पर्यटन स्थलक परिचय
– विवेक चन्द्र मिश्र, देवही टोल, मधुबनी
(साभार लेखकक फेसबुक पर राखल गेल पोस्ट, जहिनाक तहिना)
ग्राम वासी सब ओहि बरक गाछ के जड़ि में एकटा वार्षिक हनुमान ध्वजा के स्थापना क पूजन-अर्चना करैत छलाह। वर्ष १९९१ से ग्रामवासी लोकैन अहि जगह पर श्री श्री १०८ सपरिवार भोला-भवानी के पञ्चदिवशीय पूजनोत्स्व कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से करय लगलाह। एकर संस्थापक सह अध्यक्ष श्री राधेश्याम मिश्र भेलाह।
भोला-भवानी के पूजनादि के लेल तृणकाष्टादि से मंडप निर्माण कएल जाएत छल, और ओहि में सब गोटे यथासाध्य धूम-धाम सँ अर्चना करैत छलाह।
वर्ष १९७६ में भीठभगवानपुर निवासी श्री नूनू झा अपन स्व. पुत्री केर स्मृति में गाम-गाम मंदिर बनाबय लगलाह। ओहि क्रम में हमर किछु ग्रामीण के कहला पर ओ एतय सबसे प्रमुख पूर्वाभिमुख मंदिर श्री श्री १०८ देवेश्वर नाथ के मंदिर गुम्बज धरि बना ओकर प्रदक्षिणी (बरामदा) केँ कुर्सी धरि क के कोनो कारणवश छोड़ि देलाह। ओहि क्रम में बाबा देवेश्वर नाथ के स्थापना भेल। ई मन्दिर बनय के क्रम में ओ विशालकय बरक गाछ काटल गेल, सुनैत छी जे ओहि गाछक एक-एक टा डारि एक टा टेलर में होइत छल। आब तऽ गाम में बाबा के स्थापना भऽ चुकल छल समस्त ग्रामवासी लोकैन नित्य भोला बाबा के पूजन करय लगलाह। और प्रसन्न रहय लगलाह।
इ मन्दिर के गुम्बज सुन्दरता और एकर नक्कासी व ऊँचाई देखयबला अछि। गुम्बज के सबसँ उपर तीस टा नाग और ताही सँ उपर कमल फूल बनाओल गेल अछि ओकर बाद बाबा के त्रिशुल लागल छन्हि। ई नाग देखला पर स्पष्ट देखैत अछि,सुनैत छी जे इ नाग बनाबय लेल पिपरा घाट के सागर राजमिस्त्री भोर में जे चढैत छल तऽ ओ सांझ में एक टा बना के उतरैत छल। अहिना तीस टा नाग कारीगर तीस दिन में बनौनै अछि।
बाबा के स्थापना के किछु दिनक बाद हुनकर मंदिर के सामने ग्रामिण श्री कृष्ण कुमार मिश्र जीक द्वारा पार्वती मंदिरक भूमिपूजन भेल और मंदिर निर्माण कुर्सी धरि सेहो भेल। कालक्रमे बाबा क स्थापना के बाद लगभग १०-१२ साल तक दूनू मंदिर में कोनो तरहक विकास या आगुक कार्य बाबा मंदिर के बरामदा और मैया मंदिर निर्माण नै भऽ सकल। किछु दिन पश्चात सब गोटे किछु-किछु सहयोग सँ भोला-भवानी के वार्षिक पूजनोत्सव लेल बाबा देवेश्वर नाथ मंदिर स उत्तर एकटा मंडप के निर्माण कयल।
वर्ष २००७ में भोला-भवानी के असीम अनुकम्पा से गामक श्री गोविन्द मिश्र (इंजिनियर साहब) जी के द्वारा मंदिर के पुनर्णोद्धार कय बरामदा निर्माण संग पुरा सौन्दर्यीकरण कराओल गेल। संगहि श्री कृष्णकुमार मिश्र जीक अनुज श्री इन्द्रकुमार मिश्र (स्वामी जी) के द्वारा माँ पार्वती मंदिर के भव्य निर्माण भेल।
ओहि साल कार्तिक कृष्ण पंचमी के दिन (महादेव पूजनोत्सव के पंचम दिन) माँ पार्वती संग गणेश भगवान और बाबा सानिध्य में नन्दी क स्थापना पंडीत श्री शशिनाथ झा (आचार्य) और पं श्री सदानन्द झा (पुस्तकाचार्य) और अन्य विद्वद्गण के द्वारा कयल गेलन्हि।
आब त भोला-भवानी स परिवार एतय उपस्थित भऽ गेलाह। बाबाधामक परिदृश्य लागय लागल, भोला-भवानी मंदिर में पाग-पताखा लहरायत पूरा वातावरण आनन्दित और समस्त ग्रामीण प्रशन्न रहय लगलाह। आब तऽ एतय तीन टा (अर्थात बाबा मंदिर, मैया मंदिर, वार्षिक पूजनोत्सव मंदिर) मंदिर भऽ गेल स्थान रमणीय लागय लागल। समयानुकूल मंदिर परिसर के घेराव संग प्रवेश द्वार बनल । किछु दिनक बाद पुनः श्री गोविन्द मिश्र (इंजिनियर साहब) जीक द्वारा पोखैर में बाबा स्थान से डाइरेक्ट उत्तर मुहे जायवाला घाट संग पूर्व सँ बनल पूब घाटके बीच में छठि के लेल सेहो घाट बना देलखिन्ह। तकर बाद बाबा मंदिर के पूरा प्रांगन में इंट बिछा सिमेंटेड क देल गेल। भोला-भवानी के कृपा से आब त और आनन्द भऽ गेल।
