मिथिलाक गाम – मिथिलाक धरोहरः चतरा, मधुबनी
– जुही कर्ण
हम्मर गाम भेल (मधुबनी जिला) चतरा । हम गाम पर करीब 2-3 साल पर 7 -8 दिन लेल जाय छी, कोलकाता में पापा के सरकारी रेलवे में नौकरी छलय ओहि लेल हुनको गाम बहुत कम जेनाय होबय लगलैन । हम्मर गाम पर हमरा ‘ब्रह्मपुरा’ नामक जगह छय, ओतय के मंदिर हमरा बहुत पसंद अइछ। ओहिठाम सँ किछुए दूरी पर #उचैठ दुर्गास्थान छय, पोखरी भीर पर स्कूल और सलहेश महाराज के मंदिर सेहो छय। बचपन में नय बुझल छल जे ओ देवता छथिन, हम खेल-खेल में बाघ, हाथी, शेर, महाराज पर चढ़िकय खूब बैसिकय छेड़-छाड़ करैत रही, आब सदिखन हुनका सब केँ देवता बुझिकय गोर लागय छी ।
संलग्न फ़ोटो जे देने छी से हम्मर गाम पर ब्रह्मस्थान पर छय, जतय हाट लागय छय और ई गाछ पर बड़का-2 टा के चमगादड़ (बादुर) भरल छय। सुनय छि जे ई गाछक बादुर के अपन ग्रास बनाबय छथि से रातों-रात खून बोकएर क मइर जाय छय ।
एत्त दुर्गापूजा सेहो धूमधाम स होय छय, और झंडा पूजा सेहो होय छय। हम्मर गाम पर रविवार के दिन रामायण पाठ सब सेहो होय या, हम्मर चाची के अप्पन पब्लिक स्कूल छय घरे पर, बहुत रास बच्चा सब आबय छय शिक्षा लेब के लेल, हम्मर गाछी, हम्मर सबसे पसंदीदा जगह अइछ । और बेसी किछ नय पता ।