“शारीरिक, मानसिक आ बौद्धिक क्षमताक मेल होयब आवश्यक”

89

— उग्रनाथ झा।             

सम्पूर्ण जैव मंडलक परिस्थिकिकी तंत्रक नर मादा के बिना संकल्पना संभव नहीं । एहि सृष्टि के रचना एहि दुनू चक्का पर आधारित । संपूर्ण जैव मंडल में मानव एक विशिष्ट प्राणी जे मर्यादित आचरण आ परंपरा के निर्वहन करैत ब्रह्मांडक सर्वोत्कृष्ट श्रृंखला के निर्माण करैत छैक । एहि श्रृंखला में समाजिक , धार्मिक , वंशवृद्धी के संयमित आ मर्यादित आचरण आचरैत छैक । फलस्वरूप सभ्य समाज के निर्माण होएत छैक । जे नैतिक आ शास्त्रोक्त रिति रिवाज के सँ स्त्री आ पुरूषक के संबंध कायम कयल जाएत छैक । जे पारिवारिक सुत्र में बन्हा के स्वस्थ्य समाज के निर्माण करैत छथि । समाजिक दायित्वक समुचित निर्वहन हेतु आवश्यक जे परिवार संतुलित हो । परिवार तखनहि संतुलित जहन परिवारक सभ सदस्य संतुलित हो । एहि लेल आवश्यक जे परिवारक मुखिया यानी माता पिता संतुलित हो आ बुद्धि विवेक , आचार विचार समतुल्य हो जाहि सं सभ्य सुसंस़्कृत परिवार के निर्माण हो । एहन समावेशी आवोहवा बाल बच्चा के अंदर नैतिक समाजिक आ धार्मिक भावनाक जन्म दैत छै । परंच एहि लेल आवश्यक पति आ पत्नी में आपसी सद्भाव आ वैचारिक समानता हो । ई समानता मुख्यत: शैक्षणिक , भौतिक , रंग रूप , वयस , समाजिक स्तर पर हो परंतु सब सं बेसी प्रभाव पड़ै छै ओ छै वयस । ताहि हेतु विवाह लेल बर कनिया के उम्रक अंतर अधिकतम दु सं पांच साल के होएबाक चाहि । जै स शारिरिक मानसिक आ बौद्धिक रूपे समरूपता रहै । सोचक स्तर समान रहला सं आपस में मिलान आ सामंजस्य प्रबल रहबाक संभावना रहैत छै जे मजबूत आत्मियता के जन्म दैत छै । विवाह में दम्पत्ति के वयस में अधिक अंतर रहला सं वैचारिक मतभिन्नता देखबा में आबैत छै । उम्र के बढ़ैत प्रवाह व्यक्ति के सोच आ आचरण में परिवर्तन लबैत अछि । ओहि कारण वर के अधिक उम्र रहला पर हुनक सोच में परिपक्वता रहैछ जहन की कम उम्र भेला सं पत्नी के सोच में बचपना फलस्वरूप बात बात में खटपट आ एक दोसरा पर भावना के कद्र नहि करबाक आरोप प्रत्यारोप जे पारिवारिक कलह आ विद्रोह के प्रमुख कारण । जे अंततः पारिवारिक माहौल के दूषित करैत अछि । ऐहन बेमेल विवाहक अनेक कारण छैक जे निम्न अछि ।
1) लड़का के उच्च शिक्षा आ आत्म निर्भरता प्राप्त करबा के कारण अधिक उम्र में विवाह जाहि कारण लड़की पक्ष लड़का के आत्म निर्भर देखैत उम्रक बिन परवाहे विवाह के स्वीकृति देनाय ।
2) बढ़ैत दहेज के मांग देखैत लड़की पक्षक आर्थिक कमजोरी कारण बिन वयस देखने निक घर वर के चाह में विवाहक स्वीकृति ।
और बहुत रास कारण जे जे बेमेल विवाह के जन्म दैत छै । जे वर्तमान में भयंकर रूप धारण खेने जा रहल अछि । पारिवारिक विखण्डन के जन्म दय रहल अछि । रंग रूप शैक्षणिक स्तर सं उत्पन्न विभेद के उमेर के समरूपता के कारण समान वैचारिक भावना के बल पर पाटल जा सकै छै मुदा जौ वैचारिक भावना में सामंजस्य नहि त विखंडन अवश्यंभावी । अतीत में अनेक उदाहरण जे विद्वान के विवाह मुर्ख स्त्री सँ , अमीर घर के बेटी गरीब घर में , बड्ड कुरूप बर के सुंदरी कनिया स़़ विवाह भेल खुब नीक सं दाम्पत्य जीवन निबाह भेल ।जाहि में परिलक्षित भेल जे समवयस होएबाक कारण आपसी सुझबुझ के समानता स सफल रहला । मुदा आधुनिक समय मे कनिक विषमता दरार उत्पन्न करैत छै जे भावना के कमी के परीचायक छै। ताहि हेतु निहोरा जे हमरा लोकनि एहि बिन्दु पर सम्यक विचारोपरांत जोड़ी के निश्चय करी जे सबल पारिवारिक जुड़बंध के मार्ग प्रशस्त करय एतवे निवेदन 🙏🏼