अध्ययनशील-गम्भीर आ प्रखर राजनीतिक व्यक्तित्व उपेन्द्र यादवः मधेशक मसीहा

विशिष्ट व्यक्तित्व परिचयः नेपालक उदीयमान राजनेता ‘उपेन्द्र यादव’

 
नेपालक वर्तमान सरकार मे उपप्रधानमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री छथि उपेन्द्र यादव। नव गणतांत्रिक नेपाल केर संक्रमणकालीन अवस्था मे ‘मधेश मुद्दा’ सँ उदय भेला नेता शुरुआती दौर मे मधेशक मसीहा आ अमेरिकी नेता मार्टिन लूथर किंग सँ तुलना कयल जाइत छलाह। लेकिन नेपाल मे तेजी सँ बदलैत राजनीतिक परिवेश मे क्रमशः स्थिति-परिस्थिति बदलैत चलि जेबाक कारण – हिनकर स्वयं केर बनायल राजनीतिक जनाधार आ संगठन मे कइएक अन्तर्विभाजन आ परिवर्तनक कारण – उपेन्द्र यादव जीक व्यक्तिगत राजनीतिक व्यक्तित्व पर कइएक सवाल सेहो उठैत रहल आ संगहि लोकप्रियताक ग्राफ सेहो तर-ऊपर होइत रहल। परञ्च निरपेक्ष रूप सँ देखल जाय तऽ एकटा अध्ययनशील आ गम्भीर राजनीतिक चिन्तन सँ भरल राजनेताक रूप मे हिनकर छवि दिन-ब-दिन प्रखर भेल जा रहल अछि। मधेशक क्षेत्रीय राजनीति सँ राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य धरिक राजनीतिक यात्रा मे मधेशी सहित अन्य विभिन्न उत्पीडित आ पिछड़ल (पाछाँ छुटल) नेपाली जनसमुदाय केर हक-हित लेल न्याय केर संघर्ष मे ई अपन जीवन समर्पित कएने छथि।
 
हालहि हिनक राजनीतिक दल संघीय समाजवादी फोरम, नेपाल आ डा. बाबूराम भट्टराईक नेतृत्व मे चलि रहल नयां शक्ति पार्टी बीच एकता भेल अछि। आब दुनू नेताक संयुक्त दल ‘समाजवादी पार्टी’ केर रूप मे काज करबाक निर्णय आ दलक नीति, उद्देश्य आदि प्रकाशित भेल अछि।
 
नेपालक राजनीति मे उपेन्द्र यादव बड पैघ नाम थिक। समानुपातिक प्रतिनिधित्व, समानता तथा उत्पीड़णक अन्त लेल मधेशी, आदिवासी, जनजाति, थारू, मुस्लिम, आदि समुदायक आवाज केर रूप मे उभरल जननेताक रूप मे हिनक नाम अग्रगण्य अछि। नेपाल केर शासन द्वारा विभिन्न प्रपंच सँ जानि-बुझिकय किछु विशेष वर्ग छोड़ि अन्य जनसमुदाय केँ राजनीतिक एवं सरकारी निकाय मे सहभागिता सँ वंचित राखल जेबाक नियति केर घोर विरोध करैत ‘मधेशी जनअधिकार फोरम’ सँ हिनकर अगुवाई मे मधेश आन्दोलन आरम्भ भेल छल जे पहिल बेर नेपालक सत्ता पर कब्जा जमौने बैसल शासक वर्ग आ चुनल राजनीतिक आका सब केँ हिलाकय राखि देने छल। सुर-सुर आ मुर-मुर दुनू बात नहि चलत, सिर्फ बात मे मधेशी व उत्पीड़ित जनसमुदाय प्रति न्याय करबाक बात, लेकिन व्यवहार मे विभेद करबाक नीति केर प्रखर आलोचना करैत जनविरोधक जाहि स्वरूप केर वकालत उपेन्द्र यादव केलनि ताहि सँ देशक लगभग ५०% जनता मे वृहत् राजनीतिक जागरण आयल जे नेपालक नव स्वरूप केँ तय करबाक दिशा मे निर्णायक भूमिका खेलेलक, खेला रहल अछि आर ई खेलाइत रहत।
 
