संतानकें दीर्घायु हेबाक लेल कैल जाइत अछि इ व्रत

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एकटा मिथिलामे बड्ड प्रख्यात कहबी छै जे:-
जितिया पावनि बड्ड भारी
धिया पुताकेँ ठोकी सुतेलनि
अपने खेलनि भरि थारी
जितिया पावनि बड्ड भारी
मुदा ई कहबीटा नञि अछि। राइतमे जखन नेना सभ सुतल रहैत छथिन तखन व्रती सभ अष्टमी तिथि परबा सँ पहिने चाहे ओ एगारहे बजे राइतमे कियैक नञि होइन वा एक दु बजे मुदा दतमैन कए कम सँ कम चाहो पानि सँ अप्पन मुँह अँइठ करबे करैत छैथ। तैँ ई कहबी अछि।
मिथिलामे जितिया पावनिक व्रतक बड्ड महत्व अछि। ई व्रत संतान लेल कएल जाइत अछि। अदौंकाल सँ ई व्रत सभ माय संतानक दिर्घायु आ निरोगी काया लेल करैत आबि रहल छैथ।
एहि व्रतमे एकदिन पूर्वे व्रती लोकनि धार अथवा पोखैरमे जाए स्नान कए झिमुनी/घीरा पातपर जिमूतवाहन, चिल्होरि,सियार आ अपन पितराइनके खैड़ आ तेल चढ़बैत छैथ। उज्जर फूल चढ़ाक धूप दीप बारी अष्टमी तिथिके जिमूतवाहनक व्रतक संकल्प लैत छैथ। घर आबि चूड़ा दही चढ़बैत छैथ। जिनका पितराइन खूएबाके रहैत छैन ओ पितराइनके भोजन कराए भोजन करैत छैथ। सभ व्रतमे हम सभ एकदिन पूर्व अरबा खाइत छी मुदा जितिया सनक कठिन व्रतमे एकदिन पूर्व मरूआक रोटी, आ माछ खाएल जाइत अछि आ जे वैष्णव छैथ ओ नोनीक साग खाइत छैथ कारण नोनीक साग अशुद्ध मानल जाइत अछि। ई नियम सधवा व्रती लेल अछि। विधवा व्रती लोकनि अरबा खाक व्रत करैत छैथ। एहि सँ ई सिद्ध होइत अछि जे ई व्रत केवल संतान वा पुत्रक लेल नञि कएल जाइत अछि अपितु सुख सौभाग्य लेल सेहो। एहि व्रतमे भोरहरबामे अंगुठन करबाक प्रचलन अछि।४ बजे माय अप्पन नेना सभहक संग घरक सभ सदस्यकें चूड़ा, दही, चीनी, केरा,अम्मट ,अचार मधुर ले अंगुठन करबैत छथिन।जाहि जितियामे अंगुठन लिखल रहैत अछि ओहिमे व्रती सेहो चाह पैन पिबी वा अंगुठन कए अंगुठनक विधि करैत छैथ।ई व्रत आशिनमे पितरपक्षमे अष्टमी कृष्ण पक्षमे होइत अछि। ई निर्जला होइत अछि। ई व्रत २६ घंटा सँ लक ४० घंटा तककेँ होइत अछि। अहि व्रतमे व्रती व्रतकालमे किछु नञि करैत छैथ। नञि कुर्रा- दतमैन, नञि किछु खोंट-खांट, निर्जला बैसल रहैत छैथ। एहि व्रतमे पोखैरमे नहाक कथा सुनल जाइत अछि। पबनैतिन सभ सभ बेटी पूतौहक लेल टिकुली सिन्दुर आ पुत्र, पोत्र, जमाय लेल डराडोरी राखी उत्सर्ग करैत छैथ। व्रती लोकनि फल नारीयर, अँकुरी,अक्षत,बाँसक पात सँ डाली भरिकए लाल वस्त्र सँ सेहो झँपैत छैथ आ ई डाली पुत्र द्वारा उघारल जाइत अछि। व्रतक समयावधि खतम भेलापर, नवमी तिथिके चढ़लापर नहाक नैवेद्य दए दतमैन कएल जाइत अछि आ तकर बाद पारणा कएल जाइत अछि।जिमूतवाहनक व्रत बहुत कठिन मुदा संतानक दिर्घायु रहबाक कामना सँ कएल जाइत अछि।
जय जितवाहन🙏🙏

नीलम झा✍️
जनकपुरधाम सँ