तेना लिखू जे लोक के कल्याण हो
लेख लिखनाय एकटा कला होइत छैक। बच्चे सँ लेख (१०० शब्द, २०० शब्द, ५०० शब्द, १००० शब्द) लिखबाक अभ्यास करायल जाइत अछि। लेखनी लोक तखनहि उत्कृष्ट स्तर के कय सकैत अछि जखन लेखकक दिमाग तेजी सँ लेख के सब ओर-छोर पकड़ैत छैक आ दिमागी आँखि सँ पाठकक मोन पर पड़यवला प्रभाव आ मनोभाव सेहो देखि-पढ़ि लैत छैक। यदि लेखक के दृष्टि मे खाली ‘वाहवाही’ मात्र भेटबाक आशा-अपेक्षा रहत त ओ लेख वाहियात आ बेकार भ’ गेल करत, किछु दिन धरि ‘बड नीक’, ‘बहुत सुन्दर’, ‘आह-वाह’ आदि ‘हाँजी-हाँजी’ टाइप के पाठक सँ भेटत, बाद बाकी लेख के स्तरीयता मे कथमपि सुधार नहि आबि सकैत अछि।
मैथिली मे लेखन करबाक समय गोटेक बात ध्यान राखबः
१. विषय सदैव अपन समाज आ सामाजिक चरित्र पर आधारित हेबाक चाही।
२. मिथिलाक अपन सरोकार आ विषय पर केंद्रित रहल करब।
३. परदेशक सन्दर्भ मे सेहो मैथिलजन – मिथिलाक लोक सँ जुड़ल विषय सब पर सेहो लिखू।
४. मनुष्य जीवन मे सब सँ पैघ बात होइत छैक मनुष्यक पीड़ा, दर्द, परेशानी, कष्ट, रोग, आदि। मानवीय संवेदना केँ छुबयवला बात-विचार लिखब जाहि सँ केकरो जीवन मे परिवर्तन आबि सकैत छैक, तेहेन लेख लिखल करू।
५. लोकतंत्र के नागरिक छी। लोक के मत केँ प्रभावित करैत छैक राजनीति। तेँ राजनीति केँ केवल नेता द्वारा कयल जायवला तत्त्व एकदम नहि बुझियौक। ई हमरा-अहाँ सभक जीवन केँ प्रभावित करयवला पक्ष होइत अछि। तेँ, राजनीति पर सेहो खुलिकय बात-विचार करू। लेकिन निरपेक्ष भाव सँ राजनीतिक चिन्तन वला विमर्श हो तेहेन लेख लिखू। कोनो विशेष दल अथवा दलीय भावना सँ प्रेरित भ’ कय मात्र लेखन करब त दोसर दल सँ प्रेरित लोक आ अहाँ बीच द्वन्द्व होयत, समूह केर लक्ष्य सँ भटकबाक सम्भावना बनत। बस, निरपेक्षताक भाव राखि सभक हित लेल कि सही छय अथवा कि सही हेतय से लेखकीय विचार सब लिखब आवश्यक अछि।
६. शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, विज्ञान, आदि अनेकों विषय बहुत सान्दर्भिक छैक। एहि सब के बिना लोक आ समाज के परिकल्पना असम्भव छैक। एहि सब विन्दु पर एकाग्रचित्त भाव सँ जतेक बेसी लिखि सकब, ततेक बेसी लिखू।
७. विश्व परिवेश मे कतय कि हलचल मचल छय, रुस-युक्रेन मे युद्ध आ ओकर असर बाकी संसार मे केहेन भ’ रहल छय, कोरोना महामारीक बाद अजीबोगरीब आर्थिक मन्दी सँ विश्व केना परेशान छैक, कतेको लोकक छोट-मोट उद्यम केना बन्द भ’ गेलैक आ फेर के कतेक संघर्ष कय केँ फेर सँ जीवन पटरी पर अनलक, एहेन एहेन कय टा बात छैक जेकरा करेन्ट अफेयर्स (सामयिक घटनाक्रम) कहिकय लिखनाय, बुझनाय आ लोक केँ बुझेनाय बहुत आवश्यक छैक। एहि पर नजरि बनेने रहू आ खूब लिखय जाउ।
हमर किछु अभिन्न भाइ-बहिन-स्नेहीजन-बंधुगण सब छी जिनका कोनो न कोनो समय हम लेखनी लेल प्रोत्साहित कयल, आ बाद मे बहुत बेसी ध्यान अहाँक लेखनी पर नहि देल… ताहि सँ अहाँक भीतर एकटा कुन्ठा बैसि गेल जे हम अहाँक लेख-विचार नहि पढ़ैत छी, एकरा ई सोचि दूर करू जे हम अहाँक मात्र एक गोट पाठक नहियो पढ़ैत छी त ई बड पैघ बात नहि भेलय…. लेकिन अहाँक हजारों पाठक छथि आ ओ अहाँ केँ पढ़ि रहल छथि। एहने हमर बहिन रूबी काल्हि शिकायत कयलक जे भाइजी अहाँ प्रोत्साहित कय केँ लिखय लेल प्रेरित कयलहुँ आ आब अहाँ हमर लेख-रचना नहि पढ़ैत छी। त ओकरा हम कहलियैक जे बहिन हमरा टैग कय देल कर। आइ मैसेज पठेलियैक से अहाँ सब सँ ‘मैथिली जिन्दाबाद वेब पत्रिका’ के सम्पादक होयबाक नाते एतय लिखि रहल छीः
“जखन नीक-नीक लेख-रचना सब वृहत् पाठक लेल लिखी त जरूर पठाबी। लेखन जे सर्वहितकारी हो तेकर प्रकाशन होइ से काज हम करैत छी। बाकी, विभिन्न लेख-रचना सब पर हम नजरि नहि न दय सकब असगर लोक। हँ, अहाँ जरूर टैग कय देब त हम कखनहुँ न कखनहुँ पढ़ब आ तदनुसार अपन उपस्थिति जनायब। ओना, एकटा बात अहाँ केँ ध्यान राखय पड़त। जखन अहाँ केँ लेखिका रूप मे जनमानस के सोझाँ आनि देलहुँ अपन प्रोत्साहन सँ त फेर जनमानस केँ प्रभावित कय केँ पाठक बनाउ आ पाठक संग पाठकीय प्रतिक्रिया के अपेक्षा करू। ई अहाँक जरूरी धर्म थिक।”
धन्यवाद। लेख जतेक लम्बा होइत छैक ओ ओतेक रास सारगर्भित विचार-विमर्श केँ समेटने रहैत छैक। लम्बा लेख सब नहि पढ़त। मुदा दुइ-चारियो जँ पढ़ि रहल अछि त अहाँक लेखनीक सार्थकता अन्य लेख केर अपेक्षा मे बहुत बेसी बढ़ि रहल अछि। कतहु जायब, अहाँक १० गोटे स्वतःस्फूर्त ढंग सँ सराहना करैत भेटि जेता। से ध्यान राखिकय आगू बढ़ू। ओना छोट आ आकर्षक लेख मे सेहो बड शक्ति होइत छैक आ लेख बेसी लोक पढ़ैत छैक, ताहि सँ स्वाभाविके बेसी पाठक भेटब ओहि लेखकक सौभाग्य थिकैक। हमरा तरफ सँ सभक लेल शुभकामना, हम त जानिये कय लम्बा लिखैत छी जे शौर्टकट वला सब कने दूरे रहल करैत अछि।
हरिः हरः!!