२००८ केर संविधान सभा चुनाव मे उल्लेखनीय जनादेश आ संविधान सभा जनप्रतिनिधिक निर्वाचन मे सेहो हिनक दल मधेशी जनअधिकार फोरम अपूर्व सफलता प्राप्त केलक। ताहि समय बनल सरकार जेकर मुखिया माओवादी पार्टीक प्रमुख पुष्प कमल दहाल ‘प्रचण्ड’ छलाह, ताहि सरकार मे सेहो ई सहभागी भेलाह। हिनका ताहि समय नेपालक विदेश मंत्री बनाओल गेल। २२ अगस्त २००८ केँ ई पद एवं गोपनीयताक शपथ ग्रहण कयलनि। हिनकर दल सँ ४ गोट मंत्री केन्द्रीय मंत्रीमंडल मे शामिल भेल छल। जाहि मधेशी जनताक मुंह सँ बकार तक नहि फूटय तेकरा सभक लेल उपेन्द्र यादव एक नव आशा आ भरोसाक रूप मे ‘मसीहा’ आ ‘मार्टिन लूथर किंग’ होयबाक जन-जन केर मुंह ओ मानस मे विराजित भेलाह। लेकिन, क्रमशः कमजोर संगठन शक्ति, उच्चस्तरीय नेतृत्व मे आपसी खींचातानी आदि विभिन्न कमजोरीक कारण गोटेक मनमानी निर्णय सँ ई लोकनि दिनानुदिन कमजोर होइत चलि गेलाह। तहिना माओवादी पार्टी सेहो एहि तरहें साख आ विश्वसनीयताक ह्रासक दुर्दिन मे फँसि गेल। शायद एहि सब कमजोरीक कारणें पहिल संविधान सभा बिना कोनो सार्थक परिणाम देने भंग कय देल गेल। नेपाल देश बड़ा विचित्र भँवड़ मे उलझैत देखायल। आब आन्तरिक कोन शक्ति कार्य कय रहल छल ई बात रहस्यमयी लगैत अछि, लेकिन धीरे-धीरे केना-केना रस्ता निकालैत-निकालैत पुनः दोसर संविधान सभाक चुनाव भेल आर अन्ततोगत्वा विरोधक बीच नेपालक नया संविधान जारी कय देल गेल। नेपाल केँ संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र घोषित कय देल गेल। आर एखनहुँ ओहि विरोध आ असन्तुष्टिक कय गोट त्रुटिपूर्ण बात नेपालक नव संविधान मे स्पष्ट देखाइते अछि, जेकरा लेल संशोधन सँ समाधानक बात कयल जाइत अछि। धरि ई संशोधन होयत कहिया आ कोना ताहि पर दुविधा आ आन्तरिक शंका-आशंकाक स्थिति ओहिना बनल अछि आइयो। तथापि, देश केँ आगू बढेबाक – समृद्धिक दिशा मे लय जेबाक लेल उपेन्द्र यादव सेहो अपन कठोर सिद्धान्त केँ किनार कय ‘समझौतावादी’ आ लचीलापन नीति संग हाल नेपाल सरकार केर उपप्रधानमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री बनिकय अपन राजनीतिक मांग पर ‘वेट एन्ड वाच’ व ‘लेट राइट टाइम कम’ केर नीति पर बढि रहल छथि।
 
