“मिथिला आ बाढ़ि”

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–रिंकू झा।           
ओना त प्रतिदीन पृथ्वी पर कोनो ने कोनो प्राकृतिक घटना घटेऐत रहई छै, मुदा कीछ घटना अतेक पैघ होय छै वो विनाश के रूप लॉ लै छै। जेना बाढी ।
बाढी के मतलब होई छै वृद्धि, कोनो भी चीज के अत्यधिक भेनाय दुखदाई होई छै, तहिना एक स्थान पर बहुत बेशी मात्रा में जल जमाव भेला से होई छै बाढी ।
ओना बाढी एकटा प्राकृतिक आपदा छै जे कोनो भी क्षेत्र में वर्षा ऋतु में बेशि पैन भेला स बाढी आबे के संभावना बढ़ी जाय छै, बाढी के बहुत तरहक रूप होई छै,बहुतों कारण भी होई छै,जेना जल जमाव, भारी मात्रा में वर्षा भेनाए, बांध के टूटनाए, या फिर भूकंप आदि।
ओना त पूरा बिहार आय बाढी स ग्रसित रहैया मुदा उत्तरी बिहार जेना मिथिला खास के प्रभावित अच्छी कारण मिथिला नेपाल से सटल अछी जे हिमालय के बहुत करीब छै।
अहि भूमि पर बहुत रास नदी बहैत अछी जेना कोशी, कमला, गंडक, बलान, बागमती आदि। ई सब नदी हिमालय स निकैली क आगा जा अपन_अपन शाखा स मिलाई छैथ या बेशी भाग मुख्य नदी गंगा में जा मिले छैथ।
वर्षा ऋतु में जखन हिमालय पर बहुत रास वर्षा होई छै तखन ओ सब पैन नेपाल में बढ़ा लगे छै, त ओतय स बांध खोइल देल जाय छै जाहि स ई सब पैन अहि नदी के द्वारा मिथिला में प्रवेश करै छै, नदी सब पहिले स बारिश के कारण भरल रहल छै ओहि वजह से अत्यधिक पैन के वजह से बाढी आईब जाए छै।
एही कारण स मिथिला में लोक कोशी के शोक नदी सेहवो कहाई छैथ। बाढीक प्रकोप त सब गोटे जनाय छी जे कोना गामक गाम छन भैर में डूबी जाय छै,कतेक के घर बरबाद भ जाय छै, माल_जाल सब आय पैन में दहा जाय छै,कतेक लोक बही जाय छै। घरक अन्न वस्त्र सब दहाई जा के कारण खाय _पिबय के सेह्वो समस्या भ जाय छै, कल सब पैन में डूबी जाय के वजह से पिबय के पैन से नई भेटई छै, लोक सब परिवार समेत बांध पर आबि जीवन गुजारे लेल मजबूर भ जाय छैथ।
अहि समय में बहुत रास बीमारी सब सेहों बिकट रूप में सामने अबाई छै, सब स जायदा किसान सब के समस्या के सामना करे परेई छै कारण हुंकार सब के त रोजी रोटी सब खतम भ जाय छै,बाजार में समान सब के दाम मंहगाई के चरम सीमा पर पहुंच जाय छै जे आम आदमी के लेल कठिन छै,। याता यात के साधन पर सेहो असर होई छै,लोक त्राहि त्राहि करे लगे छै,
ओना ईहो सत्य छै की बीना पैन के जीवन संभव नई छै हर चीज के दू  टा पहलू छै निक आ खराप। ते बाढी कखनो के नीको साबित होई छै कारण अहि हिमालय के पैन सा  आ नदी के बढ़ी स कृषि बढ़िया भ जाय छै आर अपना बिहार मिथिला कृषि प्रधान शहर आय, त एत कहियो पैन के कमी नई होई छै जे स कृषि बाड़ी बढ़िया भ जाय छै, बाढी गेेेेके ला लाल बाद जे रेेेत आ गाद रही जाय छै ओहि स खेत के ऊर्जा शक्ति बैढ जाय छै, जय स खेत सब उपजाऊ भ जाय छै,
ओना त सरकार बहुत तरहक प्रयास क रहल छैथ अहि क्षेत्र में सुधार के लेल, नेपाल सरकार के साथ मिली , बहुत बांध सब सी बनल कोशिश जारी छै, मुदा जल के अधिकता अटेक छै की रोकनाय सम्भव नहीं भेट  पाबी रहल छै।अगर पैन संरक्षित कराए के टैंक बनी जाय त संभव भ सकैया जे एतेक प्रकोप नही रहत बाढी के
केवल सरकार के आगा बढ़ला स नही हेतई संभव आय में सरकार आर तकनीकी विज्ञान के साथ साथ समस्त नागरिक के सेहो
सहयोग हैबाक चाही।