अति सम्माननीय अटल बिहारी वाजपेयी केर अन्तिम क्षण मे विशेष प्रार्थना

अटलजी लेल प्रार्थना
 
– प्रवीण नारायण चौधरी
अटल अहाँक अटलता सऽ बनल भारतक नव ओ रूप,
एक बेर फेरो बनितौं जँ एहि पैघ प्रजातंत्रक अहीं भूप!
 
पहिल बेर जखन तेरहे दिनक राज आयल छल अपनेक हाथ,
मुश्किल में अपने केँ घेरलक नहि भेटल छल सभक साथ!
 
मुदा ताहि अपमान केँ स्मृति मे रखलक देशक जनता,
बहुमत सँ अपने कँ जिताकय दियौलक प्रधानमंत्रीक मान्यता!
 
अबिते देरी जखन परमाणु परीक्षण कयलहुँ अपने शान सँ,
विस्मित भऽ अचरज सँ तकलक शक्तिशाली राष्ट्र ध्यानसँ!
 
रुकल कहाँ अपनेक प्रखरता दल समेटि चलाओल सु-राज,
घरक हो कि बाहर केर ओ देलहुँ गठबन्धन सरकारक राह!
 
आइयो राष्ट्र चलि रहल अछि अहींक पथ-प्रदर्शन पर श्रीमान्‌,
सदिखन सुन्दर बनल रहय आ दहिन रहैथ सत् ईश महान्‌!
 
लगले रहि गेल सख हमर जे देखितहुँ अपने केँ हिया जी भैर,
जानि कतय छी अपने कि हाल जानय लेल तरसी बेर-बेर!
 
बस एक बेर – बस एक बेर, दर्शन दियऽ यौ नेता महान्‌,
बुझब जे दर्शन भेट गेल – श्री कृष्ण आ श्री राम भगवान्‌!
 
अपनेक स्नेही आ प्रशंसक – प्रवीण चौधरी ‘किशोर’
 
परमादरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रति समर्पित!
 
२५ दिसम्बर, २०११ केँ सम्माननीय पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी केँ उपरोक्त पद – आइ किछु संशोधित रूप मे राखि हुनकर सुस्वास्थ्यक लेल पहिल कामना, ओना आब हुनक उमेर एहेन छन्हि जे ईश्वर सँ सद्गति प्रदान करबाक लेल संगहि प्रार्थना करैत छी।
 
२००४ – जखन समूचा भारत मे ‘इंडिया शाइनिंग’ आ ‘फील गुड’ केर फैक्टर पर १०० करोड़ भारतवासी चर्चा कय रहल छल तऽ ओकर पाछाँ रहय अटलजीक सक्षम नेतृत्व।
 
हम मैथिलीभाषाभाषी हुनकर नाम चौजुगी लेब, कारण भारतक संविधान मे मैथिली केँ स्थान २००३ ई. मे देने छलाह। २००४ हुनक प्रधानमंत्रित्व कार्यकालक आखिरी वर्ष भेल, एहि देशक जनता आ राजनीतिक कुचाइल केँ नोर भरल आँखि सँ आइयो स्मरण करैत छी जे एहेन प्रखर नेता केँ वोट मे हरा देने छल। जातिक नाम पर वोट मे फँसैत अछि, छद्म धर्मनिरपेक्षताक नाम पर वोट मे फँसैत अछि, लेकिन एक प्रखर देशभक्त – राष्ट्रसेवक नेताक मान तक राखब देश नहि जनैत अछि, ई बातक कचोट तहिया सँ आइ धरि बनले अछि। तखन संतोष एहि लेल होएत अछि जे देश मे पुनः दोसर अटलजी, तेसर अटलजी – मोदी आ योगीक रूप मे देखि पाबि रहल छी। अस्तु! सब नीक हो!!
 
हरिः हरः!!