— आभा झा।
दहेज समाज मे एक सामाजिक अपराध अछि जे महिला पर प्रताड़ना तथा अपराधक कारण अछि। अहि अपराधक कारण समाजक सब तबका के महिलाक जान लेने अछि- चाहे ओ गरीब हो,मध्यम वर्गक या धनाढ्य। एकर मुख्य कारण अछि जागरूकता तथा शिक्षाक अभाव। आइ सरकारो कतेक कानून बनेने अछि तथा सुधार अनने अछि,न सिर्फ दहेज प्रथा के नष्ट करय लेल बल्कि कतेक योजना लागू कऽ कन्याक स्थिति में सुधारक लेल सेहो। आब ई समाज पर अछि कि ओ जागरूक हुए तथा स्थिति के बुझै। ई हमर सबहक दायित्व अछि कि आवश्यक बदलाक लेल कदम उठाबी एवं दहेज देनाइ या लेनाइ बन्द करी। ई हमरा सबके बुझबाक चाही कि पहिने हम अपन धियाक मूल्य बूझि,ताकि जखन ओ पैघ हेती तऽ अन्य लोक सेहो हुनकर मूल्य बुझता। वास्तविकता तऽ ई अछि कि,जखन एकर जन्मदाता ही मनुष्य अछि तऽ एकर समाधान सेहो हुनके करबाक चाही। आब तऽ दहेज के रोकै लेल समाज में कतेक संस्था सब बनल अछि। युवक सं प्रतिज्ञा-पत्र पर हस्ताक्षर सेहो लेल गेल अछि। कानूनो बनल अछि मुदा समस्या जहिना के तहिना अछि। एखनो स्थिति में सुधार बड्ड कम भऽ रहल अछि। किछ बात के अपना कऽ समाज सं अहि बुराई के मिटाओल जा सकैत अछि –
1- अपन धिया के शिक्षित करू।
2-हुनका अपन कैरियर के लेल प्रोत्साहित करू।
3-हुनका स्वतंत्र और जिम्मेदार भेनाइ सिखाउ।
4-अपन धियाक संग बिना कोनो भेदभाव के समानता के व्यवहार करू।
5- दहेज देनाइ या लेनाइ अहि प्रथा के प्रोत्साहित नहिं करू।
दहेजक उन्मूलन लेल देशक युवा वर्ग में जागृति परम आवश्यक अछि जे धीरे-धीरे भऽ रहल अछि।अपन मिथिलाक मंच दहेज मुक्त मिथिला समूह अहि दहेजक कलंक के मिटेबाक लेल पूरा प्रयत्न कऽ रहल अछि। एहि समूह पर बहुतो दहेज मुक्त विवाह भऽ रहल अछि जे बहुत सराहनीय कदम अछि। अहिना धीरे-धीरे वर्तमान में परिवर्तन जरूरी अछि।जे दहेजक मांग करै ओहि परिवार में अपन धियाक विवाह नहीं करी। लोकक प्रवृति में परिवर्तन एबाक चाही। एकरा लेल शिक्षित युवक-युवती के आगू बढ़बाक चाही। अहि दिशा में युद्धस्तर पर क्रांतिक आह्वान जरूरी अछि। जेकर नेतृत्व युवा वर्गक हाथ में अछि।आब बहुतो युवा वर्ग एकर बहिष्कार केनाइ शुरू केने छथि। अहि प्रथाक उन्मूलनक लेल हर संभव प्रयास कैल जाय। अपन परिवारे सं पहिने एकर अंतक शुरूआत करी। धीरे-धीरे अपन परिवार और संबंधिक सोच में बदलाव सेहो देखय लेल भेट रहल अछि। लोक में जागरूकता तऽ आबि रहल अछि। धियाक माता-पिता धन लोलुप लोकक चक्कर में फंसै के बजाय अपन धिया के उचित शिक्षा दऽ हुनका अपन पैर पर ठाढ़ होइ के लेल अवसर प्रदान करैथ,तखने हमर समाज अहि कलंक सं मुक्त भऽ सकत। एकर संग ही संग पुनः हमरा सबके अहि धारणा के प्रति जागृत हेबाक चाही कि,”दहेज प्रेमक उपहार अछि ना कि ई जबरदस्ती खीचै वाला संपत्ति”।अतः हम कहि सकैत छी कि यदि भारत के प्रत्येक नागरिक हृदय सं दहेज ने लेब और ने देब के प्रतिज्ञा लियै तखने ई समस्या समाप्त भऽ सकैत अछि। वर्तमान समय में अपन देशक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अहि कुप्रथा के हटाबै के लेल बेटी बचाउ बेटी पढ़ाउ अभियान चलायल गेल अछि। धीरे-धीरे वर्तमान में आसक दीप जरै के शुरूआत भऽ चुकल अछि आर अहि दीप के सबके मिल कऽ अहिना दहेजक अंत के लेल जरेबाक अछि। जय मिथिला जय जानकी।