जनगणना मे जानि-बुझि नीयतवश कयल गेल गड़बड़ी प्रति तथ्यांक विभाग सँ शिकायत

जनकपुर, ३० नवम्बर २०२१ । मैथिली जिन्दाबाद!!

हालहि सम्पन्न नेपाली जनगणना मे गणक द्वारा कयल गेल नीयतवश बहुतो तरहक गड़बड़ीक संग-संग मैथिली भाषाभाषीक संख्या केँ जनगणना मे जानि-बुझि कम देखेबाक मनसाय आ सामाजिक स्तर पर विखंडन अनबाक कुत्सित प्रयास प्रति तथ्यांक विभाग केँ सचेत करैत गड़बड़ी सभक व्योरेवार विवरण सहितक निवेदन पत्र नेपाल सरकारक तथ्यांक विभाग केँ सौंपबाक कार्य कयल गेल अछि, संगहि एहि तरहक गलतीक छानबीन कय केँ कार्रबाई करबाक मांग सेहो कयल गेल अछि।

जनकपुर मे सक्रिय विभिन्न मैथिली भाषा-साहित्य व मिथिला संस्कृतिक कला व रंगकर्मी समूह (संस्था) द्वारा संयुक्त रूप सँ हस्ताक्षरित निवेदन पत्र तथ्यांक विभाग धनुषाक माध्यम सँ केन्द्रीय तथ्यांक विभाग काठमांडू केर ध्यानाकर्षण हेतु सौंपबाक बात विज्ञप्ति जारी करैत कहल गेल अछि।

ई निवेदन पत्र मैथिली साहित्यकार सभाक अगुवाई मे मिथिला नाट्यकला परिषद्, रमानन्द युवा क्लब, मैथिली विकास कोष, श्रीराम युवा कमिटी, गणेश युवा कमिटि, महावीर युवा कमिटी एवं रंगवाटिका नेपाल द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित होयबाक बात मैथिली साहित्यकार सभाक सभापाल प्रेम विदेह ललन बतेलनि। ओ कहलनि जे गड़बड़ी सभक उचित छानबीन आ कार्रबाईक संग एहेन जगह मे दुबारा तथ्यांक संकलन करबाक अनुरोध सेहो उपरोक्त निवेदन पत्र मे कयल गेल अछि।

हस्तान्तरण कार्यक्रम मे साहित्यकार सभाक सभापाल प्रेम विदेह ललन केर संग मिनापक महासचिव शैलेन्द्र मल्लिक, रमानन्द युवा क्लब केर अध्यक्ष मनमोहन साह तथा श्रीराम युवा कमिटीक निवर्तमान अध्यक्ष शंभू प्रसाद प्रेमी छलाह।

ई निवेदन पत्र तथ्यांक कार्यालय प्रमुख विमल कुमार यादव केँ हस्तान्तरित कयल गेलनि। श्री यादव एहि निवेदन केँ शीघ्रहि केन्द्रीय कार्यालयक संज्ञान मे आनि एहि पर आगूक कार्रबाई केर भरोसा जतेलनि।

विदित हो जे गोटेक जातिवादी राजनीतिकर्मी, किछु निश्चित एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन) आ किछु मगही एवं बज्जिका भाषाक अभियन्ता सभक संयुक्त अभियान सँ गणक सब केँ प्रेरित, प्रताड़ित एवं परिचालित कय केँ एहि तरहक गड़बड़ी करबाक कार्य प्रदेश १ व प्रदेश २ मे विशेष रूप सँ कयल गेल अछि। मैथिली संस्था सभक आरोप अछि जे नेपाल मे नेपालीक बाद दोसर सर्वाधिक बाजल जायवला सशक्त भाषा मैथिली प्रति जानि-बुझिकय विद्वेष भावना रखैत समाज मे जाति-पाति केर नाम पर विखंडन आनि जातिवादी राजनीति आ सत्तालोभ-लिलसाक खातिर एहि तरहक आत्मघाती डेग उठायल जा रहल अछि। एहि तरहक विखंडनक दूरगामी प्रभाव समाज मे अन्तर्संघर्ष आ आपसी झगड़ा-झंझट आ परस्पर प्रेम एवं सौहार्द्र मे खलबली मचेबाक वीभत्स असर पड़बाक खतरा सेहो बढि गेल अछि। तेँ, सम्बन्धित निकाय केँ एहि तरहक घटना आ गड़बड़ी सब पर कड़ा कार्रबाई अपरिहार्य रहबाक बात विज्ञजन सब कहैत छथि।