आइ फेर सँ राम शिवधनुष भंगकय सीता सँ स्वयंवर रचौलनि

sujeet-jha3राम-जानकी विवाह पञ्चमी महोत्सव विशेष: रंगभूमिमे स्वयंवर भेल, हजारों श्रद्धालू-भक्त बनला एहि विशेष अवसरक साक्षी

– सुजीत कुमार झा, जनकपुर । दिसम्बर ४, २०१६.

राम-जानकी विवाह पंचमी केर महोत्सव मे आइ स्वयंवर सेहो भइए गेल । एक हप्तासँ स्वयंवरकेँ लऽ कऽ उत्सुकता छल । मिथिला दरबारसँ जानकीजी आ अयोध्या दरबारसँ भगवान राम जनकपुरक ऐतिहासिक रंगभूमि मैदान पहुँचल छलथि आ पहुँचलाक किछुए देरमे स्वयंवर सेहो भऽ गेल । आजुक स्वयंवर तऽ एकटा औपचारिकता मात्र छल, जाहि दिन भगवान राम शिवजीक पिनाक धनुष तोड़लन्हि ओहि दिन सिया रघुबरकेर भऽ गेल छलीह ।

ram-janakri-swayamvarकि स्वयंवर औपचारिकता लेल मात्र भेल ई पूछलापर जानकीक पिताक भूमिकामे रहल जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णव कहैत छथि, “एकरा अहाँ जाहि रुपमे बुझू, हम सभ बुझैत छी जे ई जोड़ी ऊपरेवला बना कऽ पठबैत छथि, प्रतीकात्मक रहितो सीता-राम भक्त सब केँ पूर्वहि जेकाँ अटूट विश्वास आइयो एहि विवाह मे बनल रहैत अछि । ई कम टा बात नहि थीक । देवता आस्थाक विषय होएत छथि । हमसभ तऽ भूमिका मात्र कऽ रहल छी । फेर रघुवर आ किशोरीजीक विषयमे के की कहि सकैत अछि ।”

ram-janaki-swayamvarअयोध्या दरबारसँ सयो बरियातीसंग रंगभूमि मैदानमे पहुँचल दशरथ जी अर्थात् राम मन्दिरक महन्थ राम गिरीक चेहरा पर प्रसंन्नता स्पष्ट झलकि रहल छल । ओ कहलन्हि आब रघुवरकेर सीता भऽ गेलीह, आब कोनो भांगठ नहि । बेटाक विवाहक चिन्ता पिताकेँ सभदिन होएत रहलैक अछि । रघुवर साक्षात् विष्णु छथि ई जनलाक बादो पिता आखिर पिते होएत छथि ।

रातिमे वैदिक परम्परा अनुसार राम आ सीताक विवाह हेतनि । स्वयंवर स्थलपर पहुँचल बरियाती सभ खुशीसँ नाचि रहल छलथि । बरियातीमे सहभागी राम युवा कमिटीक पूर्व अध्यक्ष सोहन ठाकुर कहैत छथि, “आइ पुरे पृथ्वीपर खुशीक माहौल अछि । वर्षमे एहिसँ पैघ दिन किछु नहि भऽ सकैत अछि । राम मन्दिर आ जानकी मन्दिरक मूल भगवानकेँ रंगभूमि मैदानमे सभक लेल दर्शन सुलभ छल । हजारों-हजारक भीड दर्शन लेल आतूर छल । बरहबिघामे टांग राखय तक केर स्थान नहि छलैक । किछु बर्ष पहिनेधरि विवाह पञ्चमीक दिन घोड़ा-हाथीसभ सेहो रहैत छल । घोड़दौर सेहो होएत छलैक । मुदा ओ परम्परा आब नहि रहि गेल अछि । जानकी मन्दिरक महन्थ राम तपेश्वर दास वैष्णव कहैत छथि, “इच्छा अछि जे किशोरी जीक विवाहक दिन रंगभूमि मैदानमे घोड़दौर वा हाथी दौड़ बरु नहि हुए मुदा प्रदर्शनोक लेल किछु हाथी आ घोडा अवश्य आनल जाए ।

