विकसित राष्ट्र मे मिथिलाक ग्रन्थ पर शोध आ अनुवादः जापानक एक दृष्टान्त

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जापानी कि जर्मनी आ कि फ्रान्सिसी कि डैनिश – दुनियाक हरेक विकसित राष्ट्र आइ मिथिलाक जीवन पद्धति मे दैनिक कर्मकाण्ड सँ लैत विभिन्न धार्मिक ग्रन्थ पर निरन्तर शोध कय रहल अछि। प्रस्तुत जापानीज वेबपेज पर भेटैत छथि संपादक श्री रामचन्द्र झा व हुनक सम्पादित अनेकानेक महत्वपूर्ण संस्कृत-मैथिली पोथी जेकर प्रकाशन चौखम्बा प्रकाशन वाराणसी द्वारा कयल गेल अछि। एकटा सूची देखूः
1
वाजसनेयिनां-विवाहपद्धतिः : “इन्दुमती” टीकाटिप्पणीभ्यां विभूषिता
महामत्तकश्रीरामदत्तविरचिता ; सम्पादकः, पण्डित श्री रामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः ; संशोधितः, पण्डित श्री देवनारायण झा
 
चौखम्बा विद्याभवन 1990 मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 14
 
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2
अथ एकादशीव्रतोद्यापनपद्धतिः : संक्षिप्तव्रतोद्यापनादिसहित “इन्दुमती” टिप्पणी-विभूषिता
सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1990 3. संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 23
 
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3
अथ श्रीसत्यनारायणपूजापद्धतिः : षोडशोपचारपूजन-कलशस्थापन-हवनविधिसहित-“इन्दुमती” टीका-टिप्पणीभ्यां विभूषिता
सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1989 परिवर्द्धित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 9
 
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4
म॰ म॰ श्रीवाचस्पतिमिश्रविरचिता प्रतिसंस्कृता वाजसनेयिनां श्राद्धपद्धतिः : म॰ म॰ श्रीदत्तानुसारि-स्त्रीकुमारकर्तृकश्राद्धपद्धतिसहिता विमर्शाख्य “इन्दुमती”-टिप्पण्या च विभूषिता
सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1989 7. संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 31
 
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5
छन्दोगानां विवाहपद्धतिः : “इन्दुमती” टीकाटिप्पणीभ्यां विभूषिता
महामत्तकठक्कुरश्रीमद्वीरेश्वरविरचिता ; सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1989 6. संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 15
 
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6
छन्दोगानां सङ्‌क्षिप्ताह्निकम् : “मैथिली”-भाषाटीकया सहितम्
रचयिता, पण्डितप्रवर श्रीमदुग्रानन्द झा ; सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्र झा, व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1989 3. संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 2
 
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7
मैथिलसाम्प्रदायिक-वाजसनेयिनाम्-एकोद्दिष्टपद्धतिः : “इन्दुमती”-मैथिली-भाषाटीकाटिप्पणीभ्यां विभूषित-स्त्री-कुमारकर्तृक-एकोद्दिष्टविधिसहिता
सम्पादकः, श्री पं० रामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1989 परिवर्द्धित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 11
 
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8
वाजसनेयिनाम्-उपनयनपद्धतिः : सटिप्पण ‘इन्दुमती’-मैथिली-टीकोपेता
महामत्तक-ठक्कुर-श्रीरामदत्तविरचिता ; सम्पादकः, श्री प० रामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1989 परिवर्धित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 16
 
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9
छन्दोगानां श्राद्धपद्धतिः : संक्षिप्तमासिकश्राद्धप्रयोगसहित-“इन्दुमती” टीका-टीकाटिप्पणीभ्यां विभूषिता
श्रीमद्वाचस्पतिमिश्रविरचिता सुसंस्कृता ; सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्र झा, व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1989 मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 32
 
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10
अथ वर्षकृत्य : “इन्दुमती” टिप्पणीभिर्विभूषिता
सम्पादकः, पण्डित-श्रीरामचन्द्रझा, व्याकरणाचार्यः ; संशोधकः, पण्डित श्रीदेवनारायण झा
 
चौखम्बा विद्याभवन 1989-1991 मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 20
 
1. भागः , 2. भागः
 
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11
अथ दुर्गापूजा-श्यामापूजा-पद्धतिः : “इन्दुमती” टिप्पणी-वैष्णवदुर्गापूजा-समीक्षासहिता
पं० रामचन्द्र झा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1988 सुसंस्कृतं परिवर्द्धितं 5. संस्करणम् मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 25
 
