“सोशल मीडिया आजुक समयमे लोकक एकटा स्टेटस सिम्बल बनि गेल छैक।”

1921

— कीर्ति नारायण झा।   

अति रूपेण वै सीता चातिगर्वेण रावणः।
अतिदानाद् बलिर्बद्धो ह्यति सर्वत्र वर्जयेत्॥
अर्थात अत्यंत रूपवती होयवाक कारणे सीता के हरण भेल छलैन्ह, अति घमण्डी होयवाक कारणे रावणं मारल गेल छल, अत्यन्त दानी होयवाक कारणे राजा बली ठगल गेल छल, तें सभठाम अति शब्द सँ बचवाक चाही। सोशल मीडिया के मामला मे यएह बात कहल जा सकैत अछि। सोशल मीडिया आजुक समय मे लोकक एकटा स्टेटस सिम्बल बनि गेल छैक, सभ के फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आ यू ट्युब पर अपन गतिविधि पोस्ट करवाक छैन्ह। लाखो फोलोअर्स बनेबाक छैन्ह, विश्व में अरबो लोक सोशल मीडिया सँ जूड़ल छैथि। पल पल के जानकारी एकर माध्यम सँ लोक सभके भेटैत रहैत छैक, दुनिया कतय जा रहल अछि, कोन कोन नव चीज सभके आविष्कार भेलैक अछि? समस्त जानकारी के भंडार होइत अछि सोशल मिडिया। मुदा प्रत्येक सिक्का के दू टा पहलू होइत छैक, एकटा सकारात्मक आ दोसर नकारात्मक। आब हमरा लोकनि नकारात्मक पहलू दिस अपने लोकनि के लऽ चलैत छी – सोशल मीडिया के अत्यधिक प्रयोग कयला सँ अहाँ अपन निजि जीवन में अपन समाज सँ आस्ते आस्ते कटल जाइत छी। पहिले हमरा लोकनि समाज में बैसि कऽ समाजक दुख आ सुख में भागीदार बनैत छलहुँ जे आब समय अभाव में इ करवा में असमर्थ रहैत छी। समाज के अतिरिक्त अहाँक निजि सम्बन्ध में सेहो सोशल मीडिया के अत्यधिक प्रयोग कयला सँ दुष्प्रभाव पड़ैत छैक कारण निजि सम्बन्ध बनेबाक लेल सभ लेल किछु किछु समय देवय पड़ैत छैक आ तखने परिवार रूपी गाड़ी सुचारु ढंग सँ चलैत छैक, मुदा सोशल मिडिया में अत्यधिक ब्यस्तता के कारणे निजि सम्बन्ध आस्ते आस्ते खराब भेल जाइत छैक। सोशल मीडिया में बेसी काल फेक न्युज सँ हमर सभक मोन मस्तिष्क विचलित भऽ जाइत अछि। एकर दुष्प्रभाव सँ मोन में नकारात्मक भावना अबैत छैक जाहि सँ लोक डिप्रेशन के शिकार होमय लगैत अछि। आइ सोशल मीडिया में आगि सँ अधिक तीव्र गति सँ पसरल एस डी एम मौर्या के विषय में सोशल मीडिया पर टी आर पी के लेल स्त्री के प्रति एतेक खराब दुष्प्रचार कयल जा रहल छैक जाहि मे एहि मिडिया सँ प्रभावित शुन्य दिमाग बला ब्यक्ति अपन कनियाँ के उच्च शिक्षा अथवा प्रतियोगिता परीक्षा देवा सँ मना कऽ रहल छैक। ओना ई बात सत्य छैक जे एहेन एहेन आदमी के संख्या बहुत कम छैक मुदा बेर बेर ओकरे समाचर सोशल मिडिया पर घुमैत रहैत छैक जे मोन मस्तिष्क के विचलित करैत रहैत छैक। नकारात्मक भावना सँ ग्रसित ब्यक्ति सीता, सावित्री, अनुसुइया के पतिव्रता धर्म के बिसरि ज्योति मौर्या पर ध्यान केन्द्रित करयवाक प्रयास कयल जाइत छैक। सोशल मीडिया के अधिक प्रयोग सँ माता पिता आ ओकर धिया पुता के बीच के दूरी बढल जाइत छैक। धिया पूता की कऽ रहल अछि? कतय जा रहल अछि? सभटा बिसरि कऽ माय बाप बेहोश भऽ कऽ सोशल मीडिया में ब्यस्त रहैत छथि जे अत्यन्त खतरनाक होइत छैक। सोशल मीडिया के बेसी उपयोग कयला सँ अश्लीलता आ अभद्रता के सेहो बल भेटैत छैक। लोकक स्वभाव में चिरचिरापन बेसी भऽ जाइत जे निजी आ पारिवारिक जीवन के नष्ट कऽ दैत छैक तें एकरा जतेक कम सँ कम उपयोग कयल जाय ओतेक नीक अपन निजि पारिवारिक आ सामाजिक जीवन के रक्षा करवाक वास्ते……..