हिनकर एक गोट सोच बहुत प्रभावित करैत अछि ‘समुन्नत समाजवाद’ केर। एक टीवी साक्षात्कार मे ई बड़ा फरिछाकय बुझौलनि जे समाजवाद केर आगाँ कोनो विशेषण जोड़बाक जरूरत हालांकि नहि छैक, लेकिन नेपाल केर जे वस्तुस्थिति आ कमजोर मुलुक केर सूची मे स्थान बनल छैक ताहि सँ समृद्धिक दिशा मे बिना गेने एतय कोनो समाजवाद केर स्थापना नहि भऽ सकत, ताहि सँ हिनक नव राजनीतिक दल ‘समाजवादी पार्टी’ द्वारा ‘समुन्नत समाजवाद’ केर नीति अवलम्बन करैत देशक राजनीतिक समाधान निकालबाक प्रयास कयल जा रहल अछि। मधेशक समग्रता केँ भावरूप सँ आइयो ओतबे मानि पूब सँ पश्चिम धरिक मधेशी सहित थारू, राजवंशी, दलित, मुसलमान, राई, लिम्बू व विभिन्न आदिवासी-जनजाति जेकरा नेपालक राजनीति आ सरकारी निकाय सँ लैत विभिन्न महत्वपूर्ण अवसर मे दोसर दर्जाक नागरिक जेकाँ उत्पीड़ण देल गेलैक तेकरा लेल ई संघर्ष जारी रखता। लेकिन देश केँ हाल्टेज वला स्थिति मे फँसेबाक गलती आब फेर ई नहि दोहरेता ताहि दिशा मे कार्य करैत देखाइत छथि। नेपालक संविधान जारी करबाक समय तराई-मधेश मे लगभग ५-६ महीना बन्दी आ नाकाबन्दी आदिक संग एहेन कय गोट बात पर स्वयं आत्मसमीक्षा कय केँ नव संविधान अन्तर्गत चुनावक प्रक्रिया केँ शुरू मे विरोध करितो पुनः समझौता करैत देश केँ आगू बढेबाक लेल चुनाव मे भाग लेलनि। ई सुलझल नेता जेकाँ अपन सब कार्य प्रस्तुत करैत रहला अछि।
 
पहिने मात्र मधेशी, थारू आदिक बात कयनिहार किछुए समय मे जनजाति-आदिवासी लेल सेहो कार्य करबाक नीति अवलम्बन करैत ‘संघीय समाजवादी फोरम’ बनेबाक लेल अशोक राई व अन्य नेता संग गठजोड़ कयलनि। आर आब डा. बाबूराम भट्टराई जे नेपालक पूर्व-प्रधानमंत्री सेहो रहल छथि, एक विज्ञ अर्थशास्त्री आ समसिद्धान्तक राजनेता संग उपेन्द्र यादव जी द्वारा नव एकता सँ निश्चित एकटा आरो नीक आ मजबूत निर्णय कयल गेल अछि जे भविष्य मे एकटा नीक राजनीतिक विकल्प नेपाली जनता लेल राखत। कांग्रेस, कम्युनिष्ट केर संग एकटा तेसर मजबूत राष्ट्रीय राजनीतिक विकल्प केर रूप मे ‘समाजवादी पार्टी’ मजबूत भूमिका निभाओत ई स्पष्ट अछि। तखन मधेश मे हिनकर लोकप्रियता दिन-ब-दिन कमजोर होइत गेलनि अछि जे हमरा हिसाबे क्षणिक थिक। राजनीतिक परिपक्वता बढैत गेला पर मधेशक जनमानस मे हिनकर विकसित राजनीतिक सोच क्रमशः स्पष्ट होइत जेबाक संभावना अछि। जरूरत एतेक अछि जे राष्ट्रीय जनता पार्टी व अन्य मधेशी दल सेहो अपन राजनीतिक भविष्य प्रति निरन्तर चिन्तन करैत उपेन्द्र यादव समान गम्भीर राजनीतिक सोच संग सहकार्य आ गठजोड़ पर जरूर सोचथि।
 
उपेन्द्र यादव जी द्वारा मैथिली भाषा आ मिथिला संस्कृतिक संग ऐतिहासिक धार्मिक पर्यटन व अपन कर्मक्षेत्र राजविराज मे औद्योगिक विकास केर दिशा मे सेहो कय गोट विकासक योजनाक सम्बन्ध मे चर्चा कयल जाइछ। वर्तमान प्रदेश २ केर सरकार द्वारा विकसित कार्यक्रम ओ नीति मे सेहो हिनकहि दल सत्ता-संचालक-साझेदारक रूप मे कार्य करैत उपरोक्त विकास आ संवर्धन-प्रवर्धनक दिशा मे डेग बढाबैत देखा रहल अछि। राजनीतिक सिद्धान्त संग व्यवहार मे विकास आ एकजूटताक मंत्र बहुत उपयोगी आ प्रभावकारी होइत छैक। नेपाल मे संघीयताक रक्षा लेल व्यवहारिक विषय-वस्तु आ जनताक मूल सरोकार केर पक्षपोषण सेहो बेसी जरूरी छैक। अतः सम्माननीय राजनेताक रूप मे जमीन सँ जुड़ल विषय पर हिनकर ध्यान बनल रहतैन, ई अपेक्षा हम सब कय सकैत छी।
 
हरिः हरः!!