जन्मस्थल : शाहजहाँपुर, ब्रिटिश भारत
मृत्युस्थल: गोरखपुर, ब्रिटिश भारत
आन्दोलन: भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम
प्रमुख संगठन: हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन
‘बिस्मिल’ हुनक उर्दू तखल्लुस (उपनाम) छल जेकर हिन्दी मे अर्थ होइत छैक आत्मिक रूप सँ आहत। बिस्मिल केर अतिरिक्त ओ राम और अज्ञात केर नाम सँ सेहो लेख व कविता सब लिखैत छलाह। ओ सन् १९१६ मे १९ वर्षक आयु मे क्रान्तिकारी मार्ग मे कदम राखि देने छलाह।
११ वर्ष केर क्रान्तिकारी जीवन मे ओ कईएको पुस्तक लिख देलनि और स्वयं ओकरा सब केँ प्रकाशित करौलनि। ओहि पुस्तक केँ बेचिकय जे पैसा भेटल ताहि सँ ओ हथियार कीनलनि और ओहि हथियारक उपयोग ब्रिटिश राज केर विरोध करबाक लेल केलनि। ११ गो पुस्तक टा ओ अपन जीवव काल मे प्रकाशित करा सकलाह जेकरा ब्रिटिश सरकार द्वारा ज़ब्त कैल गेल।
बिस्मिल केँ तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा ओ अवध केर लखनऊ सेण्ट्रल जेलक ११ नम्बर बैरक मे राखल गेलनि। एहि जेल मे हुनकर दलक आन संगी सब केँ सेहो एक्कहि संग राखि हुनका सब पर ब्रिटिश राज केर विरुद्ध साजिश रचबाक ऐतिहासिक मुकदमा चलायल गेल छल।
बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वन्दे मातरम केर बाद राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ केर रचना ‘सरफरोशी की तमन्ना’ ओहेन लोकप्रियता हासिल केलक जेकरा गबैत कतेको लोक फाँसीक तख्ता पर झूलि गेल।