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“हमर गाम बदैल गेल अछि…”

— कृति नारायण झा।                   

हमर सभक गाम आब शहर बनि गेलैक अछि ।आब गामो मे राइत नहिं होइत छैक ।आठ बजे राति के बाद जे पूरा गाम शान्त भ जाइत छलैक आ खाली कुकूर के भुकवाक स्वर सुनाई पङैत छलैक संगहि कखनहुं हमर देबन भाई के बरद केर गरदैन में बांन्हल घंटी के स्वर सुनाई पङैत छलैक। सुभ्यस्त परिवार में साढे सात बजे आकाशवाणी पटना सँ प्रादेशिक समाचार अनन्त कुमार केर स्वर में सुनाई पङैत छलैक। आठ बजे में प्रायः सभक आंगन में भोजन करवाक लेल पीढ़ी केर स्वर सुनाई पङय लगैत छलैक। हम सभ भाई एकहि संगे एक पंक्ति में बैसि क खाइत छलहुं ।बाबूजी कहैथि जे एकहि संगे बैसि क खयला सँ आपसी स्नेह बढैत छैक। संगहि घरक स्त्रीगण सभकें एहि सँ फायदा होइत छलैन्ह जे एकहि बेर में काज निपटि जाइत छलैक ।मुदा आब टीवी के जमाना आबि गेल अछि ।प्रादेशिक समाचार के स्थान पर आब आर्यन खान के बारे में लोक सुनैत नहिं अपितु देखैत छैथि ।आब लोक गाम में कखन सुतैत छैथि से पता नहिं चलैत अछि। भोर में बम बाबा के पराती “जागहु राम कृष्ण दोहु मूरत दसरथ नन्द दूलारे” नहिं सुनाई पङैत अछि। पहिले हमर देवन भाई चारि बजे भोर मे उठि क बरद आ महीस के लेल कुटीकट्टा सँ कुट्टी काटि क खुअबैत छलाह ।गाय केर छोटका बच्छा बाछी केर आवाज़ सुनाई पङैत छलैक आब हमर भाई भोर में आठ बजे उठैत छैथि। उठि क दतमैन नहिं कय कुल्ला क क चाह पिवैत छैथि। आब ओ अपना के एडवांस कहवैत छैथि। पहिले हरवाहक संग कोदारि ल क हठ्ठा जाइत छलाह आब चाहक चुस्की लैत कलर टेलीविजन पर देश विदेश के समाचार सुनैत छैथि। आब गाम पूर्णरूपेण विकसित भ गेल अछि……….

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