गज़ल
– गोपाल मोहन मिश्र
हम तs झोंका छी हवा केर, उड़ा लs जायब
जागैत रहब, हम अहाँके अहीं सं चोरा लs जायब
मूर्ति के कदम पर भै निछावर, फूल कहलक
खाक में मिलियो कs हम, अप्पन खुशबू लs जायब
हमरा मिटयबाक, भने भै जाय कोशिश कामयाब
तैयो मिटैत मिटैत हम, मिटबाक मजा लs जायब
ओ शोहरत जकर कारणे, दोस्त दुश्मन भै गेलाह
सभ एतै रहि जायत, संग की लs जायब