अमित आनन्द, सहरसा। मई १०, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!
आइ पं. रविनन्दन मिश्र केर पुण्यतिथिक अवसरपर पं. रविनन्दन मिश्र स्मृतिक कानून महाविद्यालय सहरसा मे पटना उच्च न्यायालय केर न्यायाधीश धरनीधर झा द्वारा ‘सहज आ शीघ्र न्याय: समस्या एवं समाधान’ विषय पर बुद्धिजीवी, वकील आ सहरसाक उच्चवर्गीय राजनीतिकर्मी लोकनिक एक सभा मे व्याख्यान देलनि।
अपन संबोधन मे जस्टिस झा कहलनि, “हम कनेक परंपरा सँ हँटिकय काज करय चाहैत छी। आइ-काल्हि जतेक बेसी उलझल मुकदमाकेँ फरिछाबैत छी, ततबे मात्रा मे मोकदमा दायर सेहो कैल जा रहल अछि। सरकारी निकाय द्वारा समुचित ढंग सँ काज नहि कैल जा रहल अछि। ई गंभीर सरोकारक विषय थीक। बेसीतर जन हित याचिका सरकारहि विरुद्ध दायर कैल जा रहल अछि जे महत्त्वपूर्ण समयकेँ नष्ट करैत अछि।” अपन संबोधनक अन्त मे जस्टिस झा सहरसाक महाविद्यालय प्रशासन सँ कहलनि जे यदि हुनकर आवश्यकता पड़त तऽ हुनका जरुर विद्यार्थीकेँ पढेबाक अवसर सेहो देल जाय।
एहि मौका पर पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र, मधेपुरा सांसद पप्पू यादव, सहरसा विधायक आलोक रंजन, पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना आ सहरसा जिला जज रुद्र प्रकाश मिश्र सेहो उपस्थित छलाह, हुनका लोकनि द्वारा सेहो सभाकेँ संबोधन कैल गेल। डा. मिश्र वार्षिक सभाक वास्ते एक लाख रुपयाक अनुदान राशि कानून महाविद्यालयकेँ उपलब्ध करौलनि, तहिना मधेपुरा सांसद वचन देलनि जे एक महीनाक भीतर ओ किछु पैकेज सहरसाक एहि एकमात्र कानून महाविद्यालय के उपलब्ध करौता।
धरनीधर झा केर विषय मे आरो जानकारी:
७ सितम्बर, १९५३ मे जन्म। दरभंगा बार एसोशियेशन मे ०३ दिसम्बर, १९८० सँ कार्यारम्भ केला आ सब तरहक प्रभाग मे वकालत केलनि। मई १९९१ मे अतिरिक्ष जिला सत्र न्यायाधीशक रूप मे कार्यारम्भ केलनि। सदस्य सचिव, I/C, Bihar State Legal Services Authority, Patna सेहो रहलाह। ३२ टा स्थायी शाखाक संग लोक अदालतकेर स्थापना, नीति-नियम, योजना आदि कानून सँ जुड़ल लेखनकार्य सेहो केलनि। जिला तथा सत्र न्यायाधीश, रोहता तथा सासाराम, सहरसा तथा सीतामढी, फेर अतिरिक्त न्यायाधीश बनि पटना उच्च न्यायालय मे नवंबर ६, २००६ मे पदवृद्धि कैल गेलनि। नवंबर २००७ मे स्थायी तौर पर न्यायाधीशक रूप मे पटना उच्च न्यायालय मे कार्यरत छथि।
मूल ग्राम कसरर केर अति प्रसिद्ध व्यक्तित्व अद्यानन्द झा केर तेसर पुत्र स्वयं धरनीधर बाबु आइयो ओहि इलाकाक एक प्रतिष्ठित शख्सियत केर रूप मे जानल जाइत छथि।