कोना बिसरल छी हमरा कन्हैया
बिनु आहाँ जियल नै जाइया
हमर जीवन फँसल मँझधार यौ
आहाँ पार लगा दिय नैया
नाम आंही के लैया संसार यौ
करी अद्भुत आहाँ चमत्कार यौ
मनमोहन छी वंशी बजैया
बिनु आहाँ जियल नै जाइया
कोना बिसरल छी ………..
आहाँ मात्र भाव के भूखल
चोरी कय खेलौ माखन
गोपियन संग रास रचैया
बिनु आहाँ जियल नै जाइया
कोना बिसरल छी ………..
आहाँ कुबरी के केलौ उद्धार यौ
करू हमरो त बेरा पार यौ
आहाँ के देखय लय नैन तरसैया
बिनु आहाँ जियल नै जाइया
कोना बिसरल छी ………….
बिनु आहाँ ………………
हमर जीवन ……………..
आहाँ पार ………………।
डॉ.प्रतिभा स्मृति
दरभंगा (बिहार)