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12
मैथिलसाम्प्रदायिक-छन्दोगानां पार्वणपद्धतिः : “इन्दुमती”-मैथिली-टीकाटिप्पणीभ्यां विभूषिता
सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1987 परिवर्धित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 13
 
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13
मैथिलसाम्प्रदायिक-छन्दोगानाम्-एकोद्दिष्टपद्धतिः : “इन्दुमती”-मैथिली-टीकाटिप्पणीभ्यां विभूषिता
सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1987 परिवर्धित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 10
 
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14
वाजसनेयिनां छन्दोगानाञ्च जूटिकाबन्धन-मातृकापूजासहित-आभ्युदयिकश्राद्धपद्धतिः : “इन्दुमती”-मैथिली-भाषाटीकाटिप्पणीभ्यां विभूषिता
सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1987 परिवर्धित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 6
 
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15
मैथिलसाम्प्रदायिक-वाजसनेयिनां पार्वणपद्धतिः : “इन्दुमती”-मैथिली-टीकाटिप्पणीभ्यां विभूषिता
सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1987 परिवर्धित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 12
 
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16
छन्दोगानां-उपनयनपद्धतिः : “इन्दुमती” टीका-टिप्पणी-“नामकरणपद्धतिः” सहिता
महामत्तकठक्कुरश्रीमद्वीरेश्वरविरचिता ; सम्पादकः, श्री पण्डित रामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः ; संशोधकः, श्री पण्डित देवनारायण झा
 
चौखम्बा विद्याभवन 1987 5. मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 17
 
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17
अथ सूर्यादिद्वादशस्तवीस्तोत्रम् : अन्नपूर्णा-शीतला-स्तोत्रसहितम्
सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1987 सुसंस्कृत संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 7
 
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18
अथ वाजसनेयिनां सन्ध्यातर्पणपद्धतिः : संक्षिप्तसन्ध्यावन्दनादि-परिशिष्टसमलङ्कृता
प्रधानसम्पादक, तार्किकप्रवरः श्रीमदुग्रानन्दझा न्यायाचार्य ; सम्पादकः, प० रामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन 1979 संशोधित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 4
 
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19
छन्दोगानां नामकरणपद्धतिः : सविमर्श-“इन्दुमती” टिप्पणीसंवर्धिता
महामत्तकठक्कुरश्रीमद्वीरेश्वरपद्धत्यनुसारि ; सम्पादकः, श्री पण्डित रामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस 1973 मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 34
 
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20
तिथिनिर्णयः
महामहोपाघ्याय-रजेमिश्रप्रणीतः ; सम्पादकः, श्री पण्डित रामचन्द्र झा व्याकरणाचार्यः ; संशोधकः, पण्डित श्रीदेवनारायणझा
 
चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस 1972 मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 33
 
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1 2
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पितृकर्म-निर्णयः
पण्डित श्रीत्रिलोकनाथमिश्रेण विरचितः ; पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्येण सम्पादितः
 
चौखम्बा संस्कृत पुस्तकालय 1951 मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 26
 
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अथ स्कन्दपुराणोक्तकार्तिकशुक्ल-विवस्वत्​षष्ठी-व्रतकथापद्धतिः : सूर्यषष्ठी-रविषष्ठी-प्रतिहारषष्ठी इति नामान्तरम्
पण्डित श्रीरामचन्द्रझा, व्याकरणाचार्येण परिष्कृता
 
चौखम्बा संस्कृत पुस्तकालय 1946 मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 18
 
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23
अथ छन्दोगानां सन्ध्यातर्पणपद्धतिः : सङ्क्षिप्तसन्ध्यावन्दनादि-परिशिष्टसमलङ्कृता
संग्रहकर्त्ता, तार्किकप्रवरः श्रीमदुग्रानन्दझा न्यायाचार्य ; सम्पादकः, पण्डित श्रीरामचन्द्रझा व्याकरणाचार्यः
 
चौखम्बा विद्याभवन [19–] परिवर्धित संस्करण मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 3
 
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24
अथ मैथिलसाम्प्रदायिक-दुर्गासप्तशती प्रारम्भः
सम्पादकः, पण्डित श्री कनकलाल ठक्कुरः
 
चौखम्बा विद्याभवन [19–] मिथिला-ग्रन्थमालायाः प्रसूनम् 27
 
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एतेक नाम त सच कही तऽ हमरा स्वयं नहि बुझल छल। निश्चित हमरा लोकनिक पूर्वज आ विद्वान् ब्राह्मण लोकनि प्रणम्य छथि। वाह! मोन गद्गद् अछि।
 
वर्तमान पीढी त जे-से, आगू कि हेतैक हौ बाबू!!
 
हरिः हरः!!