विशेष सम्पादकीय
अपन भाषाक महीन बात – तकनीक सिखेबाक संग-संग मिथिलाक अपन इतिहास पर छात्र समूह केँ प्रशिक्षण – मैथिली-मिथिला विकासक विशुद्ध सूत्र
अनेकों षड्यन्त्र आ इतिहास केँ कलंकित करयवला राजनीतिक दाँव-पेंच मे फँसल जनकक मिथिला आइ भूगोल सँ मेटायल अवस्था मे अछि – एतुका भाषा आ लिपि सेहो मेटेबाक लेल कतेको रास कूचक्र स्वयं एहि धरतीक जन्मल कतेको दलाल प्रवृत्ति आ कूतर्की सब द्वारा चलाओल जाएछ। एतेक तक कि जे सम्पन्न आ अगुआ वर्ग समाज केँ समुचित नेतृत्व दैत सभक हित लेल सोचैत भाषाभाषी केँ एकसमान विकासक मार्ग पर अग्रसर रखैत सेहो अपनहि व्यक्तिगत हितचिन्तन मे डूबल आपसी समन्वयक बिना कोनो बात केने भाषा-संस्कृति केँ धुलधुसरित अवस्था मे छोड़ि बढल जा रहल अछि। तथापि सृजनक श्रृंगार लेल स्वस्फूर्त जन्म देनिहाइर ई मिथिलाक माटि-पानि सँ कहियो सलहेश त कहियो बुद्ध त कहियो महावीर सहित अनेकानेक ऋषि-मुनि-महात्मा-संत आ समाज-सुधारकक जन्म होयबाक एकटा अनुपम परंपरा एतहि देखल जाएछ। सनातन धर्मक रीढ रामायण केर नायिका सीता पर्यन्त एहि माटि सँ अपने अवतरित होएत छथि। विद्यापति समान युगकवि एतहि जन्म लैत छथि जिनक रचना जनभावना बनिकय जन-जनकेर कंठ मे बसि जाएत अछि। एहि तरहें जिबैत अछि मिथिला – आ स्वयंसेवा सँ परिपूर्ण होएत अछि मैथिली।
मिथिला स्टुडेन्ट यूनियन नेपाल द्वारा हालहि आरम्भ कयल गेल अछि “मैथिली प्रशिक्षण अभियान”। एहि छात्र संगठनक एक प्रखर विचारक आ कवि-गजलकार विद्यानन्द बेदर्दीक मुताबिक आइकाल्हि अपन मातृभाषा मैथिली प्रति बहुतेक युवा सभमे समुचित जानकारी नहि अछि। जाहि कारणे बहुते भ्रमित भऽ रहल अछि। अपना गौरवके जडि मिथिला/मातृभूमिके बिसैर आन-आन संस्कृति प्रति आकर्षित होबय लागल अछि। ताहि लेल #मिथिला_स्टुडेन्ट_युनियन_नेपाल प्रस्तुत कऽ रहल अछि- “मातृभाषा प्रशिक्षण अभियान”- कक्षा ८ सँ १२ अध्ययनरत विद्यार्थीसभ पर केन्द्रित अभियान अछि जाहिमे ‘मैथिली भाषा, साहित्य, संस्कार, कला’ केर प्रचार-प्रसार कएल जाएत मिथिलाक विशिष्ट व्यक्ति सभक आतिथ्यमे/आमन्त्रणामे। विद्यार्थी सभकेँ मैथिली लेखन/व्याकरण सिखाएल जाएत। तिरहुतिया लिपि सिखाएल जाएत। मिथिलाक विभूति (विद्यापति, जनक, जानकी, सलहेश, दिना भद्री, कृष्णा-राम, लोरीक, मण्डन, आयाची, इत्यादि) सम्पूर्णकेर जीवनी पढाओल जायत। मैथिली भाषा-जागरणक विविध कार्यक्रम कएल जाएत। प्रोजेक्टर माध्यमसँ मैथिली सन्दर्भ सामग्री सभ प्रदर्शन कएल जाएत। विद्यार्थी सभ मैथिली भाषा प्रति आकर्षित हो, मैथिली विषय माविमे अनिवार्य रूपेण सरकारी पक्षसँ लागु हो। विद्यार्थी जीवनसँ विद्यार्थी सभकेँ जँ अपन मैथिली भाषा-शिक्षा-साहित्य-संगीत-कला, इत्यादिक अध्ययन हो/अनुभव हो त मैथिली सेवक सभक उत्पादन हएत से आशाक संग ई अभियान हाल सप्तरीक प्रतेक स्कुलमे प्रतेक मास एक-एक दिन संचालनके लक्ष्य राखैत आगु बढि रहल अछि। जाहिमे मिथिला साहित्य-कला प्रतिष्ठान नेपाल संगे सहकार्य अछि। एहिमे अहाँ सभक सहयोगके सेहो बेगरता अछि।
