम घर के बगल मे अछि अतेक भक्तिपुर्ण वातावरण रहैत अछि कि मोन भावविभोर रहैत अछि माँ के भक्ति मे डुबल रहैत अछि ।
**बदलाव तऽ बेसी भऽ गेल आब तऽ जत;अंन्हार रहैत छल औतो इजोत आ प्रकाश रहैत अछि । कोनो सजावट मे कमी नैय भेल आर बढ़ियै गेल ।भगवती दुर्गा सेहो मोन मे समाएल छैथ मुदा लोक आ बदलल मोनक भाव सभ किछु बदलि देलक ।लोक आब पहिने जकाँ नैय अछि अहि लेल बुझायत अछि जे बहुत किछु बदलि गेल परंच अधुनिकता आ प्रौधोगिकरण मात्र मानसिकता आ सोच बदलि देलक अहि सं जे प्राकृतिकरूप सं जुड़ल रहि से खुशी आ उमंग सं सभ वंचित छी ।