#लेखनीक_धार (26/10/2023)निबंध प्रतियोगिता
◆ शीर्षक:- “कोजगरा केर भार” ◆
पान बताशा आरु मखान
अछि एहि पाबिनक मान
जँ माँछ जे एहि मे नय होइत तs
कोना करब कोजगराक बखान
हमर मिथिला महान ,हमर मैथिली महान
अछि नै ई सिर्फ समानक भार
ई अछि मिथिलाक विधि व्यवहार◆ मिथिलांचल में कोजगरापर्वक विशेष महत्व छै। कोजगरा मिथिलाक पाबनि मानल जाइत अछि। विजया दशमीक चारिम या पांचीम दिन बाद शरद पूर्णिमाक राईत मनाओल जाइत अछि। एहि दिन सुख समृद्धिक देवी माँ लक्ष्मीक पूजा सेहो होइत अछि।
◆ बियाह के साल भरsक अंदर मे पहिल अश्विन मासक पूर्णिमा यानि कि शरद पूर्णिमाक दिन वर पक्षक लेल कोजगरा पर्व मनायल जाईत अछि। कोजगरक अवसर पर नव विवाहित वरक बहुत उत्साह सहित सासुरक नव वस्त्रवरणक साथ चुमौंन काइल जाईत अछि। एहि दिन वरक ओतय कनियाँक ओतय सँ पान, मखान, दहीक साथ अनेक तरह के मधुर भार जाइत छैक। वर लेल नव वस्त्र धोती, कुर्ता, तौंनी के साथ पाग, छाता, जूता, वर पक्षक परिवारक सभ सदस्यक लेल कपड़ा। भार देखय लेल गामक या अपन समाजक स्त्रीगण के हकार देल जाइत छै।
◆ कोजगरा मे लड़की वाला के ओतय सँ लड़का वाला ओहिठाम समान सभ के डाला मे खूब निक सँ सजा कs भेजल जाइत अछि…डाला मे लाल रंग सँ रँगल धान दुईभ राखि… ओकरा ऊपर सभ समान….. जेना दही के छाछी, पान, मखान, मेवा, मिठाई ,कई तरहक फल सभ रहय छै। एहि दिनराति मे गीत-नाद संग अपन कुल देवी देवता के पूजा होय छै।
◆ एहि दिन नवविवाहित वर के कोजगरक भार लs कs आबs वाला सारक साथ कौड़ी-पचीसी खेलsक विधि होइत अछि। कहल जाय अछि जे कोजगरक दिन पचीसी खेलनाय शुभ होइ छै। आओर लड़की पक्ष सँ आयल बोरा भरि-भरि मखान, बताशा, लड्डू गाम भरक लोक सभ में बाँटल जाइत अछि।
◆ एकर अलावा गावँ समाजक भोज भातक खर्चा सेहो कन्यागत के तरफ सँ वरपक्ष के देल जाइत अछि। विधि अछि ई वर पक्ष के…. भार आबय छै कन्या पक्ष सँ।
परन्तु आब एहि विधि व्यवहार हमसभ कहाँ बुझैई छि।
छुच्छे….परम्परागत…..निरर्थक…. अनुष्ठान मानय छि।।
।। एहि कोजगरा मे माँ लक्ष्मी के पूजन करू ।।
।। अपन जननी माँ मातेश्वरी के वन्दन करू ।।
✍️ अमित जी