सपना: मिथिला राज्य बनेबय कोहुना (काव्य)

कविता

– शिशिर कुमार झा

सपना
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प्रवासी मैथिल के एकहि सपना,
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
पलायन के शिकार भेलहुं हम,
बेरोजगारी सं तबाह भेलहुं हम,
बाढि रौदी सं लाचार भेलहुं हम,
शिक्षा-स्वास्थ्य सं तारतार भेलहुं हम,
घर-परिवार छोड़ि भगलहुं कोहुना,
दिल्ली, मुम्बई, सूरत आ’ बसलहुं पटना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना,
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
अपन अस्तित्व लेल लड़ैत रहलहुं,
दिन खेलौं, राति भूखले सुतलहुं,
पच्चीस पचास गज मे हम बसलहुं,
गामक देबाल सब ढहि- ढहि बाजय,
हौ बौआ तू एकबेर गाम त आबह,
की भेलय भगवती घर बचाबैक सपना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना..
परिवार संग सब बाहर बसलहुं,
घर गाड़ी संग शिक्षा कीनलहुं,
गाम जाय सब कोठा बन्हलहुं,
छठि दियावाती फेर गामे मनेलहुं,
सब संस्कार आब गामे शुरू केलहुँ,
भगवती के कर जोड़ी, पूरा करी सब सपना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना..
अपन सभ्यता-संस्कृति के बचेलहुं,
छठि, दुर्गा, सरस्वती पूजा केलहुँ,
मैथिली बाजि,अपनभाषा के बचेलहुं,
मिथिलाक्षर लिपि के घर घर पहुँचेलहुं,
सगासंबधी संग मायबाप के रक्षा केलहुँ,
मिथिला राज्य लेल आब शुरू केलहुँ धरना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना..
नगर-नगर मे विद्यापति के गीत बजेलहुं,
गोसाऊनिक गीतक एकर आधार बनेलहुं,
नाटक, सिनेमाक सौंसे धूम मचेलहुं,
कवि गोष्ठी कय मैथिल के एकजुट केलहुँ,
जातिपाति आ’ छूआछूत के बंधन तोड़लहुं,
हर मैथिल के आब मात्र मिथिला राज्यक सपना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना..
सियाधिया मिथिला के बेटी, सबके बुझेलहुं,
उगना बनि शंकर चाकर छथि, सबके समझेलहुं,
शंकराचार्य पर मंडन-भारतीक जीतक झंडा फहरेलहुं,
मिथिलाक दर्शन सं लोकक दर्शन करबेलहुं,
अयाची, गोनू के खिस्सा सबतक पहुँचेलहुं,
एकमात्र संकल्प बचल, मिथिला राज्यक सपना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना..
महानगर मे जनजागरण के हथियार बनेलहुं,
मिथिला भरि रथयात्रा कय मैथिल के जगेलहुं,
विद्यापति पर्व समारोह मे मिथिलाराज मुद्दाउठेलहुं,
पार्षद सं सांसद तक मैथिली मे सपत करेलहुं,
संसद मे मिथिला राज्यक बात उठेलहुं,
भीख नहिं अधिकार छी,जन जन के सपना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना..
मैथिली के संविधान मे स्थान दियेलहुं,
प्राथमिक शिक्षा हुअ मैथिली मे आवाज उठेलहुं,
विभिन्न मंच पर सब पार्टी के नेता के एकसंग करेलहुं,
ओहि मंच सं नेता सब सं मिथिलाराजक बात उठबेलहुं,
राज्यक लेल मैथिल के चौखटि सं बाहर निकलबेलहुं,
मिथिला राज्य हुअ साकार, पूरा हैत ई सपना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना..
मिथिला राज्य कियैक कहनिहार के चूप करेलहुं,
देश विदेश तक मिथिला के झंडा फहरेलहुं,
नेपालक मैथिल के जोड़ि गौरवान्वित भेलहुं,
नेपालक मिथिला सेहो हमर, संदेश विदेश मंत्रालय तक पहुँचेलहुं,
औद्योगिक, सांस्कृतिक, समाजिक, भाषायी आजादी के सपत लेलहुं,
मिथिला, मैथिल द्वारा, मैथिल लेल, जल्द साकार हुअ ई सपना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
प्रवासी मैथिल के एकहि सपना.
मिथिला राज्य बनेबैय कोहुना.
जयतु मिथिला राज्य.
जयतु मैथिली..
जयतु माँ जानकी…