पश्चिमी मिथिला मे आइयो चलि रहल अछि ९-९ टा चीनी मिल, हँसैत देखायल धरती

घोषित ‘मैथिली महायात्रा’ एक यात्री लेल बहुत कठिन बुझाइत अछि, कारण जीवनयापन आ घर-गृहस्थीक भार साधारण नहि होएत छैक। तदापि, जखन कतहु यात्राक अवसर भेटैत अछि तऽ ओहि स्थल पर मानव आ मानवीय मूल्यक सर्वोपरि सौहार्द्रता एवम् सहकार्य लेल प्रयास करैत आबि रहल छी। बीतल ३ दिन भोजपुरीभाषी लोकनिक बाहुल्यता रहल स्थल यथा बीरगंज, रक्सौल, बेतिया, सुगौली, नरकटियागंज, बगहा, लौरिया आदि स्थान घुमबाक मौका भेटल। आर यैह मौका मे क्षेत्रक स्थलगत अध्ययन, सामाजिक संरचना, आर्थिक पुर्वाधारक स्थिति, कृषि, शिक्षा, रोजगार तथा लोकपलायन जेहेन विषय पर अपन दृष्टिकोण साफ करबाक मौका सेहो लागल। जानिकय बहुत प्रसन्नता भेटल जे भारतीय मिथिलाक पश्चिमी भाग हो वा नेपालीय मिथिलाक ई पश्चिमी भाग हो – गंडक नदीक पानिक प्रभाव सेहो धराधाम केँ ओतबे आशीर्वादित कएने अछि जतेक कि कोसी आ कमला आ बलान आ बागमती।

 
ओहि धरती केँ प्रणाम जतय आइयो लोक १०० मे सँ ६० गोटा अपनहि माटि-पानि मे रहनाय पसीन करैत छथि। ९-९ टा चीनी मिल आइयो चलि रहल अछि। सरकारी चीनी मिल हालांकि बन्द भऽ गेल, कारण लोकक प्रवृत्ति मे सरकार हमरे छी ई मानसिकताक कमी रहल तेकर परिणाम थिक। प्राइवेट कंपनीक चीनी मिल द्वारा ५ मास उत्पादन आ बाकी ७ मास कारखानाक रख-रखाव सँ लैत कुसियारक उत्कृष्ट खेती करेनाय – ई सब मैनेजमेन्ट प्राइवेट कंपनी मालिक, कारिन्दा-प्रबंधक आ कृषक सब मिलिकय करैत छथि। कृषक केँ सरकारी ऋण सहजता सँ भले उपलब्ध होउक अथवा नहि, यैह प्राइवेट चीनी कंपनी मालिक सब एग्री लोन, फर्टिलाइजर्स, कीटनाशक, चास-बासक अन्य वैज्ञानिक सुविधा आदि बहाल करैत छथि। आर, एहि तरहें किसान सेहो प्रसन्न अछि कैस-क्रोप्स (नगदी फसल) कुसियारक खेती कय केँ। लगभग ८०% खेत लहलहा रहल अछि। मौसमक प्रभाव कतेक छल से संछिप्त यात्रा मे नहि गौर कय सकलहुँ, मुदा हरियर-हरियर खेत एहि बरसातक मौसम मे देखि हृदय गद्गद् भऽ गेल छल। सड़कक स्थिति सेहो लाजबाब, कतेको रास स्टेट हाईवेज आ नेशनल हाईवेज आदि एहि क्षेत्र सँ गुजरैत अछि। रेलवे नेटवर्क सेहो बड़ा शानदार बुझायल। नरकटियागंज सँ चारि अलग-अलग दिशा मे रेल लाईन बिछायल गेल अछि। किछुए दिन मे, १५ अगस्त सँ नरकटियागंज रक्सौल बड़ी रेल लाईन चालू भेलाक बाद नरकटियागंज सँ दरभंगा धरिक यात्रा छोटी लाईनक बदला बड़ी लाईन सँ होयत आ देशक विभिन्न महानगरक ट्रेन केर सुविधा यात्री लोकनि केँ भेटब शुरू हेतनि। पुनः बन्द कारखाना चालू होयबाक अवसर बनत, रोजगारक मात्रा सेहो बढत। हमरा एम्हुरका जमीन हँसैत बुझायल। लोक मे दरिद्रता, भुखमरी, चोरपंथी, फटहाई आदि स्वतः कम देखाइत छैक जखन कोनो क्षेत्र मे लोक केँ जीवनयापन लेल सब सुविधा उपलब्ध भेटैत छैक। एखन एहि क्षेत्र मे आरो-आरो पैघ प्राईवेट मिल सब खुलैत देखा रहल अछि। ब्यापारी वर्गक लोक संग बात केलापर ओहो सब भविष्यक योजना बड़ा सुदृढ ढंग सँ आगू बढबाक बात बतौलनि। बाजार मे चमक सँ मोन प्रसन्न भेल। बिजली, सिंचाई आदिक सुविधा लेल बिहार सरकार प्रति आभारसूचक भावना बनल। एहिना हरेक क्षेत्र प्रगति पर जाय, ई शुभकामना अछि हमर।
 
