चलू विद्यापति केर धाम – यौ मिता! जानकी केर मिथिला गाम!!

मिथिलाक्षेत्र मे डेग-डेग पर सुरम्य-सौम्य देवी-देवताक रमणीय वासस्थल बनायल गेल अछि। तथापि किछु स्थल एहने होइत अछि जेकर सुन्दरता आ आकर्षण आस्थावान – भक्तमान लोक मे एकटा अजबे-अलगे अन्तर्शक्ति प्रदान करैत अछि। यैह कारण छैक जे स्थानीय लोकक अतिरिक्त ओहि स्थल पर बाहरो-बाहर सँ अनेको मनोकामना सहित लोक घूमय लेल, दर्शन करय लेल आ कबुला आदि पूरा करबाक लेल अबैत रहैत छथि। आउ, हाल मे फेसबुक केर मार्फत सँ देखल-सुनल किछु एहने महत्त्वपूर्ण स्थानक दर्शन ‘मैथिली जिन्दाबाद’ केर एहि पोस्ट सँ करी।

baba ishaan nath sitamadhi१. सीतामढ़ी जिलाक बेलसंड अनुमंडल मुख्यालय सँ पाँच किलोमीटर दुर दमामी मठ जतय बाबा इशान नाथ केर भव्य मन्दिर अवस्थित अछि, एतय २ फीट लंबा शिवलिंग स्थापित छथि। – फोटो आ जानकारी साभार: आर के पन्नालाल

dekulidhamanharidhamanharidham kamariya२. सीतामढ़ी-शिवहर एन एच 104 सँ सटले लोकदायनी माँ बागमती नदीक किनार पर अवस्थित बाबा भुतेश्वर नाथ देकुली धाम मंदिर – अत्यन्त प्राचीन आ अद्भुत कामरिया संग अन्हारी धाम। अन्हारी धाम मे शिव लिंग आकाश सँ आयल आ धरती पर स्थापित होयबाक कारण अन्हारी धाम कहाइत अछि।

अद्भुत कामरिया संग अन्हारी धाम केर इतिहास: साल 1288 ई. केर बात अछि। तिरहुत राज्य जे आजुक उत्तर बिहार थीक, ताहि ठामक मुजफ्फरपुर जिलाक एक गाम जेकर नाम उजिआरी छल, ओहि गाँव मे एक दिन भयंकर अाँधी और तूफानक संग बरखा आयल। लोक सब सोचय लागल जे कोनो प्रलय आबि गेल अछि। तरह-तरह केर संदेहभरल बात सब चारू कात पसरय लागल। ताबत धरि एकदम अन्हार गुज-गुज भऽ गेल। दिन राति मे बदैल गेल। आकाश सँ भयानक आवाज आबय लागल। लोक सब डर सँ अपन घर मे नुका गेल। जखन बरखा रुकल तखन लोक सब घर सँ बाहर आयल आ देखलक जे सब किछु पहिने जेकाँ अछि। सब कियो अपन काज मे लागि गेल। एक-दुइ दिनक बाद ओहि गामक एकटा महात्मा भगवान् शिव केर दर्शन पेला। ओ सपना मे देखला जे आकाशमार्ग सँ ओहि गाम मे दुइ टा शिवलिंग आयल अछि। ओकरा स्थापित करैत ओतय मन्दिर बनय। वैह शिवलिंग उजिआरी गाम मे अवस्थित अछि।

– फोटो आ जानकारी साभार: आर के पन्नालाल

siddhpeeth galamama tara siddhpeeth galamadwadash jyotirlinga siddhpeeth galama३. सिद्धपीठ गलमा: माँ तारा सहित नव-दुर्गा आ द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित। तंत्र-सिद्धि लेल प्रख्यात स्थल, दरभंगा जिलाक गलमा गाम मे अवस्थित अछि।

– फोटो साभार: वीणा यादव

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४. ठाकुरगंज (किशनगंज) मे महाभारतकालीन अवशेष सँ प्राप्त एक अत्यन्त प्राचीनतम् शिवलिंग – करीब एक फूट लंबा आ जाहि मे शक्तिरूपा गौरी सेहो चित्रित छथि। उमा-सहित-महादेवकेर दर्शन कराबयवला एहि अद्भुत स्थानक संरक्षक सुप्रसिद्ध रविन्द्र नाथ टैगोर केर परिवार रहला आ पूजेगरी बंगाली ब्राह्मण गांगुली परिवार आइ धरि एहि ठाम पुस्त-पुस्त सँ सेवा मे उपस्थित छथि।

– फोटो साभार: प्रकाश नारायण झा