— भावेश चौधरी।
मिथिला अपनऽ समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर,एकरऽ विशिष्ट भाषा मैथिली, विशिष्ट कला, संगीत आ साहित्य लेल जानल जायत अछि। एहि क्षेत्र मे अनवरत पैघ संख्या मे शिक्षित आ सक्षम व्यक्तिक(तीन दिन पहिलुक यूपीएससी के परिणाम तटका उदाहरण) भेलाक बादो मिथिला एखनो विभिन्न सामाजिक,आर्थिक चुनौती आ अविकसितता सँ जूझैत अछि ।
“शिक्षित और सबल” वाक्यांशक अर्थ होइत छैक शिक्षित आ सक्षम, आ ई सत्य जे मिथिलाक कतेको व्यक्ति विभिन्न क्षेत्र मे उच्च स्तरक शिक्षा आ सफलता प्राप्त केने छथि | मुदा, एहि प्रगति के बादो मिथिला गरीबी, अविकसितता, आ मूलभूत बुनियादी ढांचा के अभाव स त्रस्त क्षेत्र बनल अछि।
एकरऽ एकटा प्राथमिक कारण “क्षेत्र केऽ विकास में निवेश के कमी” छै । मिथिला एखनो बहुत हद तक कृषि समाज अछि, आ एहि क्षेत्र मे सीमित औद्योगीकरण एकर बढ़ैत आबादी लेल पर्याप्त रोजगारक अवसर पैदा करबा लेल पर्याप्त नहि रहल अछि । एकरऽ परिणाम ई छै कि बहुत रास युवा काज के तलाश में देश के दोसरऽ हिस्सा में पलायन करै लेल मजबूर भऽ जाय छैथ।
एकर अतिरिक्त सड़क, बिजली, स्वच्छता, आ शिक्षा जेहन बुनियादी ढांचा के मामला में मिथिला के केंद्र आ राज्य सरकार द्वारा बहुत दिन स उपेक्षा कयल गेल अछि | जखन कि सालों सऽ एहि क्षेत्र के बेहतर बनेबा लेल किछु प्रयास भेल अछि, मुदा मिथिला के देशक अन्य क्षेत्र के बराबरी मे अनबा लेल आओर बहुत किछु करबाक जरूरत अछि।
मिथिला के सामने एकटा आओर चुनौती अछि राजनीतिक प्रतिनिधित्व आ आवाज के अभाव। ई क्षेत्र ऐतिहासिक रूप स राज्य आरू देश केऽ दबंग राजनीतिक शक्ति द्वारा हाशिया पर रखलऽ गेलऽ अछि, जेकरऽ परिणामस्वरूप एकरऽ विकास के तरफ ध्यान आर संसाधन के कमी छै ।
एहि सब चुनौती के बादो किछु सकारात्मक घटनाक्रम भ रहल अछि जे मिथिला के भविष्य के लेल आशा दैत अछि(विमानतल के संचालन)। एहि क्षेत्रक विशिष्ट सांस्कृतिक धरोहर आ पहिचान केँ हालक वर्ष मे मान्यता भेटल अछि(पदम श्री पुरस्कार),जाहि मे मैथिली भाषा आ साहित्यक संरक्षण आ संवर्धनक प्रयास कयल जा रहल अछि । एकरऽ अलावा क्षेत्र में शिक्षा ,व्यापार आर स्वास्थ्य सेवा में सुधार लेल किछु सफल पहल सेहो भेल छै( एआईआईएमएस के निर्माण,मखाना के जी आई टैग आदि), जाहि सऽ दीर्घकाल में एकरऽ विकास पर सकारात्मक प्रभाव भ सकै अई।
निष्कर्षतः “शिक्षित और सबल” वाक्यांश मिथिलाक कतेको व्यक्ति पर लागू भ सकैत अछि, मुदा समग्र रूपेँ एहि क्षेत्र मे एखनो विकास आ प्रगति के दृष्टिएँ महत्वपूर्ण चुनौती अछि | ई चुनौती स निपटै लेल सरकार,नागरिक समाज,आर निजी क्षेत्र केरऽ समन्वित प्रयास के जरूरत छै ।। जेना कि क्षेत्र केऽ विकास में निवेश करलऽ जाय आ ओकरऽ लोगऽ क॑ आवश्यक बुनियादी ढाँचा, शिक्षा, आर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराय देलऽ जाय । तखनहि मिथिला भारतक समृद्ध आ जीवंत अंगक रूप मे अपन क्षमता केँ सही मायने मे साकार क’ सकैत अछि ।