एम्हर बीरगंज जे नेपालदेशक सब सँ पैघ औद्योगिक क्षेत्रक रूप मे उभरल अछि, विराटनगर जेहेन देशक दोसर महानगर आ एतुक उद्योग-कारखानाक संख्या सँ कहाँ दिना बेसी खुजि गेल ओतय, ताहि ठाम आम विकासक गति धीमा बुझायल। लेकिन नेपालदेश संक्रमणकाल सँ बाहर निकैलकय आब विकासक दिशा मे बढबाक लेल अग्रसर भेल स्थिति मे ई धीमा गति बहुत बेसी मोन विचलित नहि करैत अछि। पिछला समयक कतेको रास बेसीमा आ लापरवाह आन्दोलन आदि खेपि चुकल ई महानगर पुनः आर्थिक संचार लेल देशक महत्वपूर्ण दरबाजा जेकाँ अपन भूमिका निभा रहल अछि, ई प्रसन्नता देलक। एहि ठामक जनमानस संग मैथिलीक सहकार्य करय लेल बहुत दिन सँ नियार बनौने रही, ताहि मे मित्र-भाइ भरत साह बहुत सहयोग कएलनि। ओहो एहि मत सँ सहमत भेलाह जे नेपालक वर्तमान परिवेश मे भाषिक सहकार्य आ सहोदरी बहुत दूरगामी आ सकारात्मक उपलब्धि देत। खासकय प्रदेश २ केर जे वर्तमान परिसीमन छैक ताहि मे ओहि प्रदेशक दुइ मेजर भाषा मैथिली आ भोजपुरी मे खटास सँ प्रदेशक विकास मे अवरोध होयत, ताहि कारण भाषा सहोदरी, समाज केँ साहित्य सँ जोड़ब, लिपि संरक्षण, ऐतिहासिकताक महत्व केँ आगाँ बढेनाय आ समग्र मे सभ्यताक रक्षा लेल युवा केँ सचेतना प्रदान करबाक काज हम सामाजिक अभियन्ता सब करैत रहब। एहि तरहें बीरगंज मे यात्राक अन्तिम दिन यानि काल्हि शनि दिन बहुत रास जागरुक युवा लोकनि संग अन्तर्क्रिया करबाक अवसर भेटल। एहि सन्दर्भ मे पूरा समाचार एहि लिंक पर पढि सकैत छीः http://www.maithilijindabaad.com/?p=11280 – मैथिली जिन्दाबाद पर भोजपुरी भाषाक समाचार सेहो राखि देने छी। हमर लक्ष्य केवल जन-जन मे सौहार्द्र आ साहित्यिक-सांस्कृतिक जुड़ाव संग सृजनशीलता केँ बढावा देनाय अछि, एहि मे कृपया कोनो तरहक गलत राजनीतिक पुर्वाग्रह न देखी आ न जोड़ी। जतबे स्वीकार योग्य हो ओतबे ग्रहण करी, बाकी केँ परित्यज्य बुझि छोड़ि दी। अस्तु! यात्रा हमर आगुओ जारी रहय से अपने लोकनि आशीर्वाद आ शुभकामना अवस्स देल जाय।
 

हरिः हरः!!