जीवन एकटा कठही गाड़ी – हिम्मत नै हारी, हिम्मत नै हारी

गीत

– प्रदीप पुष्प

जीवन – गीत

जिनगी एकटा कठही गाड़ी
हिम्मत नै हारी, हिम्मत नै हारी
कतबो थाकल होइ सवारी
हिम्मत नै हारी, हिम्मत नै हारी

१) कखनो सुख केर चिक्कन बाट होइ
कहियो दुख केर खाधि अभरि जाय
कहियो नौ – छह थार साजल होइ
कहियो भुखले दिवस गुजरि जाय

मूँह मलिन नै कनिओ मीत यौ
पड़ै उपास आ कि होइ जयबारी..
हो.. जिनगी एकटा कठही गाड़ी
हिम्मत नै हारी, हिम्मत नै हारी..

२) कखनो देह पर फाटल कुरता,
कखनो शोभै सोनक हार,
कहियो उग – डुब करै जुआनी,
कहियो घोकचल चमड़ी बेकार,

जीवन केर छै यैह पिहानी,
गाड़ी पर नाव आ नाव पर गाड़ी,
हो.. जिनगी एकटा कठही गाड़ी
हिम्मत नै हारी, हिम्मत नै हारी

कतबो थाकल होइ सवाड़ी,
हिम्मत नै हारी, हिम्मत नै हारी