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जाड़ मे गुर केर सेवन स्वास्थ्य प्रद होई अछि

  • लेख विचार
    प्रेषित: दीपा शेखर झा दिवा
    श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
    लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
    विषय :- “बढ़ैत जाड़ मे कोना करी अपन आ अपन परिवार के देखभाल

 

सबहक जीवन मे परिवारक महत्व विशेष होईत छै। अप्पन परिवारक लोक के स्नेह आ त्याग सऽ तऽ हम सब कियो परिचित रहिते छी । परिवार मे एक दोसर के देखभाल केनाई जीवन मे बहुत मायने राखैत अछि। सुख होय या दुःख जीवन मे चाहे केहनो परिस्थिति आबि जाय अप्पन परिवार जरुर संग दै छै। तैं अपना संग अप्पन परिवारक सुरक्षा पर ध्यान देनाई आवश्यक होईत छै।
मौसम बदलि रहल अछि जाड़ दस्तक दऽ देलक
अछि। दिनों दिन ठंढ़ी बढ़ि रहल अछि आ किछुवे दिन मे अप्पन विकराल रुप धऽ लेत। अहि बढ़ैत ठंढ़ी मे अप्पन आ अप्पन परिवारक देखभालक जिम्मेवारी उठाबय पड़त जाहि सऽ सब कियो ठंढ़ सऽ सुरक्षित रहि सकी से उपाय करय पड़त।
जाड़ तऽ सब साल पड़ैत छै सब कियो के उपाय तऽ बुझले होयत तैयो किछु बात पर ध्यान आकर्षित करय छी।
सबसे पहिने सब कियो अपन आलमारी सऽ ऊनी कपड़ा निकाली आ रौद जरुर लगाबी। अप्पन आ अप्पन परिवार के जाड़ सऽ बचाबय लेल स्वेटर, शाल, जैकेट, दस्ताना, टोपी, मौजाक इस्तेमाल करी।
ठंढ़ सऽ बचय लेल अपन जीवन शैली मे किछु बदलाव जरुर करी। जाड़क मौसम मे ठंढा पदार्थ के सेवन बहुत नुकसान पहुँचाबैत छै। तैं अपन खान पान मे विशेष बदलाव करय के जरुरत होय छै। एहन खेनाई खेबाक चाहि जे देह के जाड़ से बचाबय आ देह मे गर्माहट आनि दै।
जेना की आदि,लहसुन, मरीच, दूध, गुड़, घी, तीसी, तील के लड्डू, गोंधक लड्डू, तीसी के लड्डू, चिनीया बदामक पट्टी,बाजरा के लड्डू, चुड़ा के चुड़लाई, मुरही के मुड़लय सब गुड़ से बनल समानक सेवन करी। तीसी बहुत फायदेमंद होईत अछि। मिथिलाक लोक जाड़ मे तीसी सजमैन खूब बनाबैत छथि। मांसाहारी लोक के अंडा, माछ,मांस के सेवन लाभान्वित करय छैन्ह।
जखन ठंढा बढ़ैत छै तखन शरीर के ऊर्जा के जरुरत पड़ै छै ताहि लेल चारु समय भोर दुपहरिया, सांझ, राति खेनाई नीक जकां खेबाक चाहि। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आ फाइवर युक्त खाना के सेवन करवाक चाही। सुसुम पैन आ टमाटर सूप बहुत फायदा करय छै। अप्पन आ अप्पन परिवारक लोक के जाड़ मे विशेष ध्यान राखि खासकर छोट बच्चा आ बुढ़ बुढ़ानुस कें । जाड़क मास मे हृदय रोगक परेशानी बढ़ि जाय छै कतेको लोकक मृत्यु सेहो भऽ जाईत छै।
कतेक बेर अपन लापरवाहीक वजह से ठंढा लगैत छै ताहि द्वारे ठंढा से बचय के भरपूर उपाय करी। ऊनी कपड़ा पहिरी आ हल्का फूल्का व्यायाम योगा जरुर करी। जखन भोरे बिछौन छोड़ि तऽ ऊनी कपड़ा देह मे जरुर रहै । देह मे गर्माहट आनय लेल देह मे खुनक दौड़नाई बहुत जरुरी होय छै तैं कम से कम तीस चालीस मिनट भोर सांझ जरुर चलबाक चाही।
एयरकंडीश्नर कोठरी मे नहि सुतबाक चाही सुस्ती महसूस होईत छै। बंद घर मे जखन कोयला आ हिटर जराबी तऽ कोठरी मे एक बाल्टी पैन जरुर राखी आक्सीजनक कमी नही हेबाक चाही।
जाड़ मे देह पर रौदक प्रभाव परला से देह चुनचुनाईत छै ताहि हेतु नहाय से पहिने देह मे सरसों के तेल जरुर लगाबी।नहेला के बाद मॉइश्चराइजर के प्रयोग करी।
जाड़ मास मे खांसी सर्दी सबके जकैड़ लय छै माथा दर्द नाक के इनफेक्शन गला खरास से सब परेशान भऽ जाय छै ताहि से छुटकारा लेल गरम पैन मे नून दऽ के गारगल करी आ गरम पैनक भाफ जरुर ली फायदेमंद होइत छै। अहि तरहे ज अप्पन आ अप्पन परिवारक देखभाल करब तऽ ठंढा से जरुर बचाव हैत।

 

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