आलेख
– प्रवीण नारायण चौधरी
मिथिलाक्षेत्र मे प्रबुद्ध समाज द्वारा गाम-गाम धरोहर केर निर्माण संभव भेल अछि। सब गाम मे अपना तरहक एकटा कीर्ति पुरखा लोकनि द्वारा प्रेरणास्पद ढंग सँ बनल रहबाक भिन्न-भिन्न गाथा सब सुनल जा सकैत अछि। हिन्दू धर्मशास्त्र मे दानक महत्त्व बहुत पैघ छैक, तहिना जनकल्याणकारी निर्माण कार्य मे सेहो समाज काफी उत्साह सँ योगदान दैत छैक। एना मे स्थापित कीर्ति ओहि समाजक आपसी एकताक सुदृढ स्वरूप सेहो ठाढ करैत छैक। मिथिलाक्षेत्रीय पर्यटन हेतु ई सूत्र रामबाणक काज करतैक यदि राज्य द्वारा एहि तरहक योजना बनबैत गाम-गाम आ ठाम-ठाम पर बाहरी पर्यटक केँ आकर्षित कैल जाय।
दरभंगा जिला मुख्यालय सँ करीब ५० किलोमीटर पूब – महिषी उग्रतारा स्थान सँ करीब ५० किलोमीटर पश्चिम – सौराठसभा सँ करीब ५० किलोमीटर दक्षिण – कुशेश्वरस्थान सँ करीब ५० किलोमीटर उत्तर – बिल्कुल केन्द्र मे अवस्थित सुन्दर गाम कुर्सों मे दुइ टा अति प्राचिन मन्दिर अवस्थित अछि। एकटा गामक उत्तर मध्य मे दुइ सुन्दर पोखैर अमाही आ मूरा केर बीच मे अवस्थित श्रीरामजानकी मन्दिर आ दोसर गामक दक्षिण-पश्चिम कोण पर अवस्थित देवी दुर्गाजीक मन्दिर दुर्गास्थान सँ प्रसिद्ध। गामक सटले नदियामी, दसौत, गोरखा, हनुमाननगर, जयदेवपट्टी, आमारही, लालापट्टी, ठेंगहा, कठरा, देवना, मोतनाजे, मछैता, महिया, बैका, दादपट्टी, मदरिया आदि सब ठामक आस्थावान हेतु भगवतीक मन्दिर अत्यन्त लोकप्रिय अछि। लोक भोर-साँझ एतय दर्शन हेतु अबैत छथि। महिला, धिया-पुता, पुरुष आ सब जाति-धर्मक लोक लेल ई स्थान अत्यन्त पवित्र मानल जाइत अछि।
आइ सँ करीब ३०० वर्ष पूर्वहि खुनायल गेल बड़की पोखैर सँ प्रकट दुर्गा महारानी, श्रीलक्ष्मीनारायण सहित अन्य देवी-देवताक पाषाण मूर्तिक तीन मुख्य चाल एतय विराजित छथि। नित्य हजारों श्रद्धालू लोकनि जल-फूल-माला आदि सँ एहिठाम पूजा-अर्चना करैत अछि। संध्याक दर्शन आ आरतीक विधान अत्यन्त विशिष्ट अछि। मन्दिरक रख-रखाव आ व्यवस्था एहि ठामक संरक्षक कुर्सों दक्षिणबाड़ि ड्योढि द्वारा कैल जाइछ, जखन कि दुनू गाम कुर्सों तथा नदियामीक बच्चा-बच्चा एहि ठामक सुरक्षा आ बात-व्यवस्था मे चाक-चौबंद रहैत अछि। हरेक संध्या धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन आ समारोहपूर्वक अन्य-अन्य प्रवचनादिक आयोजन एहि ठामक सुन्दरता केँ आरो बढा दैत अछि। एक बेर जँ कियो भूललो-भटकलो पहुँचि गेला तऽ एहि ठामक मनोरम वातावरण हुनका साक्षात् भगवत् आनन्द सँ सराबोर कय दैत छन्हि।
मन्दिर मे ओना तऽ भक्त-श्रद्धालू लोकनि केँ पूजा-अर्चना व अनुष्ठानादि लेल समुचित व्यवस्था छैक, विश्रामालय सेहो छैक, मुदा रात्रि-विश्राम हेतु बाहरी लोक लेल कोनो इन्तजाम नहि रहबाक कारण या तऽ लोक कुटुम्ब-परिवारक घर मे रहैत अछि वा वापसी अपनहि गाम-घर दिशि जाय करैत अछि। ग्रामीण परिवेश मे कोनो तरहक वाद-विवाद एहि पवित्र स्थान पर आइ धरि केकरो नहि चलि सकल अछि। भगवतीक अपार महिमा मानल जा सकैत अछि जे आइ धरि एहि ठाम जे कियो बिना बातक विवाद केलनि ओ देवलोकक न्याय सँ सीधे दण्डित होइत रहला अछि। श्रद्धा आ विश्वास सँ मात्र एहि स्थान पर कोनो प्रकारक योगदान स्वीकार होइत छैक, यैह मान्यता स्थापित छैक।
