स्वास्थ्य लेल योग वा व्यायाम बड आवश्यक

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लेख

प्रेषित: नूतन ठाकुर

श्रोत :#लेखनी_के_धार  , वृहस्पति वार साप्ताहिक गतिविधि,  दहेज मुक्त मिथिला

विषय#बढैत उम्र में स्वास्थ्य के ध्यान कोना राखी –

ओना त स्वस्थ स्वास्थ्य हर उम्र के लेल जरूरी छै , बचपन में अपन स्वास्थ्य के ध्यान बच्चा स्वयं नै राखि सकै छै त माता पिता ध्यान रखै छैथ परन्तु व्यस्क भेला के बाद स्वयं के ध्यान रखना चाही कियाक त शरीर स्वस्थ नै रहत त सब किछु बेकार छै ।
ओना त एखुनका समय मे कोनो चीज शुद्ध नै भेटै छै, लेकिन ओकर कोनो उपाय सेहो नै छै जे बाजार मे उपलब्ध छै ओहि मे काज चलाब पडत । तै हेतु लिखलाह के त कोई नै मेट सकै या परन्तु कोशिश क सकै छी ।
हम त कहब ४०,५० के उम्र त किछु बेसी संवेदनशील पड़ाव छै बहुत लोक के बेटा, बेटी के विवाह, के जिम्मेदारी जे शायद एखन के समय में आर्थिक, शारीरिक आ मानसिक तीनू छै । संगहि बढैत उम्र में डगमगाइत स्वास्थ्य सेहो तें अपन शरीर पर बेसी ध्यान दी , खान पान , योग आ कोशिश करी जे नियमित जाॅंच कराबी।
नियम स भोर सांझ अवश्य टहली, हल्का व्यायाम  वा योग करी, अन्न कम खाइ, हरियर तीमन, फल सब  बेसी खाई  । उम्र के साथ पाचन शक्ति कमजोर होब लगै छै त सुपाच्य सात्विक भोजन उचित अन्तराल पर करी ।
भोजन में प्रोटीन वाला चीज रह के चाही । बढैत उम्र के साथ पानी पिब पर सेहो ध्यान राखी । बेसी पानी पिला स सोडियम लेबल कम भ जाइत छै आ बेहोशी के खतरा रहै छै। एकटा सब स बडका बात जे हम गार्जियन छी हमर चलत एही सोच बला जिम्मेदारी के छोड़नाई सेहो जरूरी छै ।
हां रहल बात महिला सब के त कहले नै जाय हुनका सब के त अपना लेल समय नै छैन । संगहि महिला सब के सब स बडक़ा बिमारी छै बिमारी के नुकेनाई तकर परिणाम ई होई छै जे समय हाथ स निकैल जाई छै । बाद मे सब खतम हम सब के कहै छियै बिमारी के नुकेबाक या अन्ठेबाक नै चाही एही स बिमारी खत्म नै होयत आरो बढ़वे करत । ई कोनो अपराध आ लाज के बात नै छै। महिला सब अपने लेल समय निकाली, खान पान पर ध्यान दिय, पौष्टिक भोजन के अहूं के ओतबे जरूरत अछि जते आहारक पति, बच्चा के । योग, व्यायाम करू ।

  1. अन्त मे सब स बढी क स्वास्थ्य  अछि । शरीर स्वस्थ नै रहत त सब पर बोझ बनी जाएब  तें हेतु स्वस्थ रहू ,खुश रहू आ मस्त रहू।