दीना-भदरी पर बनत मैथिली फिल्म, पटकथा लेखक सम्पर्क करथि

मैथिली फिल्म आ दीना-भदरी

जोरावर सिंह कुनौली क्षेत्रक पैघ जमीन्दार छलाह जे अपन खेत पर काज करनिहार कारिन्दा सब केँ काजक बदला जे बोइन देथि से मेहनतिक तुलना मे बहुत कम होइक । एकर विरोध जे करय तेकरा जमीन्दार उन्टा बान्ह बान्हिकय अपन पोसल पहलमान द्वारा मारि-पीट कराबथि, विरोध कयनिहार केँ चुप कय देथि । एहि अत्याचारक विरुद्ध कोनो जब्बर योद्धा ठाढ हो से बात तरे-तरे सर्वहारा (श्रमिक वर्गक) विभिन्न जाति-समुदायक लोक मे चर्चाक विषय छल । स्वाभाविके छैक जे यदि कोनो व्यक्तिक परिश्रमक प्रतिफल परिश्रम-अनुकूल नहि भेटतैक त संघर्षक स्थिति बनतैक । ताहि समय सर्वहारा वर्ग मे पड़निहार मुसहर समुदायक दू वीर सपुत केर नाम खूब चर्चा मे छलैक । दीना आ भदरी – दुनू भाइ छल आर ओ दुनू एहि वर्गीय संघर्ष मे योद्धाक रूप मे प्रसिद्ध छल । जोरावर सिंह केर ज्यादतीक खबरि ओकरा पास पहुँचलैक आर फेर नाटकीय ढंग सँ दुनू भाइ जोरावर सिंह केर ओहि दमन विरुद्ध संघर्ष आरम्भ केलक । एकर बड पैघ कथा सब छैक । मिथिला मे दीना-भदरीक बहादुरी केर कथा मुसहर समुदायक संग अन्य सर्वहारा वर्गक समुदाय सब गहबर मे भगैत गाबिकय प्रस्तुत करैत अछि । दीना भदरी पर वीररसक रचना सभक पर्याप्त भगैत गीत सब भेटैत अछि । जोरावर सिंह केँ अन्ततोगत्वा दीना आ भदरी हत्या कय दैछ आर ओकर शोषणक अन्त कय दैत अछि ।

तहिना कनकधामि नामक ओहि युगक एक अन्य राजाक चर्चा दीना-भदरीक वर्णन करैत विभिन्न भगैत गीत मे चर्चा अबैत अछि । ओकर बहिन आ तेकरा द्वारा पोसल एकटा पनिया दराध आदिक चर्चा सेहो कयल जाएत अछि । कनकधामि सेहो सर्वहारा वर्गक शोषण करैत छल आर जबरदस्ती अपन धौंस सँ बोनिहारी सब केँ अपन खेत पर काज करबाबैत छल । दीना आ भदरी केँ सेहो ओ अपन खेत पर काज करय लेल बाध्य कयलक । कहाँ दिना दीना आ भदरी ओकर विरोध कयलकैक त दुनू भाइ केँ शिकार खेलाय चलबाक बहन्ने कोनो जंगल मे लय गेल आ ओकरा दुनू केँ मरबा देलक । कहल जाएत छैक जे एहि तरहें दुनू भाइ केँ मारि देलाक बाद ओकर आत्मा प्रेत बनिकय कनकधामि, ओकर बहिन आ अन्य अत्याचारी केँ मृत्युदंड दैत ओकरो अत्याचार सँ समाज केँ मुक्त कयलक । एहि सब कथाक वर्णन करयवला भगैत गीत सब मे दीना-भदरी कोना-कोना लड़ल, कोना पनियांदराध केँ पर्यन्त बध कय देलक, कतेक शक्तिशाली ओ सब छल, काज करय मे सेहो केहेन वीर रहय, ओकर देह-हाथ आ बल आदि केहेन छलैक – एहि सब बात केँ खूब नीक वर्णन करैत छैक ।

जनआन्दोलन – जनसंघर्ष – क्रान्ति – मुक्ति केर वर्तमान स्वरूप आ दीना-भदरी समान लोकदेवताक उपरोक्त भगैत या नाच आदिक मार्फत जेहेन वर्णन भेटैत अछि ई एहि बातक द्योतक अछि जे मानव सभ्यताक अति प्राचीन इतिहास समेटने रहल ‘मिथिला’ मे सेहो वर्गीय संघर्ष अदौकाल सँ चलैत आबि रहल अछि । अवला आ सबला केर बीचक संघर्ष सेहो सनातन चलयवला एकटा प्रक्रिया जेकाँ बुझाइत अछि । वर्तमान युग धरि मुक्तिक आन्दोलन यत्र-तत्र-सर्वत्र देखाइते अछि । दीना-भदरीक कथा केँ परिलक्षित करैत सिनेमा बनेबाक बात मैथिली सिनेमाक प्रसिद्ध निर्देशक सन्तोष सरकार – अर्थात् “दुस्साहस केर पराकाष्ठा” विशेषण सँ प्रसिद्ध व्यक्तित्व द्वारा पिछला दिनक एक बैसार मे कहल गेल । एहि दिशा मे पटकथा लेखन कयनिहार आगाँ आबि सम्पर्क कय सकैत छथि । बहुत रास मैथिल लेखक लोकनि दीना-भदरी पर गहन अन्वेषण कएने छथि । उपन्यास, आलेख, शोध आदि मे सेहो दीना-भदरी केर नीक छाप छूटल देखल जाएत अछि । एहि लेखक मार्फत एक बेर फिल्म निर्माण मे रुचि रखनिहार व्यक्तित्व सभक ध्यानाकर्षण चाहब, एहि दिशा मे गहिंर काज करय जाउ । अस्तु!

हरिः हरः!!