दुर्गास्थान यदि कियो घूमय लेल वा दर्शन लेल औता तऽ हुनका लोकनिकेँ बगलक गाम सब मे सेहो विभिन्न देवी-देवताक चीर-परिचित लोकप्रिय मन्दिर सबहक दर्शन हेतनि। जेना कुर्सों मे श्रीरामजानकी मन्दिर आ भूतनाथ महादेवक मन्दिरक संग एक अन्य रामजानकी मन्दिर, मछैता मे बिसहरिस्थान, दसौत मे श्री राधेकृष्ण मन्दिर, जयदेवपट्टी, ठेंगहा, आदि मे सेहो अनेकौं मन्दिरक दर्शन संभव छैक। सटले पूब ४ किमी पर कमला-बलानक पवित्र धारा निरंतर बहि रहल अछि। गामसँ दक्षिण गोरखा आ पोहद्दीक बाद ऐहराइन बाबाक महादेव मन्दिर अवस्थित अछि। गाम सँ उत्तर लगमा संस्कृत महाविद्यालय जेकरा लगमा कुटीक नाम सँ लोक बेसी जनैत अछि आ तेकर बाद उजानक छिन्नमस्तिका भगवतीक दर्शन उपरान्त बाबा विदेश्वरनाथ केर दर्शन कैल जा सकैत अछि। कुर्सों सँ दक्षिण करीब १५ किलोमीटर पर सिद्धपीठ गलमा आ ज्वालामुखी भगवती स्थान कसरर सेहो अवस्थित अछि। तहिना करीब १५ किलोमीटर पश्चिम नवादाक सुप्रसिद्ध भगवतीस्थान अवस्थित अछि। जलेवार गरौलक मूल डीह गरौल आ ओहि ठामक महादेव मन्दिर सेहो मात्र ५ किलोमीटर पश्चिम-उत्तर केर कोण मे अवस्थित अछि। साबिक मे कमला नदीक एकटा शाखा बहाव एहि गामक पश्चिम नदियामीक काते-काते होयबाक प्रमाण आइयो मौजूद अछि। कुर्सों आ नदियामीक परिसीमन एहेन अछि जे दरिभंगा वा कोनो आनठाम लोक ‘कुर्सों-नदियामी’ नाम सँ बेसी जनैत अछि। ओना यैह परिकल्पना सँ एहि दुइ गाम मे कतेको सरकारी संस्थान जेना अस्पताल, पत्रालय, कन्य विद्यालय, आदिक स्थापना राज्य द्वारा भेल छैक।
सड़क मार्ग सँ ई गाम दरभंगा-दोनार-सोनकी-आशापुर-पकड़ी/मिलकी-नदियामी-कुर्सों-मधेपुर-फूलपरास (एनएच ५७) आ तहिना दरभंगा-सकरी-विदेश्वरस्थान-उजान-लगमा-सकतपुर-कैथवार-ककोढा-मछैता-कुर्सों-जयदेवपट्टी-तुमौल-घनश्यामपुर-लगमा-रसियारी सँ जुड़ल छैक। बाढिक असर सँ कतेको बेर ई दुनू मार्ग बाधित होइत रहलैक अछि। रेलवे सम्पर्क छोटी लाइन सँ उत्तर मे करीब १५ किलोमीटर पर लोहनारोड स्टेशन या ओतबे उत्तर झंझारपुर जंक्शन छैक, दक्षिण मे बड़ी लाइन सँ धेरुख (बेनीपुर) केर आसपास कोनो हाल्ट/स्टेशन अवस्थित छैक। एहि गामक नजदीकी बाजार, आशापुर, बेनीपुर, पाली, अलीनगर, मधेपुर, झंझारपुर, सकरी, दरभंगा, मधुबनी आदि छैक। तार्डीह प्रखंड सेहो एहि गाम सँ सटले ४ किलोमीटर उत्तर-पश्चिमकेर कोण मे छैक। गामहि मे उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय सेहो अवस्थित छैक। पलायन रोगक दंश सँ एहि गामक रंग भले कनेक उतरल बुझाइत हो, मुदा दुर्गास्थान आ अन्य रमणीय स्थानक सुन्दरता सँ ई सदा-सनातन चमकैत रहत ई तय छैक।