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नीलम बाबू आ गर्मी छुट्टी – लघुकथा

लघुकथा – “गर्मी छुट्टी”

– नेहा झा, वाराणसी

छोटका पंडित जीक मैझला बेटा नीलम बाबू केर पुलिस मे भर्ती भेलन्हि, माँ-दादा बड़ खुश भेलाह । हेता कोना नहि! बड्ड गरीबी मे ताहि जमाना मे बी.एच.यू. सँ पढ़ेने छलाह बेटा सभ केँ, ओ भरि गाम मे मिठाई बँटला, पूजा-पाठ करेलाह । बेटा चलि गेलखिन । पोस्टिंग भ’ गेल रहैन । किछुए साल बीतल छल बेटा के विवाह करेलाह, खुब सख-मनोरथ सँ । नीलम बाबू कनिया केँ ल’ क’ पहिल बेर गेलाह, पोस्टिंग रहन्हि तखन थिंपु, भुटान मे । सभ बेर गर्मी छुट्टी मे अबैत छलाह गाम खुब सनेस बारी ल’ क’ । भरि गामक लोक हुनकर बाट तकन्हि कियैक त’ सभ लेल किछु ने किछु अनिते रहथिन नीलम बाबू । ओहि बेर गर्मी छुट्टी आयल, नीलम बाबु चिठ्ठी लिखलखिन माँ केँ जे “माँ हमरा डी.एस.पी. लेल प्रोमोशन भेल अछि त’ किनसाइद एहि बेर हम नहि आबि सकबौ गर्मी छुट्टी मे । माँ खुशी भेली खुब जे बेटा डी.एस. पी. भ’ गेल मुदा कने दुखक छाही सेहो रहैन मुंह पर, कियैक त’ छुट्टी मे नहि अओता बेटा । चलु! कोनो गप्प नहि । कतहु रहैथ सुखी सँ रहैथ । कहि क’ मोन के मना लेलीह । ओम्हर नीलम बाबू केँ इमरजेंसी ड्यूटी लेल फोन रहैन जे कोनो आतंकी हमला भेल रहैक । अच्चके सँ कनियाँ केँ कहलखिन्ह जे अबैत छी तुरतहिं हम आ रिवलभल सभ सरिया क’ निकलि गेलाह । कनियाँ केँ बुझभा मे आबि गेलन्हि जे जरूरी काज छन्हि कोनो, चिंता मे बैसि रहलीह। भुटान मे ओ पहाड़ पर हमला, गोली बंदूक सभ होयत रहल, बड़ि काल मुठभेड़ भेलाक बाद अंत मे नीलम बाबू आतंकवादी केँ पकड़ै मे सफल भेलाह । खुश भ’ क’ जीप मे बैसला अचानकेँ जीप पहाड़ पर सँ पलटि गेल, हुनकर ऐक्सिडेंट भ’ गेल । हास्पिटल मे भर्ती करायल गेलन्हि, बहुत जतन के बादो नहि बचि सकलाह नीलम बाबू । उम्हर कनिया केँ खबर गेलन्हि, दौड़ली निछोहे, दाँती पर दाँती लगैन कनैत -कनैत । किछुए बरख भेल रहैन विवाहक । विधना एहेन अन्याय केलखिन । उम्हर गाम मे तार गेल ई खबरक । जवान बेटाक मृत्यु पर माँ -दादा केर हाल की कहु । छाती फाड़ि कनैत रहि गेली । एहेन गर्मी छुट्टी भेल रहन्हि ओई बेरक जे बेटाक बदला बेटाक अस्थि कलश एलन्हि ।एहेन दु:ख भगवान किनको नहि देथुन ।

नोटः दहेज मुक्त मिथिला समूह पर आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता मे द्वितीय पुरस्कार सँ पुरस्कृत कथा

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