८ सितम्बर २०२४ । मैथिली जिन्दाबाद !!
मैथिली जिन्दाबाद सँ विशेष बातचीत करैत सप्तरी विचार उत्सवक दोसर संस्करणक आयोजन माघ २०८१ साल मे कुल ४ दिन धरिक समयान्तराल मे कयल जेबाक शुरुआती जनतब संयोजक बरुण झा करौलनि । बीणा फाउन्डेशन द्वारा सप्तरी विचार उत्सवक पहिल खेप जेठ ३२ गते आ आषाढ़ १ गते – दुइ दिवसीय आयोजन रूप मे भव्य-सभ्य ढंग सँ राजविराजक शिवशंकर सिनेमा हौल मे आयोजित भेल छल ।
सप्तरी विचार उत्सवः बीणा फाउन्डेसनद्वारा आयोजित कार्यक्रम
बीणा फाउन्डेसन कहला सँ राजविराज सप्तरी वार्ड नम्बर १ निवासी एक सामाजिक व्यक्तित्व बीणा झाक नाम मे स्थापित संस्था । हुनक सुपुत्र बरुण झा द्वारा अपन समाजसेवी माताक नाम सँ प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय, प्रादेशिक संग स्थानीय स्तरक सामाजिक-राजनीतिक वैचारिक मन्थन आ कला-संस्कृति संरक्षण-संवर्धन-प्रवर्धनक उद्देश्य सँ कयल जायवला एकटा साहित्यिक-सांस्कृतिक महोत्सव थिक ।
अपन गाम-ठाम केर विकास लेल सदिखन चिन्तन कयनिहार व्यक्तित्व रूप मे प्रतिष्ठित बरुण झा राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर मे होयबला विभिन्न लिटरेचर फेस्टिवल आ नेपाल मे जनकपुर साहित्य उत्सव सँ प्रेरणा ग्रहण करैत “सप्तरी विचार उत्सव” केर आयोजन लेल प्रेरित भेलाह । “अपन ठाम अपन गाम केर विकास लेल विचार-विमर्श कोना होयत, सप्तरी मे बाहिरी पर्यटक केँ कोना आकर्षित कयल जा सकैछ, देशक राजनीति मे सप्तरीक भूमिकाक इतिहास आ वर्तमानक अबस्था केहेन अछि, इत्यादि विषय पर वैचारिक मन्थन लेल सप्तरी विचार उत्सव केर आयोजनक बात दिमाग मे बेर बेर अबैत रहल ।” बरुण झाक यैह उक्ति उपरोक्त कार्यक्रमक मूल थिम थिक ।
बरुण झा कहैत छथि, “चाहे जनयुद्ध के समय हो अथवा मधेश आन्दोलन के, सप्तरी मे पहाड़ी आ मधेशी समुदाय बीच अनेकों तरहक घटना घटित भेला सँ एकर दूरगामी प्रभाव सप्तरी पर पड़ल । एहि सम्बन्ध मे अनेकों तरहक भ्रम, शंका-आशंका आ दुविधा सब केँ मेटेनाय बहुत जरूरी अछि । वास्तव मे सप्तरीक सम्बन्ध मे जेहेन दुष्प्रचार भेलैक से सही नहि छैक । एतय आपसी सौहार्द्रता आ भाईचाराक सम्बन्ध आइयो पहाड़ी-मधेशी समुदाय बीच बरकरार छैक । सप्तरीक विकास मे सब दिने नेपाली सम्पूर्ण जात-जातिक सझिया फुलबारी सजल रहल अछि । गलत भ्रम आ शंका-दुविधा केँ दूर करबाक लेल सप्तरी विचार उत्सव जेहेन आयोजन वृहत् स्तर पर करब जरूरी बुझायल ।”
सप्तरी जेहेन स्थान मे धार्मिक व ऐतिहासिक महत्वक अनेकों पर्यटन स्थल अछि । मुदा राज्यक उदासीनता, संघीय सरकार अथवा प्रदेशक सरकार किंवा स्थानीय निकाय सभक नीति-कार्यक्रम मे सप्तरीक पर्यटकीय स्थल प्रति समुचित ध्यान नहि देलाक कारण एहिठाम पर्यटन उद्योग अधूरा-अविकसित आ विपन्न अबस्था मे अछि । देखल जाय त अगबे राजनीतिक दाँव-पेंच लेल सप्तरीक उपयोग-दुरुपयोग भ’ रहल अछि, यथार्थ परिवर्तन आ विकास नगण्य अछि । एहि समस्त सन्दर्भित विषय पर स्थानीय विमर्शीक संग राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय विमर्शीक सहभागिता मे ‘सप्तरी विचार उत्सव’ केर आयोजनक परिकल्पना कयल गेल अछि ।
विदित हो जे सप्तरी जिलाक मुख्यालय राजविराज केँ सरकारक तरफ सँ फर्स्ट टाउन प्लानिङ सिटी घोषित कयलाक बादहु कोनो तरहक उपलब्धि हासिल नहि भ’ सकल अछि । कतेको रास बजेटीय योजना सब अर्ध-विकसित अबस्था मे मात्र राजनीतिक दल व नेतृत्वकर्ता सभक अन्तर्द्वन्द्वक शिकार बनल स्पष्टे देखाइत अछि । एहि सब सान्दर्भिक विषय पर विमर्श करब ‘सप्तरी विचार उत्सव’ आयोजनक उद्देश्य अछि । बीणा फाउन्डेसनक एहि महत्वपूर्ण आयोजनक भरपूर प्रशंसा करैत राष्ट्रीय स्तरक अनेकों विद्वान् विचारक, संचारकर्मी, राजनीतिकर्मी, जनप्रतिनिधि, अभियानी लोकनिक प्रतिक्रिया आयल छल ।
एकर दोसर संस्करणक आयोजन लेल बरुण झा समय निर्धारित कयलनि अछि । दोसर संस्करण आर परिष्कृत रूप मे कुल चारि दिन धरि आयोजित करबाक नियार बतौलनि अछि । एहि वर्ष नेपालक राजनेता व विद्वान् सभक संग पड़ोसी मुलुक भारत आ पड़ोसी राज्य बिहारक राजनेता सभक आगमन होयबाक सेहो जनतब देलनि अछि ।