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“देश के प्रति पूर्ण समर्पण के भावना”

— विवेकी झा।                               

  1. अपन देश के आजादी के बाद ओकरा पूर्ण गणतंत्र भेटै मे लागल आ सबसे पैघ लिखित संविधान बनबै में जे 2 साल 11 महीने व 18 दिन के अथक मेहनत छल ओकरे परिणाम स्वरुप आय हम आहाँ 73वां गणतंत्र दिवस मना रहल छी ।
    ओना अपन देश के आजादी त कतेको कुर्बानीक बाद 15 अगस्त 1947 क भेटल, पर ओकरा पूर्ण गनतंत्र बनय लेल अपन नियमाबली भेनाय बड जरुरत छलै।
    अपन संविधान बैन क 26 नवम्बर 1949 क तैयार आ पारित भ गेल , पर ओकरा प्रभावी ढँग सँ भारत के संविधान में 26 जनवरी 1950 के लागू कायल गेल । अहि दिन एकर उप्लक्ष में हम हर साल 26 नवम्बर के संविधान दिवस के रूप में मनाबैत छी ।
    26 जनवरी 1950 के बनल अपन संविधान सब भारत-वासि के लेल लागू कायल गेल । अहि संविधानक विधाता कहल जाय बाला बाबा साहेब आंबेडकर के अथक प्रयास सँ बनल लिखित संविधान के बनाबै में आ ओकर प्रक्रिया में सबसे पैघ योगदान छैन । भारत का संविधान विश्व का सबसे पैघ लिखित संविधान अइछ । एकरा लिखै में 2 साल 11 महीने और 18 दिनक समय लैग गेल छल ।
    26 जनवरी के दिन दिल्ली के राजपथ पर सबसे पैघ समारोह के आयोजन कायल जायत अइछ ।अहि दिन राष्ट्रपति द्वारा अपन राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के ध्वजारोहण कायल जायया ।अहि दिन देश के जल सेना, थल सेना आ वायुसेना के परेड राजपथ पर पूर्ण निस्ठाक सँग कायल जायत अइछ ।परेड में तीनों सेना के प्रमुख द्वारा राष्ट्रीपति के सलामी देल जायत छैन एवं सेना द्वारा प्रयोग कायल जाय वाला हथियार, प्रक्षेपास्त्र आ शक्तिशाली टैंकों सबके प्रदर्शन कायल जायत छै अहि परेड के माध्यम सँ सैनिक अपन शक्ति आ पराक्रम के दरसायल जायत अइछ ।गणतंत्र दिवस पर हर राज्य अपन अपन सांस्कृतिक झांकिया आ रँगा -रँग कार्यक्रम होयत अइछ ।देश अपन आन और शान के झलक विश्वक सामने रखैत अइछ ।

अहि दिन गांव की शहरों की , सबमे राष्ट्रभक्तिक भावना आ गीतक गूंज सुनाई दैत अइछ । प्रत्येक भारतवासी एक बार फिर अथाह देशभक्ति सँ भैर उठया । अहि दिनक सुरुआत बच्चा सभक प्रभात फेरी सँ होयत अइछ । अहि दिन कतेको आयोजि कार्यक्रम में बेहतरीन प्रदर्शन करै वाला प्रतिभाशाली विद्यार्थ‍ियों के सम्मान एवं पुरस्कार वितरण सेहो कायल जायत आ मिठाई वितरण विशेष रूप से होयत अइछ । बच्चा में अहि दिनक बेहद उत्साह देखल जायत अइछ । गणतंत्र दिवस पूरे देश में कार्यालयों, स्कूलों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों में मनायल जायत अइछ । गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्कूल आ कॉलेज में वाद-विवाद, भाषण, निबंध प्रतियोगिता आदि कतेको समारोह के आयोजित कायल जायत अइछ ।

देश के प्रति हमर समर्पण के भावना अहि देश के प्रति निष्ठावान बनबैत अइछ ।

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