आब भोला-भवानी के नित्य पूजन आरती संग विशेष शिवरात्रि में, वार्षिक पूजनोत्सव में और दूरदराज के अनेको दार्शनिक आइब के बाबा के दर्शन, रुद्राभिषेक आदि नाना प्रकार से पूजनादि करैत छथि। आब बाबा देवेश्वर कामना लिंग भऽ गेलाह, एतय आइब के मंगनाहार खाली हाथ नै जाइत छथि। तकर प्रमाण बाबा स्थान में अयला सँ स्वत: ज्ञात होइत अछि।
भोला-भवानी के प्रेरणा सँ वर्ष २०१८ में बाबा मंदिर के सामने एक टा घंटाद्वार बनाओल गेल जाहि में बड़का घंटा लगाओल गेल। आब सबहक विचार भेल जे इ जगह त बरक गाछ के निचा हनुमान जी के ध्वजा के पूजन लऽ के प्रसिद्ध भेल अछि। अतः एतय हनुमान जी के मंदिर सोहो बनबाक चाही। विचार सर्वसम्मती भेल। एहि सँ पूर्व गाम में ग्राम देवता मंदिर दू टा हनुमान मंदिर एक टा शिवमंदिर (निर्माणाधीन) क निर्माण भऽ चुकल अछि एकर चर्चा अगिला लेख में करब।
पं. श्री विनोद मिश्र जी के अगुवाइ श्री देवेश्वरस्थान में हनुमान मंदिर निर्माण लेल भूमीपूजन संग मंदिर निर्माण कार्य शुरू भेल। ओहि क्रम में सब गोटे बैद्यनाथ धाम गेलाह और ओहि मार्ग में कुमरसार स्थित एक टा नन्दी (बसहा) के देख के श्री जयकृष्ण झा जी के मोन में बाबा देवेश्वर नाथ प्रांगण में ओहिना नन्दी (बसहा) बनय से इच्छा जागृत भेलन्हि। सब के ई बिचार मान्य भेलन्हि। ग्रामीण श्री लक्ष्मी नारायण सिंह जी असगर नन्दी निर्माण में समस्त खर्च देबय लेल तैयार भऽ गेलाह। और देखैत देखैत हनुमान जी मंदिर और श्री नन्दी (बसहा) के विशाल बैसल प्रतिमा बनि कय तैयार भऽ गेल।
चैत्र शुक्ल त्र्योदशी (बुधदिन) तदनुसार तिथि 17.04.2019 के श्री अञ्जनीसुत रामप्रिय वीरहनुमत् और नन्दी के स्थापना ग्रामीण वैयाकरण पं. श्री योगेन्द्र मिश्र (आचार्य) श्री ईश्वर नाथ मिश्र (पुस्तकाचार्य) और अनेक विद्वतगण द्वारा भऽ गेलन्हि।
आब अहि जगह पर बाबा देवेश्वरनाथ महादेव मंदिर के संग माँ पार्वती मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, श्री नन्दी मंदिर, सपरिवार भोला-भवानी वार्षिक पूजनोत्सव मंदिर भव्य लागैत अछि। मंदिर के आगु घंटा द्वार और उत्तर विशाल पोखैर जे श्री बुचन मिश्र पोखैर नाम से विख्यात अछि ओइ में बनल घाटत्रय और ओकर कंचन जल भोला-भवानी के प्रांगणक शोभा में चार चांद लगाबैत अछि।
एहि स्थान में नित्य आस-पास और दूरदराज सँ भक्तराजलोकैन आबि के भोला-भवानी के पूजा अर्चना कामना करैत छथि और #मनवांछित_फल पबैत छथि।
सब गोटे से आग्रह निवेदन अनुरोध जे अपने सब एहि स्थान में आबि बाबा लग अपन कामना करी और पूण्य के भागी बनी। एतय आबय के लेल सड़क मार्ग सँ झंझारपुर – भाया – लखनौर सँ उत्तर लगभग २ किलोमीटर और झंझारपुर – भाया – मिथिलादीप (रेलवे स्टेशन) से दक्षिण लगभग २ किलोमीटर पर (देवही टोल गाम में) ई स्थान अवस्थित अछि। कोनो तरहक त्रुटि के लेल छमा प्रार्थी छी🙏 अहाँ सब के यदि ई नीक लागल हुए त आशीर्वाद देब🙏भोला-भवानी सबहक मनोकामना पूर्ण करैथ हमर येह कामना। नम:पार्वती पतये हर हर हर महादेव 🙌🙌🙌
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#शिवशक्तिपीठ
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— at Devhi Tola.