लेखनी के धार 🙏🏽🌹
दिनांक -12/10/23
विषय -दुर्गा पूजा के उत्साह आर ओकर तैयारी
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हिन्दू धर्म में दुर्गा पूजा एक टा प्रमुख पावैन होइत अछि। ओना तऽ दुर्गा पूजा देश के हरेक राज्य में मनाओल जाइत अछि,मूदा एकर उत्साह बंगाल, बिहार आर गुजरात में किछू बिशेस देखय लेल भेटत ।नौ दिन तक चलै बला ई नवरात्र आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाओल जाइत अछि।पहिल दिन महालया होइत अछि,। षष्ठी, सप्तमी अष्टमी आर नवमी चारि दीन बहुत धुमधाम स पूजा होइत अछि। नवमी के महानवमी सेहो कहल जाइत अछि।दशम दिन यानी दशमी क ऽ माता रानी के विसर्जन होइत छऐन्ह। जेकरा हम सब दशहरा या विजयादशमी के रुप में मनावै छी। अहि में कलश स्थापना कैल जाइत अछि।मुख्यतः दुर्गा पूजा लोक जन, बुड़ाई के शक्ति स सुरक्षित होवय लेल करै छैथ।एहन मान्यता छै कि माता रानी ब्रम्हा, विष्णु आर महेश तीनु देवता के शक्ति ग्रहण कय अहि दिन दूष्ट राक्षस महिषासुर के वध कय बुड़ाई के हरा विजय प्राप्त केने रहैत।
जहां तक उत्साह आर तैयारी के बात छै त ऽ दुर्गा पूजा के उत्साह गाम घर आर शहर दुनू जगह अलग-अलग तरह के रहै छै , जेना शहर में मात्र चारि दीन बेशी बुझय में आबय छै लेकिन गाम -घर में दशो दिन अलगे आंनद रहै छै ,धिया -पुता स लय क ऽ जवान तक के।हं बच्चा सब कनी बेशी उत्साहित रहै छैथ मेला -ठेला लय क ऽ । नेनपन में पूजा के उत्साह सबहक लेल एके रंग रहै छै जेना स्कूल में छुट्टी, मेला -ठेला में खुब घुमब,रंग -बिरंग के समान सब खरिदब,रंग -रंग के चीज सब किनी कय खेऽब। घरे, घर कुमाइर खाएब।महिनो पहिले स लाइग जाइ छैथ लोक सब तैयारी में पंडाल के तैयारी, मुर्ती बनबै के तैयारी,घरक साफ़ -सफाई, पूजा के समान सब ओरिएनाई,नव वस्त्र सब खरिदब,छागर,पाठी बली देबय के तैयारी, आदी।
हमहुुं सब बहुत पहिले स तैयारी करै लागय छलहूं, कोलकाता में बचपने स रहल छी त ऽ ओतय कनी बेशीये उत्साहित रहै छलहूं पंडाल सब देखय लेल ,एक स एक थीम पर बनै छलै पंडाल सब। पुरा कोलकाता दिवाली जकां लाइट स चकमक करै छलै ,देखै में जेना पूरा चांद, तारा जमीन पर आबि गेल अछि तेहने लागय छलै। बहुत पहिले स रंग -बिरंग के कपड़ा,जुता , श्रृंगार के समान सब खरिदय लागै छलहूं मम्मी के संग में।आर रोज भोरे भोर नहाई -धोई रोज पाठ करै छलहूं,साँझूक पहर में दिया,बाती कय साँझ देखाए आरती करै छलहूं।फेर पहिर ओढी कय पंडाल सब में मैया के दर्शन करै लेल निकलै छलहूं।भैर -भैर राति घुमी पंडाल सब देखै छलहूं। भीर भार बला पंडाल सब दिन में देखय लेल निकलै छलहूं मम्मी पापा संगे । अष्टमी दिन भोरे नहा धोइ क नवका कपड़ा पहिर पुष्पांजलि अर्पित करै लेल पंडाल में पहूंच जाई छलहूं। दशमी दिन मम्मी के संगे माता रानी के सिंदुर चढावै लेल जाई छलहूं ओतय महिला लोकनि सब एक दोशर के सिंदुर लगा गला मिलै छलऐथ से देखै में बहुत निक लागै छल हमरा , हमहुुं सब के लगावै छलईयऐ।
आब बियाह के बाद स हम सासूर चली जाई छी पूजा में,कारण हमरा सासूर रखवारी में बहुत पैघ आर भब्य दुर्गा मंदिर बनल अछि त ऽ ओतय खुब धुमधाम स पूजा होइत अछि।ओकर एक टा अलगे आंनद छै जेना आब हम दशो दिन व्रत में रहै छी त ऽ भैर दिन सहिकऽ साँझ देखावै जाइ छी मंदिर पर ,राति कय प्रोग्राम सब देखै लेल जाइ छी , जेना आर्केस्ट्रा,गायक सब आबै छैथ हूनका सब के । चुड़ी, लहठी सब खुब खरिदै छी ,घोघ ताइन के। कचरी, झिल्ली, जिलेबी खुब किनी कय खाई छी ,भेटै त ऽ आब फास्ट फूड सब सेहो छै गामो घर में मूदा हमरा गामे बला झिल्ली, कचरी निक लआगयत अछि।कुमाइर भोजन सेहो खुब मोन स करबै छी,आ हे भोर खुन क ऽ फुलडाली में श्रृंगंरहार के फुल देखी मोन हर्षित भय जाइत अछि। अष्टमी कय खोइछ सेहो भरै लेल उत्साहित रहै छी आर रहब कोना नहीं महिना भैर पहिलेहे मैंचिग के ब्लाउज बना लै छी,हं गाम जाहि बेर नहीं जाइ छी त ऽ हमरा सोसायटी में सेहो बहुत सुंदर पूजा होइत अछि तऽ ओहि मे जागरण सब देख लै छी ,माता के चौकी में सामिल भ जाई छी ,दांडिया कनी मनी क लै छी। खोइछ ऐतऔ भैर लै छी। अंतिम दिन विसर्जन मे सामिल भय कनी मनी नाचीयो लै छी ,मूदा हमरा विसर्जन के बाद मंदिर प्रांगण बिल्कुल निक नहीं लागैया कारण सूनसान लागैत रहै छै ,पूरा गाम भम्ह परैत रहै छै, मैया के चेहरा सेहो मलिन भ जाइत अछि।
अंततः इहे कहब कि दुर्गा पूजा सबहक जिवन मे उत्साह एवं ऊर्जा के संचारित कय दै छै,।जय माता दी 🙏🏽
✍️ रिंकू झा, ग्रेटर नोएडा