“पोखरि :- ग्रामीण लोकनि के सहारा”

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भावेश चौधरी                               

नमस्कार मिथिला।। हम दरभंगा जिला अंतर्गत गांव पिंडारुच स्थित नारायणपुर के पोखर छी। करीब 4 एकड़ में पसरल ।। हमार जन्म 1910 ईस्वी में भेल अछी। लोकक मान्यता के अनुसार अकाल समय में जमींदार द्वारा ओई वर्ष हमर निर्माण भेल रहा ! चारु तरफ स्थित ऊंच बांध और बीच में स्थित पक्का घाट अमर अस्तित्व के रक्षक छैथ। चारु तरफ स्थित आम आ लीची के गाछी हमर सुंदरता में चार चांद लगबैत अई । बर्षा आ नदी के पाइन द्वारा प्रकृति हर वर्ष हमरा लबालब केने रहै छैथ।हमर पाइन गामक जीव जंतु आ चिड़िया के लेल हुनकर अमूल्य जीवन के बड़का सहारा छैन।।गांव वासी द्वारा हमर पाइन के उपयोग उन्नत खेती के लेल प्रयोग में प्रमुखता सा लेल जय अई।गर्मी के मास में गांव के बच्चा सबके अपन गोदी में जल क्रीड़ा करैत देख जे आत्म संतोष होइत अई ओकर विवरण शब्द में नई का सकई छी। मछली पालन के रूप में ग्रामीणक रोजगार के हम आगू बढ़बैत छी।
ऐते वर्ष में हम सब मौसम देखलौ।गर्मी में लू के थपेरा सहलऊ,ठंडा में बर्फीला पाइन समेटलऊ। बदलैत पर्यावरण के देखलऊ।जमींदार के जमींदारी देखलऊ।समय संगे लोकक बदलइत जीवन देखलऊ।संगे संगे हमर जीवन सही बदैल रहल अई।गर्मी में अधिकता व वर्षा में कमी के कारण कतेक बेर हमरा जीवन बचाबई लेल संघर्ष करई परैत अछी।लेकिन ग्रामीण लोकनि के तत्परता एवम उपाय द्वारा पुनः हलाहल होई छी।एखनो पोखैर के प्रति ग्रामीण सम्मान हमरा आह्लादित करैत रहैत अई। दुर्गापूजा में जतरा दिन जयंती चढ़ा के हमरा प्रणाम करा के परंपरा हुआ या छैठ के पूजा में वृहत सफाई अभियान के बाद हमरा सजा धजा के सम्मान देबाक बात, ई सब देख मोन गदगद भेल रहई अई।गांव के जे लोक बाहर शहर में रहैत छैथ , ओ जेखन गांव आईब के सांझ में हमर घाट पर बैस आमोद प्रमोद करैत छथ ता हुनका सबके देख कतेक आईख आ मोन जुराई अई।।ग्रामीण के हमर धन्यवाद जे हमरा सर्वाधिक महत्व दैत हमर अस्तित्व के रक्षा में तत्पर रहैत छइथ।।
लेकिन किछु शिकायत सेहो अई हमर।हमर आसपास स्थित छोट पोखरी/डबरा के धीरे धीरे सब बिसैर रहल अई। अधिकांश डबरा के पाटल जा रहल अई।जल के श्रोत में कमी पर कमी भा रहल अई। भविष्य में एकर कारण जे जलस्तर में कमी होयत ओकर कल्पना मात्र सा हम डरा जैत छी।उम्मीद करई छी जे जनता आ सरकार पोखरीक निर्माण आ जीर्णोधार के ला का एक बेर फेर सा जागृत होता,आ आबई वाला पीढ़ी के पाइन के दिक्कत नई होबई देता। समस्त लोकैन पाइन के महत्व बुझैत पोखईर के पुनर्जीवित करई जाऊ,से निवेदन करैत हम अपन वक्तव्य समाप्त करई छी।।नमस्कार।।