लेख
- प्रेषित : नीलम झा निवेधा
#लेखनीक_धार
विषय:- ” नरक निवारण चतुर्दशी व्रत करबाक उत्साहमे पहिने आ आबमे कतेक अंतर आइब गेल अछि ”
वर्ष भरिमे २४टा चतुर्दशी होइत अछि, जे महादेव के प्रसन्न करबाक कामना सँ कएल जाइत अछि, जाहिमे नरक निवारण विशेष अछि । जे कियो नियमित रूप सँ २४ सो वा १२ टा चतुर्दशीक व्रत करैत छथि ओ नरक निवारण चतुर्दशी दिन सँ एहि व्रतक शुरूआत करैत छथि।मान्यता अछि जे ई व्रत केनिहार आ एहि तिथि मे महादेव के प्रसन्न करबाक प्रयास केनिहार व्रत, पूजा, अर्चना, आराधना, जाप, अनुष्ठान आ दान केनिहार नरकमे नञि जाइत छथि। एहि व्रतमे बैड़क सेहो बड्ड महत्व होइत अछि। एहि दिन बैड़ महादेवके चढ़ाओल सेहो जाइत अछि आ बैड़ेसँ पाराणा सेहो कएल जाइत अछि। तैं एकरा बैड़ बला चतुर्दशी सेहो कहल जाइत अछि। एहि व्रतमे व्रती दिन भरि सहिकए महादेवक पूजा आराधना कए साँझ खन साँझ देलाक बाद नियम पूर्वक अरबा अरब ाइन भोजन करैत छथि। एहि दिन सीम, भांटा,मटरक साग ,गोइदला आ कतौ-कतौ खेसारीक साग खेबाक प्रचलन अछि। मुदा सीम आ भांटा नियमपूर्वक खाएल जाइत अछि।
एहि नरक निवारण चतुर्दशीक तिथिमे महादेवक लिंगक उद्भव भेल अछि। तैं एहि तिथि कए मंदिरमे शिव लिंगक अस्थापना कएल जाइत अछि कारण शिव लिंग सहित महादेवक परिवारक कोनहुँ मूर्तिके अस्थापना एहि तिथिमे विशेष महत्व होइत अछि।
जेना एहि व्रतक नाम अछि नरक निवारण चतुर्दशीक व्रत।नामक अनुसार एहि जे कियो एहि व्रतकें करैत छथि ओ मरणोपरांत नरकमे नञि जाइत छथि।आजुक दिन महादेवके प्रसन्न करबाक लेल प्रदोष कालमे पार्थिव महादेव बनाक पूजा करबाक विशेष महत्व अछि।
आब प्रश्न अछि जे पहिलुका आ आबक व्रतमे उत्साहक अंतर त’ ई बहुत बेसी कम भगेल अछि। हम (आ हमर पतिदेव सेहो कहैत छथि)अपन नवम वर्षक उमेर सँ दुनूगोटें ई व्रत करैत छी।हमर बच्चा सभ लगभग १३/१४ वर्षमे केलक मुदा आबक बच्चा सभ बहुत कमे करैत छथि ई व्रत।उत्साहक त’ नामो निशान नञि लगैत रहैत अछि।
तकर कारण सेहो बहुत बरका अछि। पहिने प्राय: लोक गामक वा गामके नजदीकी स्कूल कालेजमे पढ़ैत छल मुदा आब नेना सभकेँ छोटे सँ माय- बाप सँ दूर रह पड़ैत छनि। नञि स्कूलमे त’ कालेजमे त’ निश्चित ओ घर सँ बाहर चैल जाइत छथि। त’ एहन अवस्थामे हुनका सभ सँ ई तिकरम केनाइ कनेक कठिन सेहो भ’ जाइत छनि। तैं जे करैत छथि ओ बहुत महान छथि जे नहि करैत छथि ओहो ठीक।