ram-janaki-swayamvar2स्वयंवरक बाद रामजीक डोलाकेँ जानकीक डोला सात बेर परिक्रमा कएलक अछि । दूटा समधी एकठाम उपस्थित होएत छथि तऽ गला नहि मिलल जाए से नहि भऽ सकैत अछि । एकरोे औपचारिकता पूरा कएल गेल । दशरथजीक भूमिकामे रहल राम मन्दिरक महन्थ रामगिरी जनकजी सँ पुछलन्हि, “विवाहक क्रममे हमरा सभकेँ सेहो कोनो खगता बुझाय त जरुरे कहब समैध । आब तऽ हम सब कुटुम्ब भऽ गेलहुँ । एक दोसराक सुख-दुःखमे सहयोगी नहि रहब तऽ कोना हेतैक ?”

ram-janaki-swayamvar3दशरथ जीक एहि शब्दसँ जनक जी गदगद छलाह । विधिकेँ लाख-लाख धन्यबाद देलन्हि । बेटी किशोरी जीक भागसँ ईर्ष्या जेकाँ भेलन्हि । दुनू समधि अपन-अपन रथपर बैसि रहला । बरियाती सभक स्वागत तऽ रामपट्टीसँ जानकी पट्टीमे अबिते कालसँ भऽ गेल अछि । जनकपुरमे साढे तीन महीना पहिने होरीक अबीर उड़ए लागल अछि । कि बरियाती आ कि सरियाती! पूरे अबीरसँ रंगायल अछि । संसारकेर सभसँ सुन्दरतम जोड़ीक विवाहक सब कियो साक्षी बनि रहल छथि । त्रेता युगमे नहि भेलहुँ त कि कलयुगमे त छीहे। अयोध्या दरबारक पंडित सुरेश झा कहलन्हि । रंगभूमि मैदानमे पहिने अयोध्या दरबारक टोली आएल छल । एकरबाद मिथिला दरवारक मुदा आब जनकपुरमे शोभा यात्रा निकलल अछि । एहिमे बेटी संगे जनक जी स्वयं आगाँ-आगाँ बढि रहल छथि । लोक अपन घरसँ किशोरी जी आ रघुवरकेँ फूलसँ स्वागत कऽ रहल छथि । रंगभूमि मैदानसँ जानकी मन्दिरधरि जे बाट छल पूरे फूलसँ भरि गेल छल । कोना एतेक फूलक व्यवस्था एहि क्षेत्रक माली सभ कएने हएत ई सोचि कतेको लोक मंत्र-मुग्ध होएछ ।

ram-janaki-swayamvar4ई महोत्सवक स्वरूप देखि ई कहि सकैत छी जे त्रेता युगसँ कम स्वागत कलयुगोमे नहि होइत अछि । किओ जनकपुर आबिकय देख सकैत अछि ई संपूर्ण लीला, साक्षात जानकी ओ राघव केर विवाहोत्सव आइयो ओतबे सुखद आ कल्याणकारक छैक । लोक आरती उतारि रहल छल । गीतक बात कएल जाए त आइ जानकी विवाहक गीत गाबि रहल छल । सभक मुंहसँ एकहिटा गीत निकैल रहल छल “चलू सखी देखअ हे, रघुवर छथि आएल!!” ।

ram-janaki-swayamvar6एहि उत्सव मे आब दूटा विध मात्र बाकी रहि गेल अछि । वैदिक परम्परा अनुसार रातिमे विवाह आ काल्हि राम कलेवा । ओना चतुर्थीक दिन अयोध्या दरबारसँ भारो आओत । मिथिला त भारकेँ धम्गज्जर उड़ा देने अछि । अयोध्या कि करत तेकर प्रतिक्षा अछि । ओना आइ राति रघुवर आ किशोरीक विवाहक पूरे संसार साक्षी बनत ।