फेर माघ ३ गते यानि १७ जनवरी, २०१८ केँ कार्यक्रमक आयोजन होएत अछि हनुमाननगरक कथित विद्यालय मे आ पुनः विद्यानन्द बेदर्दी जनतब दैत लिखैत छथि, “मैथिली प्रशिक्षण अभियान” नामक कार्यक्रम आइ सप्तरीक हनुमाननगरक महाबीर मा. वि. मे सम्पन्न भेल अछि। मिथिला स्टुडेन्ट युनियन नेपालक सप्तरी एकाइ द्वारा संचालित आ मिथिला साहित्य-कला प्रतिष्ठान नेपालक सहकार्यमे भेल एहि कार्यक्रममे कक्षा – ८ सँ १२ धरिके ४० टा विद्यार्थीसभकेँ मैथिली प्रशिक्षण देल गेल अछि। एहि कार्यक्रममे मैथिली भाषा, साहित्य, कला-संस्कृति, मैथिली भाषा लेखन आ उच्चारण, राजा सलहेश, महाकवि विद्यापति आ राजा जनककेर सम्बन्धमे प्रोजेक्टर माध्यमसँ जानकारी देल गेल अछि। जाहिमे प्रमुख प्रशिक्षक प्रतिष्ठानक अध्यक्ष Devendra Mishra जी आ सह-प्रशिक्षक मिस्युक केन्द्रीय सचिव गजेन्द्र गजुर तथा मो. हसन राजाकेर अध्यक्षता, प्रधनाध्यापक डम्बर नारायण सतराके प्रमुख आतिथ्यमे भेल अछि।
“हमरासभ एहि कार्यक्रमसँ अपन मैथिली भाषाक लेल बहुतेक आत्मगौरव बढल आउर थाह नहि भेल कतेक बात बुझलियै” कार्यक्रममे सहभागी कक्षा-९ केर विद्यार्थी नितु कुमारी यादवक कहब छनि। जाहिमे मिस्यु नेपालक मुकेश चौधरी, सत्य नारायण पंडित, राजेश मंडल, प्रवीण मेहता, संजय मंडल, अर्जुण मेहता, भुपेन्द्र देव, गीता दास उपस्थित छलीह। ई मैथिली प्रशिक्षण अभियान सप्तरीक आओरो स्कूलसभमे सेहो संचालन होयत। – ई सम्पूर्ण जानकारी विद्यानन्द बेदर्दी अपन फेसबुक स्टेटस मार्फत करौलनि।
यथार्थतः मिथिलाक इतिहास सँ अपरिचित मिथिलाक लोक केँ आन-आन सभ्यताक इतिहास आ तेकर महापुरुष आ परम्परा आदिक जानकारी घोंटबाक आदति पड़ि गेल छैक। भारत मे ओकरा भारत का इतिहास पढय पड़ैत छैक जे भारत देशक स्थापना आ ताहि मे बेसी रास बुद्ध एवम् ताहिक बादक भेटल साक्ष्य-आधारित राजा-रजवाड़ाक चर्चा छैक, तहिना नेपालमे नेपालक इतिहास जाहि मे एतय स्थापित भेल शाह सम्राज्यक बाद एकीकृत नेपाल, राणा शासन, प्रजातांत्रिक आन्दोलन, आदिक गाथा सब पढय पड़ैत छैक। एहि दुइ देशरूपी ब्रेडक बीचक बटररूपी मिथिलाक अपन ‘मिथिलादेशीय’ अस्तित्व आ तेकर अलगे अनुपम इतिहासक पढौनी कतय सँ उपलब्ध हेतैक? एहि कारण एतुका लोक केँ अपन इतिहास पढेलाक बाद संभवतः हनुमानी शक्ति जाम्बवंत द्वारा याद दियेला पर याद होयबाक दृष्टान्त सिद्ध हेतैक। मिथिला स्टुडेन्ट यूनियनक ई विलक्षण आ अनुपम डेग एकटा निश्चित सिलेबस सहित विज्ञजन लोकनिक सङ्गोर संग आगू बढि रहल अछि जेकर सफलता सुनिश्चित छैक। यैह मिथिला आ एतुका लोकक कल्याणक सेहो विशुद्ध कारक तत्त्व सिद्ध होयत ई कहबा मे कोनो हर्ज नहि।