नारी दिवस पर एक नारी केर छोट सन भेंट
सम्पूर्ण नारी शक्ति केँ समर्पित….
– वन्दना चौधरी, विराटनगर
नारी दिवस पर हम की लिखू?
नारी के कि गति अछि।
आइयो पुरुष प्रधान समाज के
नारी के प्रति कि मति अछि॥
बाहर नारी-नारी करता,
घर मे नारी के अपमान।
घरे सँ भेली तिरस्कृत सीता
बाहर के करतैन सम्मान॥
आदिकाल सँ पुरुष समाज के,
जखन भेलनि जे-जे इच्छा।
कखनों भरल सभा मे बेइज्जत,
कखनों लेलनि ओ अग्नि परीक्षा॥
घर चलाबथि वंश बढाबथि,
और राखथि ओ सबके ध्यान।
एतेक छोट काजक बदला मे,
कियैक भेटनि हुनका सम्मान॥
नारी पर अधिकार जमाबथि,
पग-पग पर करथि अपमान।
पुरुष वर्ग तैयो पुरुषे छथि,
हुनका हरदम करियौन सम्मान॥
भीतरे-भीतर मौन भेल अछि,
नारी के हृदय के चीत्कार।
कि कहियो नारी के मनसा,
बुझि सकत ई पापी संसार॥