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राम नाम समस्त वेद के प्राण स्वरूप अछि

लेख

प्रेषित : कीर्ति नारायण झा

राम नाम के चर्चा चहुँ दिस, सौंसे लागि रहल जयकार। धन्य भाग एहि सुननिहार के, मनुखक जीवन भेल उद्धार।।. समय, मुहुर्त, ग्रह नक्षत्र सभटा अनुकूल भऽ जाइत छैक जखन परब्रम्ह परमात्मा के आगमन केर समय होइत छैन्ह। आगमनक सूचना ऋतु देवय लगैत छैक, मनुखक मोन रूपी मयूर नाचय लगैत छैक भविष्यक कोनो नीक संकेत के पाबि कऽ। भगवान राम के समर्पित इ पांती के चर्चा अत्यंत आवश्यक “बंदउँ नाम राम रघुवर को, हेतु कृसानु भानु हिमकर को। बिधि हरि हरमय बेद प्राण सो, अगुन अनुपम गुण निधान सो ।।” अर्थात हम ओहि भगवान राम के वन्दना करैत छी जे अग्नि, सूर्य आ चन्द्रमा के प्रकाशित करैत छैथि, राम नाम ब्रम्हा विष्णु महेश आ समस्त वेद के प्राण स्वरूप अछि जे प्रकृति के तीनू गुण के छोड़ि दिव्य गुण के भंडार अछि। मनोभाव एहेन जे आक्रांता के अत्याचार के सहैत पाँच सौ वर्ष धरि कलिकाल में त्रिपाल के भीतर अपना के सिमटि कऽ रखलाह आ ताकि रहल छलाह ओहि राम भक्त के जे अपन आराध्य के उचित स्थान प्रदान करताह। समय बहुत बलवान होइत छैक आ समय के पहिया घुमैत रहैत छैक आ भक्त केर भक्ति एक दिन अपन रंग अनैत छैक जे भगवान के उचित स्थान दियेबा में सफल रहैत छैक। आइ समस्त विश्व में सनातन धर्म के माननिहार अपन प्रभु के प्राण प्रतिष्ठा के लेल अत्यंत आतुर छैथि। समस्त वातावरण राममय भऽ गेल छैक। भगवान राम सभक मानस पटल पर राज कऽ रहल छैथि। आस्थावान के तऽ कोनो बाते नहिं जे आस्था के प्रति सम्वेदनशील नहिं छैथि ओहो एहि वातावरण में राममय भऽ गेल छैथि। चहुदिस प्रभु श्रीराम केर जय जयकार भऽ रहल अछि आ सभ सँ बेसी प्रसन्न छैथि बीर बजरंगबली ।ओ नाचि नाचि कऽ बेहाल छैथि कारण हनुमानगढी में बैसल हनुमान एकटकी सँ भगवान राम के भव्य मंदिर में उपस्थित होयवाक क्षण के प्रतीक्षा कऽ रहल छलाह। भगवान रामक प्रवेश के समस्त विश्व स्वागत कऽ रहल अछि अन्तर मात्र एतबे छैक जे किछु गोटे प्रकट कऽ रहल छैथि तऽ गोटे किछु वाध्यता केर कारण सँ मोनक बात उजागर नहिं कऽ रहल छैथि।भगवानक प्राण प्रतिष्ठा के दिन समस्त देश में एक बेर फेर सँ दीयाबाती मनाओल जायत।भगवान केर स्वागत समस्त देश अपन हृदय के द्वार सँ भगवान के हृदय में राखि भगवान के प्रति समर्पित भऽ जयताह। प्रभु के पवित्र अक्षत समस्त देश में बांटल जा रहल अछि। कुल मिला कऽ समस्त देश मे एकटा उत्सव केर वातावरण उत्पन्न भऽ गेल अछि। चारू कात राम नाम गुंजित भऽ रहल अछि आ लागि रहल अछि जेना आब राम राज्य केर स्थापना आरम्भ होमय जा रहल अछि। मिथिलावासी के उत्साह दुगुना कारण हुनक प्रिय बेटी सीताक घरवास आ पाहुन श्री राम के भव्य मंदिर मे स्थापित होयवाक प्रसन्नता अछि।

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